अर्जुन
(टेरमिनालिया अर्जुना)
भारत देश की समृद्ध भूमि
भरी हुई है जड़ी बूटियों से
प्रयोग करते आए ऋषि मुनि
रोग भगाते थे आहुतियों से,
जहां पांडव का नाम अर्जुन
एक पेड़ भी अर्जुन कहाता
भारतवर्ष में बहुत मिलता है
कई रोगों में खुशहाली लाता,
छाल गिरती रहती हर साल
ब्रुस जैसे लगते इस पर फूल
हरे खुरदरे लगते फिर फल
पहचानने में मत करना भूल,
इसके पत्तों पर पलता माथ
टसर बनाता काम आता है
हृदय रोगों में आता है काम
बुखार को यह दूर भगाता है,
घाव हो या हो फोड़ा, फुंसी
दर्द निवारक का यह है रूप
कई प्रकार के अमल मिलते
अचार बनाओ या फिर सूप,
त्वचा रोगों को दूर भगाता है
पेशाब नली रोगों से बचाए
सेक्स रोगों में यह रामबाण
मासिक धर्म में यह हंसाए,
पार्क, बगीचा हो या विरान
मिल जाए खड़ा अर्जुन वहां
औषधीय पौधा यह होता है
ढूंढ लो इसको मिलता जहां,
काष्ठकीय तना इसका होता
हरा भरा गर्मी में यह मिलता
गर्मी में मिलते बहुत से फूल
वर्षा, आंधी में खूब हिलता।।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
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