Powered By Blogger

Monday, May 11, 2020

पुदीना      










गर्मियों का बेहतर टोनिक---पुदीना  
********************************
***********************************
**************************************
पुदीना
**************************** ***************************** ******************
मेंथा अर्वेन्सिस
**************************** ***************************** ***************************** ***********

पुदीना गर्मियों का एक सदाबहार टोनिक है जिसका नियमित सेवन करना बहुत लाभप्रद होता है। गर्मी से बचने का एकमात्र इलाज पुदीना है। चाहे कैसे भी प्रयोग करें, चटनी छाछ,दही में डालकर पीते हैं वहीं  सब्जी में डालकर भी प्रयोग किया जाता है।
यह तुलसी, नकद बावरी, मुराया आदि पौधों का साथी और सहयोगी है गर्मियों में यह हरे-भरे पत्तों सहित नजर आता है।
इसकी एक विशेष खुशबू इंसान को बहुत आकर्षित करती है। इसका रस, मिठाई बनती है पुदीना ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। वास्तव में इसे पुदीना हरा नाम से ही जाना जाता है।
पुदीने के पत्तों में बहुत अधिक गुण होते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर होता है। अधिक महंगा भी नहीं होता। इससे चाय, मंजन, इनहेलर, मिठाई,चाय आदि बनाए जाते हैं। इसमें जहां लोहा मैग्नीज फोलेट, विटामिन ए आदि पाए जाते हैं वहीं यह पेट दर्द में रामबाण होता है। पेट के अनेक बीमारियां इसी से दूर होती है, सांसों की ताजगी लाना अहम भूमिका पुदीने की होती है। कील मुहासे दूर किए जाते हैं। पुदीना कुछ जगह यह नुकसान कर सकता है।  पित्त की पथरी होने पर प्रयोग नहीं करना चाहिए वहीं गैस्ट्रिक प्रॉब्लम के समय नहीं प्रयोग करना चाहिए। 

पुदीना जिसका वानस्पतिक नाम मेंथा अर्वेन्सिस है। इसका मूल यूरोप माना जाता है। विश्व के कई देशों में यह पौधा पाया जाता है। पुदीना एक शाकाहारी बारहमासी पौधा है जो आमतौर पर शाक के रूप में मिलता है। यह रेंगने वाला शाक है जिसके पत्ते अति गहरे एवं दूर तक खुशबू देते हैं। पत्तियां विपरीत जोड़े में  सरल,महीन बालों से लेस होती है। फूल बैंगनी रंग के होते हैं।
पुदीने से निकाले जाने वाले रासायनिक पदार्थों में मेन्थॉल, मेंथोफोन,  टैनिन और फ्लेवोनोइड आदि शामिल हैं। पुदीने के अर्क और मेन्थॉल से संबंधित रासायनों का उपयोग भोजन, पेय, खांसी की दवाओं, क्रीम आदि में किया जाता है। यह दंत चिकित्सा देखभाल में उपयोग किया जाता है।
पुदीना मेंथा वंश से संबंधित एक बारहमासी, खुशबूदार जड़ी है। पुदीने का उपयोग बड़ी मात्रा में दवाईयों, सौंदर्य प्रसाधनों, टाफी, पेय पदार्थो, सिगरेट, पान मसाला आदि में खुशबू हेतु किया जाता है। इसका तेल सफेदा के तेल के साथ कई रोगों में काम आता है। ये कभी-कभी गैस दूर करने के लिए, दर्द निवारण हेतु, तथा गठिया आदि में भी उपयोग किया जाता है।
 पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है। अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है। पेटदर्द और अरुचि में काम आता है। प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
 बिच्छू , भिर्ड, ततैया के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से  दर्द को भी शांत करता है। ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर लगाने से त्वचा की गर्मी निकाल देता है।  मुंहासे दूर करने,बालों की जुएं मारने, हैजे के निदान, उल्टी-दस्त, बुखार में लाभकारी है।
पुदीने को मिंट नाम से जाना जाता हे। यह एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसके अनेक फायदे हैं। पुदीने के पत्ते का उपयोग पाचन तंत्र में सुधार करना और वजन घटाना, जी मचलना, डिप्रेशन, थकान और सिरदर्द आदि में लाभकारी है। यह अस्थमा, स्मरण शक्ति की क्षति और त्वचा की देखभाल संबंधित कई परेशानियों से निजात दिलाने में लाभकारी है। इसका प्रयोग मुंह और सांसों की बदबू को दूर करने के लिए भी किया जाता है।इसकी सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। इसका उपयोग दन्त मंजन , चुइंग गम्स, माउथ फ्रेशनर, कैंडी और इन्हेलर आदि में प्रयोग होता है।
  पुदीने में आहारी रेशे, विटामिन ए, लोहा, मैंगनीज, फोलेट आदि पाए जाते हैं। पुदीना को अक्सर भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए प्रयोग करते है। यह एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम आता है। यह आंखों की रोशनी को बरकरार रखता है वहीं तनाव से हमारे शरीर की सुरक्षा में सहायता करते हैं। यह पाचन प्रणाली को शक्तिशाली बनाने में मदद करता है,अपच व पेट खराब होना पर प्रयोग किया जाता है।
पेट खराब हो रहा हो तो पुदीने की चाय पीने से राहत मिल सकती है। पुदीना मुंह में लार ग्रंथियों को सक्रिय करती है, पाचन एंजाइम को निकालने का कार्य करती है। पुदीना लीवर को मजबूत बनाता है, याददाश्त को रोकता है, स्मृति और सतर्कता बढ़ सकती है।
यह वजन घटाने में, दांत और मुख स्वास्थ्य में, कैंसर से बचाने में,दर्द वाले बाम बनाने, सिरदर्द दूर करने मुहासे दूर करने में, खांसी और सर्दी को दूर करने में,कफ दूर करने,खून को शुद्ध करने के काम आता है।  इसके पत्ते कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन बी काम्प्लेक्स पाए जाते हैं जो की शरीर को संक्रमण और सूजन से सुरक्षित रखा जाता है। तनाव और चिंता से राहत पाने के लिए,मानसिक तनाव से बचाने में कारगर है। जहां इसके लाभ हैं वहीं इसकी हानियां भी हैं। पित्त की पथरी होने पर  तथा गर्भवती महिला को नुकसान कर सकता है।

