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Tuesday, March 24, 2020











चुकंदर
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बीटा वल्गैरिस
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बीटरूट
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चुकंदर एक मूसला जड़ वाला पौधा है। इसे वैज्ञानिक भाषा में बीटा वुल्गैरिस नाम से जाना जाता है।बहुत लंबे समय से इंसान इसका उपयोग करता आ रहा है। इसकी मूसला जड़ अक्सर हलकी-मीठी होती है और उसका रंग लाल, जामुनी, पीला या श्वेत होता है। यह दवाओं में काम आती है वहीं चीनी बनाने के लिए भी काम में लेते हैं।
चुकंदर को कच्चा, उबालकर या भूनकर खाया जाता है। इसे अकेले या अन्य सब्जी के साथ खाया जाता है और इसका अचार भी डाला जाता है। चुकंदर के पत्तों को भी खाया जाता है, इनका प्रयोग आहार में कच्चा, उबालकर या भाप-देकर होता है। चुकंदर लोहा, विटामिन और खनिज लवण का बहुत ही अच्छा श्रोत है।
चुकंदर चुकंदर के पौधे का टेपरोट हिस्सा है, जिसे आमतौर पर इसे बीट नाम से भी जाना जाता है। यह खेती की किस्मों में से एक है जो अपने उपयोग के लिए उगाई जाती है। इसे कई रूपों में, जिनमें अधिकतर लाल रंग की जड़ से प्राप्त सब्जी रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा अन्य उत्पादों में इसके पत्तों को शाक रूप में प्रयोग करते हैं व इसे शर्करा-स्रोत रूप में भी प्रयोग किया जाता है। पशु-आहार के लिये भी कहीं-कहीं प्रयोग किया जाता है।

चुकंदर में अच्छी मात्रा में लौह, विटामिन और खनिज होते हैं जो रक्तवर्धन और शोधन के काम में सहायक होते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट तत्व शरीर को रोगों से लडऩे की क्षमता प्रदान करते हैं। यह प्राकृतिक शर्करा का स्रोत होता है। इसमें सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते हैं।
  चुकंदर में गुर्दे और पित्ताशय को साफ करने के प्राकृतिक गुण हैं। इसमें उपस्थित पोटैशियम शरीर को प्रतिदिन पोषण प्रदान करने वहीं क्लोरीन गुर्दों के शोधन में मदद करता है। यह पाचन संबंधी समस्याओं जैसे वमन, दस्त, चक्कर आदि में लाभदायक होता है। चुकंदर का रस पीने से रक्ताल्पता दूर हो जाती है क्योंकि इसमें लौह भी प्रचुर मात्र में पाया जाता है।
 चुकंदर का रस उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखता है। यह आंत व पेट को साफ करने के काम आती है। चुकंदर कैंसर में भी लाभदायक होता है। चुकंदर और उसके पत्ते फोलेट का अच्छा स्रोत होते हैं, जो उच्च रक्तचाप को दूर करते हैं। चुकंदर का रस आपके रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। व्यायाम सहनशक्ति में सुधार करता है। दिल के फेल होन वाले लोगों में मांसपेशियों की शक्ति में सुधार हो सकता है।
वजन बनाए रखने में मदद करता है। पोटेशियम का अच्छा स्रोत।   
जिन महिलाओं को एनीमिया होती है उनमें  खून की कमी को पूरा करने में,डायबिटीज के रोगियों के लिए, चुकंदर के पत्तों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। ये शरीर का विकास और हड्डियों का विकास में फायदेमंद है। चुकंदर का इस्तेमाल यौन स्वास्थ्य के लिए, चुकन्दर का जूस पीने से व्यक्ति का स्टैमिना 16 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। शरीर में ऑक्सीजन बढऩे से दिमाग भी ठीक प्रकार से अपना काम कर पाता है।
 शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ानी हो या सौंदर्य बरकरार रखनी हो, चुकंदर हर तरीके से फायदा पहुंचाता है। इसका सेवन अक्सर सलाद और जूस के रूप में किया जाता है। भोजन के साथ सलाद के तौर पर सेवन करने के अलावा चुकंदर का प्रयोग औषधि और भोजन में रंग के रूप में भी किया जाता है। चुकंदर खाने के फायदों में मधुमेह पर नियंत्रण,  हृदय को स्वस्थ रखने, स्ट्रोक, हृदय रोग, आंखों की समस्या, किडनी खराब होना आदि हाई ब्लड प्रेशर में काम आती है।। सही स्वास्थ्य के लिए धमनियों में रक्त का प्रवाह सामान्य रहना बहुत जरूरी है। यह अनिमिया को दूर करने, पाचन क्रिया का मजबूत रखने,शरीर में ऊर्जा देने ,हड्डियों को सुरक्षित रखने,कोलेस्ट्रॉलको घटाने, यह बाइल एसिड, स्टेरॉयड हार्मोन और विटामिन-डी के संकलन के लिए जिम्मेदार होता है। यह गर्भावस्था के दौरान विभिन्न तत्वों की पूर्ति करता है।
  चुकंदर वजन घटाने, लिवर को स्वस्थ रखने,मोतियाबिंद से बचाने,एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है, जो त्वचा के लिए एक प्रभावशाली एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में काम करता है।
चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। यह बालों के स्वास्थ्य के लिए भी आप इसका इस्तेमाल करते हैं। यह बाल झडऩे और स्कैल्प में खुजली से निजात दिलाने का काम करता है। इसे कच्चा, पनीर के साथ भुना हुआ, जूस, सलाद के रूप में, किडनी स्टोन को दूर करने में काम में लेते हैं। यह पशुओं के लिए भी उतना ही लाभकारी है। पाु इसे बड़े चाव से खाते हैं। यह चारा बनाने में कारगर है वहीं हृदय घात एवं बीपी घटाने में महत्वपूर्ण है।
**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**

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