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Friday, March 27, 2020

गुड़हल














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जवाकुसुम
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हिबिस्कस रोज़ा साइनेंसिस
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चीनी हिबिस्कस/ चीन गुलाब/हवाई हिबिस्कस
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गुलाब मल्लो/ हिबिस्कस
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शू फ्लोवर/चाइनीज रोज
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चाइनीज रोज मालवेसी परिवार का फूलों वाला पौधा है जिसे वैज्ञानिक भाषा में हिबिस्कस रोज़ा साइनेंसिस नाम से जाना जाता है। यह कपास और भिंडी कुल में एक पौधा है। आम भाषा में इसे गुडहल कहते हैं। यह वृक्ष के रूप में पाया जाता है। इसकी सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं वार्षिक या बहुवार्षिक होती हैं। ये झाड़ी से लेकर वृक्ष रूप में मिलता हैं। इसकी प्रजातियां मलेशिया तथा दक्षिण कोरिया का राष्ट्रीय पुष्प है।
 गुड़हल की व्यापक रूप से खेती की जाती है। इसके अनेक रंगों के फूल आते हैं जिनमें लाल, पीला एवं सफेद प्रमुख हैं। यह एक सजावटी पौधे के रूप में व्यापक रूप से उगाया जाता है। घरों तथा गमलों में एवं पार्कों में प्रमुख रूप से मिलता है।
  गुड़हल एक झाड़ीदार, सदाबहार झाड़ी या छोटा पेड़ होता है। इसमें गर्मियों में चमकदार पत्ते और शानदार लाल फूल लगते हैं। फूल दूर तक दिखाई पड़ते हैं। फूल बड़े, विशिष्ट आकार के होते हैं जिसमें पांच पंखुडिय़ां होती हैं। विभिन्न संकर पुष्प तैयार कर लिए गए हैं।
  फूल में हरे रंग के बाहृदल पुंज पाए जाते है। पकई पंखुडिय़ों और कई रंग की होती हैं। फूल के अंडाशय और अन्य मादा भाग नलीकार होते हैं। फूल द्विंिलंगी होते हैं। फूल में केवल एक अंडाशय होता है जो श्रेष्ठ होता है। फूल के नर भाग लंबे तंतुमय होते हैं। गुड़हल में सैकड़ों पुंकेसर होते हैं। फूल पूर्ण बेहतर अंडाशय वाला होता है।
जड़ एक शाखित होती है।
यह द्विबीजपत्री होता है। तना हवाई, हरा और शाखित होता है। पत्ती सरल एवं अंडाकार होती है।
गुड़हल कई पौधों की प्रजातियों में से एक है, जिसमें एक आनुवंशिक विशेषता है जिसमें गुणसूत्रों के दो से अधिक पूर्ण सेट होते हैं। जहां संतान का फेनोटाइप माता-पिता से काफी भिन्न हो सकता है।
गुड़हलके फूल खाए जा सकते हैं और सलाद में उपयोग किए जाते हैं। फूलों का उपयोग बालों की देखभाल में तैयारी के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग भारत के कुछ हिस्सों में जूते चमकाने के लिए भी किया जाता है इसलिए इसे शू फ्लोवर नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग पीएच इंडिकेटर के रूप में भी किया जा सकता है। यह देवी की पूजा के लिए भी प्रयोग किया जाता है। लाल किस्म का उपयोग काली की पूजा के लिए किया जाता है। फूलों को पेय में इस्तेमाल करने के लिए सुखाया जाता है। फूल की चाय बनाकर पीते हैं।
यह चीनी जड़ी-बूटियों में काम आता है। गुड़हल की पंखुडिय़ों से एक काले रंग की जूता-पॉलिश बनाने,काले बालों को डाई करने के लिए किया गया है। त्वचा देखभाल में काम में लेते हैं। फूलों से एक अर्क को पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करके एक एंटी-सोलर एजेंट के रूप में काम में लेने के प्रयास किए जा रहे हैं।
 यह कम तापमान को सहन नहीं करता है। यह गर्मियों में बेहतर ढंग से पनपता है। इसे चमेली, कमल, गुलाब के रूप में जाना जाता था। मलय में उत्सव फूल के रूप में जाना जाता है।
  गुड़हल की कुछ प्रजातियों को उनके सुन्दर फूलों के लिये उगाया जाता है। गुड़हल की चाय भी सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है। इसकी प्रजाति कागज बनाने में काम आती है। गुड़हल के फूलों को देवी और गणेश जी की पूजा में अर्पित किया जाता है। गुड़हल के फूल फफूंदनाशी,  त्वचा को मुलायम बनाने के काम में लेते हैं वहीं इसके फूलों का इस्तेमाल बालों की देखभाल के लिये करते हैं। इसके फूलों और पत्तियों को पीस कर इसका लेप सर पर बाल झडऩे और रूसी की समस्या से निपटने के लिये लगाया जाता है। इसका प्रयोग बालों के तेल बनाने में भी किया जाता है।
  गुड़हल डाइटिंग करने वाले व गुर्दे की समस्याओं से पीडि़त व्यक्ति प्रयोग करते हैं। यह मूत्रवर्धक,फूल का अर्क हृदय के लिएकाम में लेते हैं। इस फूल में एंटीआक्सीडेंट्स के गुण, कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित रखने,
 इस फूल की पत्तियों और पत्तियों को जलाने से प्राप्त राख को आइब्रो को काला करने के काम में लेते हैं। यह गर्भनिरोधक के रूप में प्रयोग होता है। इसका उपयोग हर्बल चाय बनाने में करते हैं। फूल में अनेकों खनिज और विटामिन होते हैं।
इन पत्तियों और फूलों से रस मासिक धर्म चक्र को नियमित करने के काम में लेते हैं। जड़ों से बनी दवा का प्रयोग वशीकरण रोगों की रोकथाम में प्रयोग होता हे। फूलों की कलियों का सेवन करने से कई बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
यह फूल पाचन में सुधार करता है। फूल को अचार बनाकर खाते हैं। इसके तने से तंतु का उपयोग कपड़े, जाल और कागज के निर्माण में किया जाता है। जड़ों को तेल में कैंसर के घाव ठीक करता है। यह खून की कमी वाले लोगों में रक्त की मात्रा बढ़ाने के लिए काम लेते है।  गुड़हल सिर को ठंडा करता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है। बालों को सफ़ेद होने से रोकता है।  गुड़हल के फूलों का तेल बालों में रूसी से लड़ता है। यह गंजापन रोकता है,त्वचा के संक्रमण से भी लड़ सकता है। इसकी पत्तियां सबसे अच्छा प्राकृतिक शैम्पू है। पत्तियों को पीसकर बालों पर लगाना चाहिए। यह बालों को अच्छी तरह से साफ करेगा।  यह वजन घटाने, मुंह के छाले, हृदय की समस्या, कब्ज और उच्च रक्तचाप के लिए उपयोगी है। इसका फूल नासूर घावों या मुंह के छालों के लिए एक घरेलू उपचार है। फूल खाने से शरीर की संचार प्रणाली मजबूत होती है। उच्च कोलेस्ट्राल और दिल की समस्या कम हो जाती होगाहै। गुड़हल के काढ़े का सेवन करने से सर्दी और बुखार से बचाव होता है। विटामिन सी हिबिस्कस से समृद्ध होने के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है। यह तनाव को रोकता है।
** होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**


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