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Friday, February 14, 2020



 मेहंदी
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हिना
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मेहंदी
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लासोनिया इनर्मिस
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हिना या मेहंदी एक पुष्पीय पौधा होता है जिसका वानस्पतिक नाम लासोनिया इनर्मिस है। इसे त्वचा, बाल, नाखून, चमड़ा और ऊन रंगने के काम में प्रयोग किया जाता है। यह कांटेदार पौधा है। यह विभिन्न देशों पाया जाता है। अधिकतर घरों के सामने की वाटिका या बागों में इसकी बाड़ लगाई जाती है। यह झाड़ी का रूप धारण कर लेती है। कभी कभी जंगली रूप से उग आती है।  
            कायिक प्रजनन विधि से पौधे लग जाते हैं। इसके छोटे सफेद/पीले रंग के फूल निकलते हैं जो वातावरण को सुगंधित करते हैं। फूलों से सुगंधित तेल भी निकाला जाता है। इसकी पत्तियों को पीसकर एक प्रकार का लेप बनाते हैं जिसे महिलाएं शृंगार रचाती हैं। लेप को लगाने के कुछ घंटों के बाद धो देने पर लगाया हुआ स्थान लाल  रंग जाता है।  पत्तियों को पीसकर भी रख लिया जाता है जिससे रंग देने वाला लेप तैयार किया जाता है। इस पौधे की छाल तथा पत्तियां दवा में प्रयुक्त होती हैं।
 
मेहंदी प्राय स्त्रियों के प्रसाधन के रूप में उपयोग किया जाता है। मेहंदी कब्ज इलाज, रक्तस्राव, छाले, अल्सर, चोट, बुखार रतांधी के दर्द में भी लाभकारी होती है। मेहंदी का रस निकालकर तेल में पकाकर मालिश करने से पीड़ा नष्ट हो जाती है। वही पत्तों को पीसकर लेप लगाने से रतोंधी का दर्द खत्म हो जाता है।
  मेहंदी का रस शहद के साथ प्रतिदिन पीने से कुष्ठ रोग, चर्म रोग, एक्जिमा आदि के अतिरिक्त रक्त शोधक होता है। दांत और मसूढ़ों के रोग में भी मेहंदी के पत्ते का काढ़ा लिया जाता है। मेहंदी के पत्ते और साबुन में मिलाकर शरीर के काले धब्बे नष्ट करने के काम में लेते हैं।
 मेहंदी के पत्तों को पानी में भिगोकर कुल्ले करने से मिट मसूड़े का दर्द मिट जाता है।  पैरों के तलवों में जलन हो मेहंदी लगाकर कई रोग ठीक किए जा सकते है। गुर्दे की पथरी का रोग भी मेहंदी से दूर किया जा सकता है। पैरों की अंगुलियां में गलन हो तो सरसों का तेल लगाकर मेहंदी मेहंदी का लेप करने से राहत मिल जाती है।  हाथ कटने लगे तो मेहंदी को हल्दी में मिलाकर लेप किया जाता है। घावों पर भी मेहंदी का लेप किया जाता जा सकता है।
 बालों को काला करने के लिए मेहंदी लगाई जाती है। बवाई फट गई है तो मेहंदी काम आती है। मिर्गी रोग, थकान में भी मेहंदी पैरों के तलवों पर लगाने से राहत मिलती है। दिमाग को ठंडा रखने में भी प्रयोग किया जाता है। मेहंदी शरीर में बढ़ी हुई गर्मी को भी निकाल देती है। यदि मेहंदी को स्वच्छ पानी में डालकर पीने से रक्त की सफाई होती है। किंतु बाजार में उपलब्ध में अनेकों रासायनिक पदार्थ मिले होते हैं जिसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
मेहंदी के पत्तों में अनेकों रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं। जो दाग दूर करने, सुजाक रोग, यौनशक्ति में भी मेहंदी लाभप्रद है। चर्म रोग, सिरदर्द, तलवे की पीड़ा, मस्तिष्क रोग में काम आता है। शारीरिक सौंदर्य के लिए, अनिद्रा, बालों में रंग करने में भी मेहंदी काम में लाई जाती हैं। नेत्र रोग, पीलिया रोग, तिल्ली का रोग, दस्त में भी मेहंदी काम में लेते हैं। पेशाब की जलन, घुटनों का दर्द, हृदय विकार फोड़े फुंसी, चेचक रोग, आग की जलन, सूजन में मेहंदी लाभप्रद है। बालों को काला बनाने, सिर चकराने में मेहंदी बहुत लाभप्रद है। मेहंदी को झाडिय़ों के रूप में लगाया जाता है। मेहंदी बहुत लाभप्रद है किंतु इसके नुकसान भी हैं। कभी कभी मेहंदी खुजली, फोड़े फुंसी जैसी एलर्जी कर देती है।














**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**

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