बुई
( ईरवा जवानिका)
बुई नाम से जाना जाता
जंगली पौधा खड़ा हुआ
किसान निराई जब करते
करते बुई को तुरंत सुहा,
बार-बार खेत में पनपता
जहरीला पौधा कहलाता
खाना इसे महंगा पड़ता
कई दवा में काम आता,
जब जूतों में बदबू होती
बुई तोड़ जूतों में लगाओ
बदबू दूर तुरंत हो जाती
पैरों को कटने से बचाओ,
बुई तेल अति जहरीला
लिवर को कर दे खराब
पाचन तंत्र भी नष्ट होता
यह जहरीली एक शराब,
कुछ जहरीले पदार्थ मिले
घाव, ब्लीडिंग को रोकता
कई रोगों में काम आता है
शरीर के दर्द को शोखता,
डेजर्ट का कपास कहाए
बकरी इसे चाव से खाए
दांत दर्द अगर हो जाए तो
इसके कुल्ला करके भगाए,
जलन, घाव सभी मिटा दे
मिट्टी कटाव पर रोक लगाए
गुर्दे व गठिया रोगों जब हो
बुई पौधों का लाभ उठाए,
कपोक ब्रुस नाम पड़ा है
विभिन्न देशों में पाया जाए
इसके कोमल पत्ते देखकर
जीवों के मन को यह भाए।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना********
No comments:
Post a Comment