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Monday, March 2, 2020

बैंगन
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सोलानम मेलोंगेना
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एगप्लांट
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बैंगन फल सब्जी के लिए दुनिया भर में उगाया जाता है। यह द्विबीजपत्री पौधा है जिसकी मूसला जड़े पाई जाती हैं और यह अधिक ऊंचा नहीं बढ़ता। यह प्राय झाड़ीनुमा होता है।
बैंगन फल का उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है। हालांकि अक्सर एक सब्जी माना जाता है किंतु यह एक बेरी है।  यह टमाटर और आलू से पौधों से संबंधित है।  बैंगन मूल एवं गौड़ तत्व कम पाए जाते हैं।
यह मूल रूप से जंगली नाइटशेड प्रजाति के कांटे या कड़वे सेब का ही रूप है। बैंगन एक नाजुक बारहमासी पौधा है जिसे सर्दियों में उगाया जाता है। तना प्राय: चमकदार होता है। फूल सफेद से बैंगनी रंग के होते हैं। फल अंडे के आकार के, चमकदार और सफेद मांस के साथ बैंगनी होते हैं और एक स्पंजी बनावट के होते हैं। बैंगनी,पीले, हरे, सफेद आदि रंगों वाले बैंगन की खेती की जाती है।

यह जंगली रूप में भी पाया जाता है किंतु उसके फल छोटे होते हैं।फल में कई छोटे, नरम, खाद्य बीज होते हैं जो कड़वा स्वाद रखते हैं।
  इसका मूल भारत ही माना जाता है। पैदावार के क्षेत्र में चीन एक नंबर पर तथा भारत का स्थान दूसरे नंबर पर आता है। पौधे के अलग-अलग आकार, आकार और रंग के फल पैदा करते हैं। एक गहरे बैंगनी रंग की त्वचा के कारण प्रसिद्ध हैं।
  एक सौ ग्राम बैंगन 25 किलो कैलोरी ऊर्जा देता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, शर्करा, आहारी रेशे, शर्करा,प्रोटीन,विटामिन जिनमें थायमिन, राइबोफ्लेविन,विटामिन बी-6, फोलेट, विटामिन-सी, विटामिन-ई, खनिज लवणों में कैल्शियम, मैग्रेशियम, लोहा, मैंग्रीज,फास्फोरस, पौटैशियम,जस्ता आदि पाए जाते हैं।
बैंगन को संभालने या खाने के बाद खुजली वाली त्वचा या मुंह, हल्के सिरदर्द और पेट खराब होने के कभी कभार देखे जा सकते हैं।बैंगन की विभिन्न किस्में पाई जाती हैं जिनमें जापानी बैंगन जो आकार में लंबा और पतला होता है। चाइनीज बैंगन ज्यादा लंबा, हल्का और कम मीठा होता है। इसमें बीज काफी कम होते हैं और रसदार गूदा होता है। ग्राफिटी बैंगन के बाहरी सतह पर धारीदार और बिखरे हुए निशान पाए जाते हैं। यह हर आकर में पाया जाता है। बियांका बैंगन  बड़ा और गोल आकार का होता है। इसका रंग सफेद होता है। टैंगो बैंगन बैंगन आकार में अंडे के समान होता है। इसकी बाहरी त्वचा मोटी और गूदा अधिक होता है।  सैंटाना बैंगन का साइज में बड़ा होता है, लेकिन दिखने में पानी की एक बूंद जैसा होता है। इसके अतिरिक्त थाई बैंगन आदि कई प्रकार के होते हैं। 
   बैंगन मधुमेह में लाभकारी माना जा सकता है। इसमें फेनोलिक एंटीआक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसमें बैंगन में विटामिन-ए, विटामिन-सी के साथ बी-कैरोटीन आदि पाए जाते हैं। इसलिए यह हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। बैंगन का उपयोग याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें लोहा, जिंक, फोलेट और विटामिन ए, बी व सी उपयोगी माना जाते हैं। ऐसे में बैंगन बे-गुण नहीं है अपितु बहुत उपयोगी होता है।
बैंगन धूम्रपान छोडऩा चाहते हैं उनके लिए लाभकारी होता है क्योंकि इसमें अति अल्प मात्रा में निकोटीन मौजूद होता है। बैंगन पाचन तंत्र को सुधारने में महत्वपूर्ण कहा जा सकता है। वहीं  वजन घटाने  में लाभकारी है क्योंकि इसमें वसा की मात्रा काफी कम होती है। कैंसर में भी यह सहयक हैं। इसका गहरा रंग कैंसर में लडऩे में मददगार साबित हो सकता है। यह शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है क्योंकि इसमें विटामिन ए, सी, डी, ई, बी-2, बी-6, बी-12, फोलिक एसिड लोहा, सेलेनियम और जिंक पाए जाते हैं जो शरीर को रोगों से लडऩे की क्षमता प्रदान करते हैं। इसमें विटामिन बी-12,फोलेट और लोहा होने से खून की कमी को दूर करता है।
    बैंगन का उपयोग वजन घटाने व कोलेस्ट्रोल को घटाने में भी प्रयोग होता है। बैंगन शरीर में तुरंत ऊर्जा प्रदान करना भी शामिल है। इसमें कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों के लिए, अनिद्रा को दूर करने काम आता है। त्वचा को चमकदार बनाने,
 त्वचा से दाग धब्बों, झाइयों और मुंहासे जैसी समस्या को दूर करने के काम में लाया जाता है।यह त्वचा को मुलायम भी बनाता है। विटामिन ई होने के कारण बढ़ती उम्र को रोकता है। इसका सेवन
लंबे और मजबूत बनाता है। बालों की जड़े भी मजबूत बनती हैं।

