टमाटर
*****************************************
*************************************
*************************************
लाइकोपोर्सीकान एस्कुलेटम
***************************
*********************************
******************************************
टमाटर इस जगत में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली सब्जी के रूप में जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम लाइकोपोर्सीकान एस्कुलेटम है। चूंकि यह सोलानेसी कुल का पौधा है ऐसे में इसे सोलेनम लाइकोपोर्सीकान भी कहते हैं।
टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसके बगैर अधिकांश लोग भोजन तक नहीं कर पाते। इसकी उत्पत्ति अमेरिका से मानी जाती है तत्पश्चात पूरे संसार में फैल गया।
वास्तव में टमाटर को एक फ्रूट माना जाता है। टमाटर कई रंगों में पाया जाता है जिनमें हरा, पीला लाल प्रमुख। टमाटर एक शाक रूप में पाया जाता है, कभी-कभी झाड़ी बन जाता है तो कभी पेड़ बन जाता है। टमाटर द्विबीजपत्री पौधा है जिसमें हरा वर्णक होने के कारण हरा रंग होता है, तत्पश्चात वर्णक पीला और लाल बन जाता है।
टमाटर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम,फास्फोरस विटामिन-सी पाए जाते हैं। टमाटर जहां देखने में अति सुंदर होते हैं वही खाने में बेहतर एवं स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक होता है। टमाटर में साइट्रिक एसिड तथा मैलिक एसिड होने के कारण एंटासिड का काम करता है।
टमाटर में विटामिन-ए काफी मात्रा में पाया जाता है जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है। ऐसे में जिनकी आंखें कमजोर हैं उन्हें टमाटर लाभप्रद माना जाता है। टमाटर कई रोगों में लाभप्रद है। इसलिए रोगों को दूर करने के लिए टमाटर औषधि का काम भी करता है। गुर्दे की बीमारियां इससे दूर होती है।
जहां मूत्र में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए काम आता है। ऐसे में मधुमेह के रोगियों के लिए उपयोगी होता है। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण बेहतर भोजन माना जाता है। पाचन शक्ति को बढ़ाता है, जिगर बेहतर बन जाता है, गैस की शिकायत दूर होती है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए उपयोगी माना जाता है। यहां तक कि शरीर के छोटे-मोटे रोग और विकारों को त्वरित गति से ठीक करता है।
एसिडिटी की शिकायत होने पर टमाटर खाने उचित माने जाते हैं। टमाटर खाने से खांसी, बलगम से राहत मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर में पैदा हो जाती है। टमाटर से अनेकों सब्जियां बनती हैं। टमाटर स्वाद को बढ़ाते हैं। इनमें लाल रंग, लाइकोपीन नामक पदार्थ के कारण होता है।
कच्चे टमाटर पकने के बाद प्रभावी होते हैं। टमाटर त्वचा की झुर्रियों को कम करता है वहीं बढ़ती उम्र को रोकता है। रोम छिद्रों को बढ़ाता है। टमाटर कई रूपों में प्रयोग किया जाता। जहां टमाटर की चटनी नाश्ते, पकोड़े, समोसे आदि में प्रसिद्ध है वहीं टमाटर की सोस, चटनी आदि बनाए जाते हैं।
टमाटर एक और जहां सब्जी है वही है फ्रूट नाम से भी जाना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करता है जिससे हृदय रोग, कैंसर रोग कम हो जाते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाता है क्योंकि इसमें विटामिन-के और कैल्शियम पाया जाता है।
यदि उच्च रक्तचाप है तो उसमें टमाटर मददगार साबित होता है। शरीर में किसी प्रकार की जलन है उसे दूर करता हैं। यदि गर्भ में कोई शिशु पल़ रहा है उसके लिए भी टमाटर लाभप्रद है। जहां दर्द निवारक के रूप में, हृदय की गति को नियंत्रित करने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, रक्त के थक्के बनने, मांसपेशियों को नियंत्रित रखने का कार्य भी करता है वही बुढ़ापा रोकने का काम करता है।
टमाटर त्वचा में निखार लाने, टूटते हुए बालों को रोकने, डैंड्रफ के इलाज में काम में लाया जाता है। इसमें जहां ऊर्जा कम मिलती है वही प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर, अनेक विटामिन जिनमें ए,बी,सी,के पाए जाते हैं। सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जिंक भी पाए जाते हैं। टमाटर का सूप दुनिया भर में प्रसिद्ध है वहीं सलाद के रूप में खाया जाता है। लेकिन टमाटर कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बनता है। ऐसे में बहुत गुणकारी बन गया है टमाटर।