पुदीना एक ऐसा पौधा है, जिसका उपयोग भारतीय रसोईघरों में मुख्य रूप से चटनी के रूप में किया जाता है। इसकी अनेक खूबियां हैं। यह भोजन को पचाने में तो कारगर है ही, पेट में होने वाले काफी रोगों के उपचार में भी उपयोगी साबित होता है। यह पेट से जुड़ी सभी तरह की समस्या को दूर करने के लिए,उल्टी रोकने के लिए,दर्द और सूजन भी ठीक हो जाती है।हैंजे में तथा मुंह की दुर्गंध दूर करने, मसूड़े मजबूत करने, शरीर से पानी की कमी दूर करने में काम आता है। इससे गले का भारीपन दूर होता है और आवाज साफ होती है। यह हिचकियां दूर करता है। यह गर्मियों के लिए रामबाण है। पुदीने का इस्तेमाल कई रूपों में किया जाता है। ताजे दही के साथ रायता बनाने की बात हो या चटनी। छाछ आदि में डालकर पीने में उपयोगी है। ताजा या सूखा दोनों तरह के पुदीने से बहुत तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं, जिसमें करी, गर्म या ठंडा सूप, चटनी, सलाद, जूस आदि मुख्य है। यह सौंदर्य निखार के लिए पुदीना कारगर है।
पेट में गैस होने पर,नाक बंद होने की स्थिति में,दांतों की देखभाल में भी किया जाता है। यह शरीर से टाक्सिन और फ्री रेडिकल को निकालने में भी मदद करता है। इसका इस्तेमाल चटनी या सब्जियों में भी होता है

                   पुदीना
    (मेंथा लोंगिफोलिया)
विशेष महक वाला पौधा
बाग बगीचे में खड़ा मिले
सूंघकर इसकी महक को
तन बदन जन खूब खिले,
                                पिपरमिंट, मिंट और मेंथा
                                विभिन्न नामों से जाना जाए
                                 चटनी,  अचार  व ड्रिंक में
                                पुदीना ही मन को लुभाए,
कैंसर, पेट की बीमारी से
पुदीना बस काम में आए
तनाव घटाए, इमून बढ़ाए
खासी, दमा में काम आए,
                             मुंह में जीवाणु जब बढ़ते
                             माहवारी का जब दर्द बढे
                              कैंडी, टूथपेस्ट, पेय पदार्थ
                            इसकी अल्प मात्रा से सजे,
पूरे जग में मिलता है मिंट
मेंथा इसका ही   जिनस   है
गर्भवती महिला की दिक्कत
काम का अति पुदीना रस है,
                           छाछ, दही और सब्जी में
                          गीला-सूखा ही काम आए
                          कैंडी, पेय बहुत से बनते हैं
                         बच्चे बूढ़ों के मन को भाए,
अधिक पानी की जरूरत है
बहुत अधिक फैलता जाए
टहनी तोड़ गमले में लगाए
बढ़ता जाए यह बढ़ता जाए,
                                विभिन्न रंगों के फूल खिलते
                                बीज बनते चार सुंदर न्यारे
                               पेट की कोई बीमारी होती

                              

दूर करे पल में यह हमारे।।
******होशियार सिंह, लेखक, कनीना***







 
** होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**

No comments: