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Thursday, January 2, 2020







                                                       




  

खजूर
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खजूर का वैज्ञानिक नाम फिनिक्स डेक्टाइलिफेरा है जो ताड़ प्रजाति का वृक्ष होता है। जिसके फल खाद्य रूप में प्रयोग किए जाते हैं। बहुत पहले से इसकी खेती की जा रही है। यह मध्यम आकार से लेकर बड़े पेड़ के रूप में पाया जाता है। अक्सर कई तने एक ही मूल से जुड़े होते हैं या फिर अकेले भी बढ़ता है।
आसमान से गिरा खजूर में अटका एक हिंदी मुहावरा प्रचलित हैं जिसका अर्थ है कि एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंसना अर्थात इस वृक्ष का आकार बहुत ऊंचा होता है इसलिए यह कहावत प्रचलित है।
 खजूर जो वास्तव में देखने में बेर जैसा लगता है लेकिन बहुत गुणकारी फल होता है। सर्दियों में इसका उपभोग किया जाता है। इस पौधे की पत्ती बहुत लंबी होती है तथा नुकीली होती है।
 खजूर का नाम लेते मुंह में मिठास घुल जाता है। वास्तव में बहुत मीठे होते हैं तथा इसमें बहुत अधिक फाइबर पाया जाता है। खजूर में रूक्षांस पाया जाता है जो सेहत के लिए फायदेमंद है। इसे अंग्रेजी में डेट्स नाम से जाना जाता है। यह त्वचा और शरीर को बहुत अधिक पोषण देता है।
खजूर ताड़ की प्रजाति माना जाता है। पत्तियां करीब 4 से 6 मीटर लंबी होती है। खजूर की खेती माना जाता है सबसे पहले ईराक में शुरू हुई थी बाद में अन्य देशों में पहुंच गया। अगस्त और दिसंबर माह में ताजी खजूर मिलते हैं लेकिन सूखे खजूर साल भर उपलब्ध हो जाते हैं।
 खजूर कई प्रकार का पाया जाता है जिनमें अजूबा  टैबलेट ,हल्बी ,बरही आदि नामों से जाना जाता है। खजूर सेहत के लिए बहुत लाभप्रद है क्योंकि इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैंग्नीज, प्रोटीन, जिंक, विटामिन बी-6 और विटामिन के पर्याप्त मात्रा में मिलता है। इसके अतिरिक्त खजूर में कार्बोहाइड्रेट ,लोहा वसा, रुक्षांस और फैटी एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं। हृदय हमारे शरीर का महत्वपूर्ण भाग है जिसके बगैर कल्पना भी संभव नहीं है। जिसके लिए खजूर बहुत लाभप्रद है।
खजूर एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं और कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं। धमनियों के रोगों से भी बचाते हैं। खजूर खाने से उदर नहीं बढ़ेगा। खजूर में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम, तांबा, मैंग्रीज
आदि पाए जाते हैं जो हड्डियों के लिए लाभप्रद हैं। खजूर रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
 इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम होता है जो रक्तचाप को घटाता है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आहार में डेट्स लेना जरूरी है। शरीर में खजूर ऊर्जा बढ़ाता है।
खजूर में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है। खजूर दर्द और सूजन से लडऩे की क्षमता रखता है, यौन संबंधित विकारों में यह लाभप्रद है क्योंकि इसमें 23 प्रकार के अमीनो एसिड पाए जाते हैं। गर्भावस्था के समय भी खजूर लेने से बच्चे और मां के लिए सुरक्षा होती है। इसमें ऊर्जा अधिक पाई जाती है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। खजूर का सेवन करते रहने से इम्यून सिस्टम बढ़ जाता है और शारीरिक रोग घट जाते हैं। कोलेस्ट्राल घट जाता है, डायरिया रोग नहीं होता, मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। कुछ प्रकार के कैंसर में भी सहायक है वहीं कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ाने में सहायक है।
 जो वक्त कमजोर हो है वह इसका उपयोग कर सकते हैं। नशे से बचाने में भी इसका अहम रोल है। बवासीर मांसपेशियों की विकास, पेट की चर्बी कम करने, एनीमिया, आंतों की विकार, त्वचा संबंधी समस्या, बालों की समस्या खजूर से मिटाई जा सकती है। खजूर में जहां
पानी 21 प्रतिशत पाया जाता है वही अनेकों प्रकार के विटामिन खनिज लवण पाए जाते हैं। इसलिए सनेक्स के रूप में लेते हैं वहीं कुछ लोग ब्रेकफास्ट के रूप में प्रयोग करते हैं ।इसका मिल्कशेक भी प्रयोग करते हैं वही जूस बनाकर भी लोग पीते हैं। ऐसे में खजूर औषधीय गुणों से भरपूर पदार्थ है। खजूर सेहत के लिए लाभप्रद है किंतु कई बार नुकसान भी करता है।
 ज्यादा खाने से हाइपरकलेमिया और लकवा भी लकवा लगने की संभावना बढ़ जाती है। छोटे बच्चों में लाभप्रद नहीं हो सकता है क्योंकि आंत अच्छी प्रकार विकसित नहीं होती है।
खजूर हर प्रकार से शरीर के लिए लाभप्रद है। खजूर का सेवन जरूर करना चाहिए।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना, महेंद्रगढ़, हरियाणा**

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