** होशियार सिंह, लेखक, कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा**
टमाटर
मैक्सिको की उत्पत्ति
विश्व भर में पैदावार
लाल, हरा, पीला रंग
बच्चा, बूढ़ा करे प्यार,
चीन प्रथम स्थान पर
भारत का नंबर है दो
सस्ते कभी महंगे होते
सोलानम को खरीद लो,
7500 प्रकार के होते हैं
स्पेनिश भाषा से बना है
कैंसर से बचाता जन को
रसीला यह बहुत घना है,
विटामिन सी के ये स्रोत
बहुत से विटामिन मिलते
लाइकोपीन इसमें मिलता है
खनिजों से तन-मन खिलते,
कच्चा खाओ ,पक्का खाओ
जूस बनाओ, सूप बनाओ
पिज्जा, सब्जी, ड्रिंक बनाओ
खाते जाओ, पीते ही जाओ,
पैराबैंगनी किरणों से बचाता
जो कैंसर का होती बनती है
हरे पत्ते, टहनी थोड़े जहरीले
उनको खा पी दुनिया रोती है,
सलाद रूप में सबसे बेहतर
सारा ही जग प्रयोग करता है
पाचन शक्ति और भूख बढ़ाए
जग का यह पेट भी भरता है,
अमल अधिक मिलता इसमें
कई नामों से यह जाना जाता
टमाटर का रंग जग में प्रसिद्ध
जो भी खाए वो खुश हो जाता।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
कभी-कभी प्राकृतिक वस्तुएं भी किसी जीव या जंतु से मिलती जुलती बन जाती हैं जिन्हें देखकर लगता है कि भगवान् का संसार एवं लीला निराली है। एक टमाटर एक खरगोश बन जाए तो क्या कहने? कनीना में डा नरेश वर्मा ने सब्जी खरीदी और सब्जी में निकला एक खरगोश जिसको देखकर वो अति प्रसन्न हुए। यह खरगोश कोई जीव नहीं अपितु टमाटर ही खरगोश का रूप धारण किए हुए है। भगवान् की अजीब करामात दिखाते हुए कहा कि इसके न केवल खरगोश की भांति दो बड़े कान ही पैदा हुए हैं अपितु दो आंखें एवं एक मुंह भी लगाया गया है। यह टमाटर अपने आप ही इस रूप में पैदा हुआ है। इसे देखकर लगता है कि भगवान् न जाने किस वस्तु को क्या रूप दे दे? कुछ भी कहे डाक्टर ने अपने क्लीनिक पर इस खरगोशनुमा टमाटर को दिखाने के लिए रख दिया है। लोग एवं मरीज इसे देखकर दंग रह जाते हैं। वनस्पति शास्त्री एचएस यादव का कहना है कि कभी कभार इस प्रकार की नई आकृति फल बनते समय हो जाती है जिसके चलते दो या अधिक फल अलग होने की बजाय जुड़कर नई प्रकार की आकृति बन जाती है।
*****************************************
*************************************
*************************************
लाइकोपोर्सीकान एस्कुलेटम
***************************
*********************************
******************************************
टमाटर इस जगत में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली सब्जी के रूप में जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम लाइकोपोर्सीकान एस्कुलेटम है। चूंकि यह सोलानेसी कुल का पौधा है ऐसे में इसे सोलेनम लाइकोपोर्सीकान भी कहते हैं।
टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसके बगैर अधिकांश लोग भोजन तक नहीं कर पाते। इसकी उत्पत्ति अमेरिका से मानी जाती है तत्पश्चात पूरे संसार में फैल गया।
वास्तव में टमाटर को एक फ्रूट माना जाता है। टमाटर कई रंगों में पाया जाता है जिनमें हरा, पीला लाल प्रमुख। टमाटर एक शाक रूप में पाया जाता है, कभी-कभी झाड़ी बन जाता है तो कभी पेड़ बन जाता है। टमाटर द्विबीजपत्री पौधा है जिसमें हरा वर्णक होने के कारण हरा रंग होता है, तत्पश्चात वर्णक पीला और लाल बन जाता है।
टमाटर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम,फास्फोरस विटामिन-सी पाए जाते हैं। टमाटर जहां देखने में अति सुंदर होते हैं वही खाने में बेहतर एवं स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक होता है। टमाटर में साइट्रिक एसिड तथा मैलिक एसिड होने के कारण एंटासिड का काम करता है।
टमाटर में विटामिन-ए काफी मात्रा में पाया जाता है जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है। ऐसे में जिनकी आंखें कमजोर हैं उन्हें टमाटर लाभप्रद माना जाता है। टमाटर कई रोगों में लाभप्रद है। इसलिए रोगों को दूर करने के लिए टमाटर औषधि का काम भी करता है। गुर्दे की बीमारियां इससे दूर होती है।
जहां मूत्र में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए काम आता है। ऐसे में मधुमेह के रोगियों के लिए उपयोगी होता है। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण बेहतर भोजन माना जाता है। पाचन शक्ति को बढ़ाता है, जिगर बेहतर बन जाता है, गैस की शिकायत दूर होती है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए उपयोगी माना जाता है। यहां तक कि शरीर के छोटे-मोटे रोग और विकारों को त्वरित गति से ठीक करता है।