   बैंगन को पकाकर ही खाया जाता है। इसे रसेदार या सूखी सब्जी, बैंगन के पकोड़े तथा रायता, कढ़ी आदि में डालने के अलावा मिक्स सब्जी में भी प्रयोग किया जाता है। इसका भड़ता विषेा लोकप्रिय होता है। इसे रोटी, चावल आदि के साथ खाया जाता है।
कहने को लोग इसे बे-गुण भी कहते हैं किंतु स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद सब्जी है। बैंगन में बहुत से ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो दूसरी किसी सब्जी में आमतौर पर नहीं मिलते हैं।
इसमें पोटेशियम व मैंगनीशियम की अधिकता होती है जिसकी वजह से कोलस्ट्राल का स्तर बढऩे नहीं पाता है। बैंगन रोगरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
बैंगन के रस का इस्तेमाल दांत दर्द में दर्द निरोधक की तरह काम करता है। इसके रस से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। 

एगप्लांट में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जो आपकी त्वचा को खूबसूरत बनाने में मदद करता है। ये त्वचा को मुलायम और कोमल बनाता है। साथ ही एंटी एजिंग की तरह काम करता है। आइए जानते है बैंगन किस तरह से हमारे त्वचा के लिए लाभदायक साबित होता है। यह खून को साफ करने में, पेट के विकार आदि को ठीक करने में मदद करता है। इससे आपके चेहरे में एक अलग सी चमक और त्वचा में जान आ जाती है।
  बैंगगन खाने से शरीर और त्वचा को अच्छी तरह से हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है। धूप से बचाता है। बालों की लम्बाई बढ़ाने के लिए,बालों को झडऩे से रोकने के लिए बैंगन में गुण पाए जाते हैं। एगप्लांट का नियमित सेवन करना आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। यह कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करने और आपके रक्तचाप को स्थिर करने में मदद करता है। जिसके कारण ह्दय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही आपके शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेट करता है। इसमें मौजूद पोटिशियम भी दिल के बीमारी को दूर करने में मदद करता है।
 कुछ मान्यता हैं कि चूल्हे पर भुने हुए बैंगन में शक्कर डालकर सुबह खाली पेट खाने से रक्त की कमी दूर हो जाती है। बैंगन का सूप तैयार किया जाए जिसमें हींग और लहसून भी स्वाद के अनुसार मिलाया जाए और सेवन किया जाए तो यह पेट फूलना, गैस, बदहजमी और अपची जैसी समस्याओं में काफी राहत देता है। लीवर की बीमारियां होने पर भी बैंगन का सेवन लाभदायक होता है। बैंगन की पत्तियों में हल्का निद्राकारी तत्व उपस्थित रहता है। कई दवाईयां बनाने में इसकी पत्तियां काम आती हैं। यह याद रखें कि सब्जी बनाते समय इसका डंठल व्यर्थ समझकर फेंकना नहीं चाहिए, क्योंकि इसमें पौष्टिक तत्वों की अधिकता होती है। बैंगन ताजा ही खाने चाहिए सूखने पर नहीं।
  बैंगन में मौजूद आहारी रेशे पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने में मदद करते है। फाइबर आंतो की क्षमता को बढ़ाता है। 1993 में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि किसी अन्य सब्जी के तुलना में बैंगन में निकोटीन की मात्रा अधिक होता है। ऐसे में यह उन लोगों को मदद करता है जो धूम्रपान छोडऩा चाहते हैं। बैंगन के विटामिन घाव को भरने में सहायक होता है।
बैंगन  सिरदर्द, अवसाद, कमजोरी, और में लाभकारी है। यह हीमोग्लोबिन स्तर बढ़ता हैं। जहां इसके लाभ हैं वहीं इसकी हानियां भी हो













ती हें। यह एलर्जी कर सकता है।  गर्भवती महिलाओं को बहुत अधिक बैंगन खाने की सलाह नहीं दी जाती।
**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**

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