भाखड़ी
(ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस)
अल्प जल में भी पनपता
गोक्षुर, गोखरू कहलाता
दशमूल में है एक औषधि
कठोर भूमि में मिल जाता
पीले फूल आते हैं इस पर
चने जैसे फिर लगते फल
किसानों के पैरों में लगते हैं
जब वो चलाते खेत में हल,
भाखड़ी, भाखरी, भाखड़ा
कहते इसी को गांवों में जन
आयुर्वेद में है छोटा गोखरू
अनमोल फल कीमती धन,
भेड़ बकरी अगर खा ले तो
रोग होने का भय बन जाए
शीतल, मधुर, पुष्ट, दीपन
खाए इसे जन रोग भगाए,
गरीब लोग आटा बनाकर
खाते हैं गोखरू का आटा
मूत्रविरेचक, पुष्टीवर्धक है
सैकड़ों रोगों को कहे टाटा,
वीर्यक्षीणता में है रामबाण
नपुंसकता को कर देता दूर
महिलाओं के रोग मिटाता
वायु और कफ को करे चूर,
ग्रामीण लोग इसे फाड़कर
बनाते हें सुंदर ऊंट का चारा
सैकड़ों रोगों को मिटा देता
बहु औषधीय गोक्षुर हमारा,
किसानों के लिए खरपतवार
सूखे तो बिखरे कांटे हजार
7 वर्ष तक बीज उग सकता
कर लो कर लो इससे प्यार।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
(ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस)
अल्प जल में भी पनपता
गोक्षुर, गोखरू कहलाता
दशमूल में है एक औषधि
कठोर भूमि में मिल जाता
पीले फूल आते हैं इस पर
चने जैसे फिर लगते फल
किसानों के पैरों में लगते हैं
जब वो चलाते खेत में हल,
भाखड़ी, भाखरी, भाखड़ा
कहते इसी को गांवों में जन
आयुर्वेद में है छोटा गोखरू
अनमोल फल कीमती धन,
भेड़ बकरी अगर खा ले तो
रोग होने का भय बन जाए
शीतल, मधुर, पुष्ट, दीपन
खाए इसे जन रोग भगाए,
गरीब लोग आटा बनाकर
खाते हैं गोखरू का आटा
मूत्रविरेचक, पुष्टीवर्धक है
सैकड़ों रोगों को कहे टाटा,
वीर्यक्षीणता में है रामबाण
नपुंसकता को कर देता दूर
महिलाओं के रोग मिटाता
वायु और कफ को करे चूर,
ग्रामीण लोग इसे फाड़कर
बनाते हें सुंदर ऊंट का चारा
सैकड़ों रोगों को मिटा देता
बहु औषधीय गोक्षुर हमारा,
किसानों के लिए खरपतवार
सूखे तो बिखरे कांटे हजार
7 वर्ष तक बीज उग सकता
कर लो कर लो इससे प्यार।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
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