एसिडिटी की शिकायत होने पर टमाटर खाने उचित माने जाते हैं। टमाटर खाने से खांसी, बलगम से राहत मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर में पैदा हो जाती है। टमाटर से अनेकों सब्जियां बनती हैं। टमाटर स्वाद को बढ़ाते हैं। इनमें लाल रंग, लाइकोपीन नामक पदार्थ के कारण होता है।
कच्चे टमाटर पकने के बाद प्रभावी होते हैं। टमाटर त्वचा की झुर्रियों को कम करता है वहीं बढ़ती उम्र को रोकता है। रोम छिद्रों को बढ़ाता है। टमाटर कई रूपों में प्रयोग किया जाता। जहां टमाटर की चटनी नाश्ते, पकोड़े, समोसे आदि में प्रसिद्ध है वहीं टमाटर की सोस, चटनी आदि बनाए जाते हैं।
टमाटर एक और जहां सब्जी है वही है फ्रूट नाम से भी जाना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करता है जिससे हृदय रोग, कैंसर रोग कम हो जाते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाता है क्योंकि इसमें विटामिन-के और कैल्शियम पाया जाता है।
यदि उच्च रक्तचाप है तो उसमें टमाटर मददगार साबित होता है। शरीर में किसी प्रकार की जलन है उसे दूर करता हैं। यदि गर्भ में कोई शिशु पल़ रहा है उसके लिए भी टमाटर लाभप्रद है। जहां दर्द निवारक के रूप में, हृदय की गति को नियंत्रित करने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, रक्त के थक्के बनने, मांसपेशियों को नियंत्रित रखने का कार्य भी करता है वही बुढ़ापा रोकने का काम करता है।
टमाटर त्वचा में निखार लाने, टूटते हुए बालों को रोकने, डैंड्रफ के इलाज में काम में लाया जाता है। इसमें जहां ऊर्जा कम मिलती है वही प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर, अनेक विटामिन जिनमें ए,बी,सी,के पाए जाते हैं। सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जिंक भी पाए जाते हैं। टमाटर का सूप दुनिया भर में प्रसिद्ध है वहीं सलाद के रूप में खाया जाता है। लेकिन टमाटर कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बनता है। ऐसे में बहुत गुणकारी बन गया है टमाटर।
** होशियार सिंह, लेखक, कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा**
टमाटर
मैक्सिको की उत्पत्ति
विश्व भर में पैदावार
लाल, हरा, पीला रंग
बच्चा, बूढ़ा करे प्यार,
चीन प्रथम स्थान पर
भारत का नंबर है दो
सस्ते कभी महंगे होते
सोलानम को खरीद लो,
7500 प्रकार के होते हैं
स्पेनिश भाषा से बना है
कैंसर से बचाता जन को
रसीला यह बहुत घना है,
विटामिन सी के ये स्रोत
बहुत से विटामिन मिलते
लाइकोपीन इसमें मिलता है
खनिजों से तन-मन खिलते,
कच्चा खाओ ,पक्का खाओ
जूस बनाओ, सूप बनाओ
पिज्जा, सब्जी, ड्रिंक बनाओ
खाते जाओ, पीते ही जाओ,
पैराबैंगनी किरणों से बचाता
जो कैंसर का होती बनती है
हरे पत्ते, टहनी थोड़े जहरीले
उनको खा पी दुनिया रोती है,
सलाद रूप में सबसे बेहतर
सारा ही जग प्रयोग करता है
पाचन शक्ति और भूख बढ़ाए
जग का यह पेट भी भरता है,
अमल अधिक मिलता इसमें
कई नामों से यह जाना जाता
टमाटर का रंग जग में प्रसिद्ध
जो भी खाए वो खुश हो जाता।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
कभी-कभी प्राकृतिक वस्तुएं भी किसी जीव या जंतु से मिलती जुलती बन जाती हैं जिन्हें देखकर लगता है कि भगवान् का संसार एवं लीला निराली है। एक टमाटर एक खरगोश बन जाए तो क्या कहने? कनीना में डा नरेश वर्मा ने सब्जी खरीदी और सब्जी में निकला एक खरगोश जिसको देखकर वो अति प्रसन्न हुए। यह खरगोश कोई जीव नहीं अपितु टमाटर ही खरगोश का रूप धारण किए हुए है। भगवान् की अजीब करामात दिखाते हुए कहा कि इसके न केवल खरगोश की भांति दो बड़े कान ही पैदा हुए हैं अपितु दो आंखें एवं एक मुंह भी लगाया गया है। यह टमाटर अपने आप ही इस रूप में पैदा हुआ है। इसे देखकर लगता है कि भगवान् न जाने किस वस्तु को क्या रूप दे दे? कुछ भी कहे डाक्टर ने अपने क्लीनिक पर इस खरगोशनुमा टमाटर को दिखाने के लिए रख दिया है। लोग एवं मरीज इसे देखकर दंग रह जाते हैं। वनस्पति शास्त्री एचएस यादव का कहना है कि कभी कभार इस प्रकार की नई आकृति फल बनते समय हो जाती है जिसके चलते दो या अधिक फल अलग होने की बजाय जुड़कर नई प्रकार की आकृति बन जाती है।
No comments:
Post a Comment