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Thursday, May 7, 2020






सदाबहार
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 कैथरेंथूस रोसियस
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गुलाब पेरीविंकल /गुलाबी पेरीविंकल
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पुरानी नौकरानी /मेडागास्कर पेरीविंकल
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नित्यकल्याणी
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कब्रिस्तान संयंत्र/केप पेरीविंकल
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पेरीविंकल
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सदाफली
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सदाबहार जो हमेशा सजीव रहता है। हरीभरी पत्तियों एवं फूलों सहित खड़ा नजर है। कहीं भी इसको गाय/भैंस तथा शाकाहारी जंतु नहीं खाते। इस पर सदा बहार आई रहती है इसलिए इसे सदाबहार नाम से जाना जाता है।
 अक्सर इसे श्मशान घाट के आसपास बहुत अधिक देखा जा सकता है। वास्तव में यह मेडागास्कर का मूल पौधा है जो सजावट के साथ-साथ अनेक औषधियों के रूप में काम में लाया जाता है। कहने को तो यह गुलाब जैसे फूलों का पौधा है लेकिन कैंसर तक की दवाओं में भी काम में लाया जाता है।
सदाबहार एक बहु वर्षीय शाक है। इसे  अपोसायनेसिस कुल में जाना जाता है। अंग्रेजी में से पेरीविंकल कहते है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे सदाफली भी कहते हैं। पौधे में फूल के बाद लंबी-लंबी फली आती है जिसमें अनेकों बीज पाए जाते हैं जिनका रंग अक्सर काला होता हैं। यह हरियाली का एक प्रतीक है।  कीट पतंगे तथा जहरीले कीट सांप एवं बिच्छू आदि को भी पास नहीं आने देता। यहां तक कि इसकी पत्तियां भूमि में रोगाणुओं को भी मार डालती हैं। खरपतवार के रूप में उगता है। वास्तव में विशेष जैव प्रदूषक के रूप में जाना जाता है।
 यह पौधा प्राय एक मीटर तक लंबा हो सकता है। पत्तियां अंडे जैसी होती हैं। पत्तियां चौड़ी, चमकदार होती हैं। फूल गहरे गुलाबी रंग के होते हैं प्राय: पांच पंखुड़ी जैसा फूल होता है। सदाबहार पौधा जहां चट्टानों पर भी उग जाता है वही जंगलों में भी पाया जाता है। व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। विभिन्न देशों में पाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में तो इसे हानिकारक खरपतवार के रूप में माना जाता है।
एक सजावटी पौधे के रूप में रूप में उगाया जाता है जिसके लिए अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है विषम परिस्थितियों और काम पोषण वाली जगह पर भी हो जाता है इसमें इस पौधे पर पूरे वर्ष फूल लगते हैं फूल सफेद लाल नारंगी और विभिन्न रंगों के होते हैं। कनाडा में से इसको देखो अवार्ड ऑफ गार्डन मेरिट प्राप्त हुआ है।
सदाबहार पौधा विभिन्न औषधियों में काम में लाया जाता है। इसकी जड़ तथा पौधे से प्राप्त अर्क हालांकि कुछ जहरीले माने जाते हैं लेकिन बीमारियों के इलाज में मिलाए जाते हैं। चीन में औषध के रूप में इसका अर्क मलेरिया, शुगर की बीमारी, लिंफोमा आदि में किया जाता है।
वैसे तो इस पौधे के सभी भाग काम में लाए जाते हैं क्योंकि इसमें अनेकों क्षारक पाए जाते हैं।
   सर्पगंधा में जो क्षारक मिलते हैं उनमें से एक इस पौधे में भी पाया जाता है। सबसे बड़ी विशेषता  मधुमेह को कम करने की है। इसके पत्तों का रस वास्प(कीट) के डंक के उपचार में किया जाता है। अधिक मासिक धर्म में इसकी पत्तियों का रस दिया जाता है इस पौधे में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शांत करने की शक्ति पाई जाती है। उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, अवसाद, मानसिक बीमारी, पागलपन चिंता रोग आदि में काम में लेते हैं। इसकी जड़ की छाल दर्दनाशक के रूप में काम में लाई जाती है। इसके रस में हैजा रोग जो विब्रियों कोलेरा विषाणु से फैलता है,को रोकने की क्षमता पाई जाती है
बिच्छू आदि के काटने पर इसकी जड़ काम में लेते हैं।
  ग्रामीण क्षेत्रों में या तो इस पौधे के बारे में जानते नहीं, जानते हैं तो उगाते नहीं क्योंकि माना जाता है कि श्मशान घाट का पौधा होता है इसलिए यह भ्रांति लोगों में घर कर गई है और वह इस पौधे को नहीं उगाते हैं। कहीं कहीं किसी घर में इस पौधे को उगा देखा जा सकता है।
 इस पौधे को नित्यकल्याणी भी कहते हैं यशोदा डायरिया में काम आता है वही पत्ते और तने मैं एंटी कैंसर का गुण पाया जाता है नाक से खून बहना मसूड़ों से खून आना गले में खराश होना आदि के समय भी इसका उपयोग किया जाता है समझती बढ़ाने खांसी फेफड़ों की समस्या गले में खराश आंखों में जलन त्वचा पर संक्रमण में भी इसका उपयोग किया जाता है।
  मधुमक्खी के डंक मारने पर के पत्तियों को रगड़ कर लगाने से आराम मिलता है। बवासीर में इसके पत्ती और फूलों को रगड़ कर लगाया जाता है वही मधुमेह के रोगियों के लिए इसके फूल खाने की सलाह दी जाती है।
दूध पिलाने वाली औरतों, बदहजमी, लो बीपी में इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। सदाबहार पौधा वास्तव में सदा बहार लिए आता है इसलिए यह पौधा बहुत प्रसिद्ध है। इस पौधे में कुछ जहरीला पन होता है इसलिए बगैर आयुर्वेद के सलाहकारों के नहीं प्रयोग करना चाहिए।





