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Monday, March 16, 2020

धनिया
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कोथमीर
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कोरियंडर
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कोरियंड्रम एस्टीवुम
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धनिया एक हरी पत्ती वाली शाक है। इसके पत्तों का उपयोग सब्जी की सजावट और ताजे मसाले के रूप में किया जाता है। इसके बीज को सुखाकर मसाले बनाए जाते हैं। देशी धनिया तथा हाइब्रिड दो प्रकार का होता है जो स्वाद में अलग अलग होते हैं।देशी में स्वाद और खुशबू ज्यादा होती है।
धनिया के कच्चे पत्तों में विटामिन ए,सी और के के गुण मौजूद है। और इसके बीज में - फाइबर, कैल्शियम, कापर, आयरन आदि खनिज होते हैं। यह स्वाद बढ़ाने के लिए कच्ची या पका के उपयोग में लाई जाती है।
धनियाबीज संपूर्ण पाचन तन्त्र को मजबूत करता है। धनिया बीज को सौंफ की तरह चबाकर खाएं। धनिया बीज से शुगर, कन्ट्रोल में रहती है। धनिया बीज के सेवन से पेन्क्रियाज़ मजबूत होती है, पेट गैस की समस्या से निजात मिलती है।
धनिया के सूखे फल का उपयोग धनिया मसाले में उपयोग में लाया जाता है।  हरा धनिया पचन के लिए अच्छा होता है। धनिया हरा रोज भोजन में लिया तो मधुमेह का प्रमाण कम होता है। कैंसर से भी बचाव होने में सहायता मिलती धनिया में आहारी रेशे,लोह,मैग्नीज होते हैं। धनिया के बीज मासिक धर्म में अत्यंत उपयोगी है। धनिया का उपयोग खाद्य पदार्थ सजावटी में भी किया जाता है।
 
   यह एक वार्षिक जड़ी बूटी है। पौधे के सभी भाग खाने योग्य हैं, लेकिन ताजे पत्ते और सूखे बीज सबसे पारंपरिक रूप से खाना पकाने में उपयोग किए जाने वाले भाग हैं।
 यह कई साबुन और डिटर्जेंट में  में उपयोग किया जाता है। धनिया यूरोप और अफ्रीका से एशिया तक फैले क्षेत्रों का मूल निवासी है। यह एक नरम पौधा है जो शाक रूप में पाया जाता है। पत्तियां अलग अलग आकार में मिलती हैं। प्रारंभ में पत्ते बड़े होते हैं फूल के तनों पर पतला और पंखदार होता है। फूल छोटे-छोटे सफेद होते हैं। कुछ देशों में यह जंगली उगता है। पौधे के सभी भाग खाने योग्य होते हैं। धनिया का उपयोग दुनिया भर के व्यंजनों में किया जाता है।
    यह बहुत उपयोगी शाक है जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है। शरीर के हर अंग के लिए कुछ न कुछ लाभ देता है। पौधे में वाष्पशील  सुगंधित तेल पाया जाता है। ताजा पत्ते कई खाद्य पदार्थ जैसे चटनी और सलाद के घटक हैं। विभिन्न देशों में विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जाता है।यह सलाद एवं सूप आदि बनाने में तथा विभिन्न प्रकार की सब्जियों में प्रयोग होता है।
भारत में दाल एवं सब्जियों में डालकर प्रयोग किया जाता है। धनिया की पत्तियों को अक्सर परोसा जाता है या परोसने से तुरंत पहले डिश में डाल दिया जाता है। भारतीय और मध्य एशियाई व्यंजनों में, धनिया की पत्तियों का बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता हैं। पौधे से निकाले जाने पर पत्तियां जल्दी खराब हो जाती हैं, और सूखने या जमने पर अपनी सुगंध खो देती हैं।

धनिया के बीज में चीनी,आहारी रेशे, प्रोटीन,
विटामिन ए, सी तथा के के अलावा बीटा कैरोटीन, थायमि, नियासीन, राइबोफ्लेविन
पैंटोथेनिक एसिड,विटामिन बी-6,फोलेट,
विटामिन ई,कैल्शियम,लोहा,मैगनीशियम, मैंगनीज,फास्फोरस,पोटैशियम,सोडियम,जस्ता
इसकी पत्तियों में 9पानी, कार्बोहाइड्रेट, 2त्न प्रोटीन और  वसा आदि पाए जाते हैं। धनिया के बीजों में विटामिन की मात्रा कम होती है, लेकिन वे आहार फाइबर, कैल्शियम, सेलेनियम, लोहा, मैग्नीशियम और मैंगनीज की महत्वपूर्ण मात्रा प्रदान करते हैं।
धनिया के पत्तों और बीजों के आवश्यक तेल में मिश्रित रासायनिक पदार्थ के कारण धनिया सुगंध और स्वाद के लिए प्रमुख घटक है। अमेरिका में बीज को धनिया कहा जाता है। बहुत से लोग सूप
जैसे व्यंजन में धनिया का उपयोग करते हैं।
धनिया के बीज, अर्क और तेल सभी रक्त शर्करा को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर को कम करने में बहुत प्रभावी है। धनिया बीज एंजाइम गतिविधि को बढ़ावा देते हैं।
 