               सदाबहार
          (कैथरेंथस रोजियस)
आठ स्पीशिज जिसकी मिलती
विंका रोजा जिसका होता नाम
                      सदापुष्पी, प्योर फ्लोवर कहाए
                    घर आंगन, बाग उनके ही धाम,
सफेद, गुलाबी, लाल, पीला रंग
फूलों का रंग सदा लुभाता जाए
                      सेकड़ों एल्कलाइड जिसमें मिले
                     कई रोगों में यह फूल काम आए,
सदाबहार इसके पत्ते होते हैं सदा
जैसे रोगों को सदाबहार दूर भगाए
                     मलेरिया, ल्युकिमिया, होडकिंस
                      कितने ही रोगों को जड़ से हटाए,
चाय खासी शूगर में उपयोगी पत्ते हैं
पत्ते का जूस वास्प का जहर हटाए
                       उच्च रक्तचाप को झटपट हटाता है
                      मांसपेशी के रोगों को यह दूर भगाए,
नाक से खून जब बहता रहता हो तो
सदाबहार को ही प्रयोग कर लेना तुम
                      मुख का अल्सर जब भी हो जाता है
                       दस्त लगी में सदाबहार देना सदा तुम,
दिमाग की परेशानी जब भी सताए तो
सदाबहार उसमें भी उपयोगी होती है
                     मलेरिया रोग भी जल्दी से हटा देता
                     सदाबहार के बगैर दुनिया भी रोती है,
सफेद, पीला फूल रोगों में काम आए
पौधा शाक के रूप में में काम आता
                       यहां वहां खड़ा मिल जाता सदाबहार
                      कीटों व रोडेंटस को यह आश्रय देता,
किसानों के घरों में खड़ा मिलता यह
सदा फूल खिलाकर सभी को हंसाए
                      बाजार में भी नहीं बिकता सदाबहार
                      किस्मत में हो यह राह में मिल जाए,
फलियां इस पौधे पर पकने पर लगती
पत्तों पर लंबी शिरा विन्यास पाई जाए
                       फूल नहीं मिलते हो वहां पर काम आए

                      


यह पौधा सदा फूलो में हंसता ही पाए।
** होशियार सिंह, लेखक, कनीना**


**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,महेंद्रगढ़, हरियाणा** 09416348400

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