धनिया कई एंटीआक्सिडेंट प्रदान करता हैजो कोशिकीय क्षति को रोकते हैं। यह फेफड़ों, प्रोस्टेट, स्तन और पेट के कैंसर की कोशिकाओं के विकास को धीमा कर देते हैं। हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम कर सकता है। धनिया का अर्क एक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है, जिससे आपके शरीर से अतिरिक्त सोडियम और पानी निकलता है। यह रक्तचाप को कम कर सकता है।
 यह पार्किंसंस, अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित कई मस्तिष्क संबंधी बीमारियां सूजन में लाभकारी होता है।धनिया के बीज से निकाला गया तेल स्वस्थ पाचन को तेज और बढ़ावा दे सकता है। धनिया में रोगाणुरोधी यौगिक होते हैं जो कुछ संक्रमणों और खाद्य जनित बीमारियों से लडऩे में मदद कर सकते हैं।
धनिया में एक यौगिक डोडेसेनल, साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया से लड़ सकता है, जो जीवन के लिए खतरनाक भोजन विषाक्तता का कारण बन सकता है।   खाना बनाने के लिए साबुत धनिया, धनिए के बीज, धनिया के पाउडर और धनिया की पत्तियों का काफी इस्तेमाल करते हैं। धनिया का पानी भी सेहत के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुणों के साथ ही बहुत सारे विटामिन और मिनरल भी होते हैं इसलिए धनिया सेहत के लिए उपयोगी होता है। हरी धनिया के पत्ते न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर करते हैं।
धनिया में एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुण होते हैं इसलिए धनिए का सेवन करने से सूजन कम होती है।  निया में फाइबर होता है। इसलिए इसका सेवन करने से सेहत पाचन तंत्र सही रहता है और पेट की बीमारियां नहीं होती है।
हरा धनिया के फायदे डायबिटीज को नियंत्रित करने में काम आता है।धनिया खून में शर्करा के लेवल को कम करता है इसलिए इसका सेवन करने से इंसुलिन का स्तर सही बना रहता है


जिस तरह से धनिया की पत्तियां फायदेमंद होती हैं उसी तरह से धनिया के बीज भी लाभकारी होते हैं। धनिए के बीज का उपयोग वजन कम करने में उपयोगी होते हैं। गर्म पानी में उबाल कर इनकी चाय बना कर लगातार कुछ दिन पीने से वजन कम होता है। इसके बीज में विटामिन सी के साथ ही जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसलिए सर्दी-जुकाम में इन बीजों को उबालकर इनका पानी पीना सेहत के लिए लाभकारी होता है।
धनिया के बीज के फायदे बचाएँ खून की कमी से बचाता है।
इसके बीज में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है जो कि खून में हिमोग्लोबिन को बनाता है। यहीं कारण है कि धनिए के बीज का सेवन करने से खून की कमी दूर होती है।
धनिया का पानी काफी लाभकारी होता है। आइए जानते हैं कि धनिया का पानी कैसे बनता है और इसके क्या-क्या फायदे होते हैं।
धनिया का पानी थाइरॉइड के उपचार के लिए
धनिया का पानी ऑस्टियोपोरोसिस से रक्षा करता है।  इसलिए धनिए का पानी पीने से ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव होता है।

धनिया का पानी मासिक धर्म में उपयोगी होता है। जहां धनिया खाने के धनिया खाना लिवर के लिए हानिकारक: वैसे तो धनिया शरीर के लिए लाभकारी होता है लेकिन जरूरत से ज्यादा धनिया खाने से पित्त पर दबाव पड़ता है जिससे लिवर की परेशानी पैदा हो सकती है। इसलिए जरूरत से अनेकों लाभ हैं वहीं ज्यादा धनिया ना खाएं।
    धनिया खाने से आपको चक्कर आना, सूजन, रैशेज, सांस लेने में समस्या होना जैसी कई परेशानियां हो सकती है।
    ज्यादा धनिया खाना मां बनने वाली महिलाओं के लिए हानिकारक है। ़ धनिया पागलपन, शरीर में जलन, दमा, खांसी गर्मी के रोग गंजापन मलेरिया पेट के दर्द मोतियाबिंद बच्चों के आंखों का दर्द शक्तिवर्धक में  लाभकारी है।  कीड़े त्वचा की खुजली आदि में काम आता है वही गर्मी गर्मी जिगर में सूजन बवासीर झाइयां मिर्गी का रोग का पकाना मुरझाना मोटापा दूर करना सिरदर्द आंखों की सुरक्षा सुजाक रोग कटवा दी स्मारक बहुत से पकवान बनाने धनिया अवस्था को दूर करने शरीर के रंग को निखारने आघात मसूड़ों से खून आना, सिर में चोट लगना, मोच आना, हड्डी का उतर जाना,कुत्ते का काटना, बच्चों के मुंह के सफेद छाले
आंख आना। बात कब जमा राशि वालों के रोग रतौंधी जूता की दुकान रोग आदि मिला पद है वही हिचकी के रोक ने,घाव श्वेत प्रदर अम्लपित्त खाना खाने के बाद पैखाना आना, टीके से होने वाले शरीर की पुष्टि कारक,गठिया रोग दूर करना ,दिल की धड़कन फोड़ा हृदय रोग, नाखूनों,सिरदर्द बाल रोग में लाभकारी, मस्सा, दिल होठों का फटना आदि अनेक रोगों में कारगर होता है।धनिया स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। जहां गुर्दे एवं लीवर साफ होता है वहीं पशुओं के बहुत काम आता है। यह सर्दी के मौसम में वृद्धि एवं विकास के लिए उपयोगी है।


















**होशियार लेखक,कनीना,हरियाणा***

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