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Thursday, May 14, 2020

 प्याज
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एलियम सेपा

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गंठा
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 वास्तव में प्याज पत्तों द्वारा संचित भोजन से बनती है जो एक कंद है। जो प्याज खाते हैं वो पत्ते हैं जिनमें भोजन इकट्ठा हो जाता है। भारत के उत्पादन में पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर है। प्याज सब्जी भी सलाद दोनों रूपों में खाई जाती है। सब्जी का तो प्याज आधार है। सब्जी इसके बगैर बेहतर बन नहीं सकती। कढ़ी का आधार भी प्याज है। ग्रामीण क्षेत्रों में खाई जाने वाली राबड़ी में प्याज नहीं होती तब तक वो राबड़ी निरस लगती है और प्याज लोहा, कैल्शियम, विटामिन-सी से भरपूर होती है।
 यह तीख,ी आंखों में आंसू लाने वाली, बलवर्धक ,कामोत्तेजक, स्वाद वर्धक, जब बच्चों में नींद नहीं आती उनके लिए, चक्कर आते हो उस समय, कीड़ों के काटने से उत्पन्न जलन को शांत करने में काम आती है। यह हरी तथा सूखने पर दोनों ही रूपों में प्रयोग की जाती है।
प्याज का पत्ता, तना, कंद सभी कुछ काम में लाए जाते हैं। यह पित्त रोग, शरीर दर्द, फोड़ा फुंसी, बवासीर, तिल्ली रोग,  मलेरिया, कान दर्द में काम आती है वहीं गर्मियों में तो एक उपहार के रूप में जानी जाती है। गर्मियों में जरूर प्याज प्रयोग करनी चाहिए। प्याज खाकर ही कहीं बाहर घूमने जाना चाहिए। गर्मियों में प्याज खाए बगैर रोग लग सकते हैं।
 प्यास गर्मियों में कई रोगों से बचाती है।  कोरोना से जो बीमारी चल रही है उसमें भी प्याज खाना लाभप्रद है।
प्याज सब्जी, मसाले, सलाद, अचार आदि बनाने के काम आती है। प्याज को कच्चा खाना सलाद के लिए लाभप्रद है क्योंकि यह सेहत के लिए जरूरी है वहीं रुक्षांस पाए जाते हैं। प्याज के खाने से अनेकों लाभ हैं जिनमें लू नहीं लगती, यही नहीं शुगर, कैंसर जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद है। इसे वास्तव में एलियम सेपा कहते हैं। प्याज के नीले, हरे रंग के पत्तेहोते हैं। प्राय चटनी भी लोग बनाकर इसकी खाते हैं।
 हर प्रकार से इस को काम में लाना लाभप्रद होता है। प्याज रंग के अनुसार सफेद, लाल, हरी आदि रंगों की होती है वहीं यह कड़वी, मीठी आदि रूपों में भी जानी जाती है इसमें लोहा, कैल्शियक, पोटैशियम, विटामिन अधिक होता है इसलिए सेहत के लिए ज्यादा लाभप्रद है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक पदार्थ भी पाया जाता है। पके हुए प्याज में रुक्षांस पाए जाते जो आंतों को स्वस्थ रखते हैं। प्याज  शुगर ,कैंसर, पाचन तंत्र, हिृदय रोग, स्वास्थ हड्डियों के लिए, सुजाक रोग, रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने, मुंह को स्वस्थ, कान दर्द ,आंखों के लिए, यौन क्षमता बढ़ाने, बुखार, खांसी, रजोनिवृत्ति में सहायक, नींद लाने में खून के थक्के जमने से रोकना, हैजा उपचार, तनाव से बचाती है, किडनी की पथरी, चमकदार त्वचा, कील मुंहासे, बुढ़ापे रोकने, कीड़े मकोड़े के काटने पर उपचार करने, मस्से, बालों के लिए ,डैंड्रफ के लिए, जूं खत्म करने के लिए, लाभप्रद है।
प्याज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा रुखसाना भी पाए जाते हैं वहीं इसमें कैल्शियम, तांबा, सोहा मैग्नीशियम, मैग्नीज, फास्फोरस जस्ता आदि पाए जाते हैं। प्याज कई रूपों में प्रयोग की जाती है सलाद, पास्ता बनाने ,चावल पकाने, दाल पकाने, सब्जी बनाने के काम में आती है। प्याज में तेज गंध शर्करा की कमी पाई जाती है। गैस बनाती है, वही रक्तचाप को कम कर देती है। ऐसे में जिनमें शुगर की कमी है, रक्तचाप पहले ही कम है, उन्हें नहीं खाना चाहिए। 

प्याज  ऐसी सब्जी है जिसका कंद प्रयोग किया जाता है। साल में दो बार उगाई जाती है। प्याज बहुत पुराने समय से उगाई जा रही है। पूरे संसार के करीब 150 देश इसको प्रयोग करते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में एलियम सेपा नाम से जाना जाता है। 1998 में भारत में सरकार गिराने में भी इसका अहम रोल था। प्याज के अंदर पत्ते भोजन इकट्ठा करते और फूल जाते हैं इसलिए प्याज का जो भाग खाया जाता है वे पत्ते होते हैं। प्याज एक शल्ककंद हैं। इसका स्वाद तीखा होता है। 

  प्याज में उसको कच्चा, सब्जी में तथा विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जाता है। प्याज कंद में विटामिन-सी, कैल्शियम, लोहा पाया जाता है। यह बलवर्धक, कामोत्तेजक, तेज, तीखा स्वाद, स्वादवर्धक के अतिरिक्त महिलाओं में रक्तवर्धक, भूख बढ़ाने वाला, कंद होता है। यह पित्त रोग ,शरीर दर्द, बवासीर, फोड़ा फुंसी में, मलेरिया जैसे अनेक रोगों के इलाज में काम आता है। अनिद्रा निवारक, चक्कर आने में भी उपयोगी, कीड़ा काटने के बाद जलन शांत करने में जैसे मधुमक्खी, भीड़ ततैया काटने पर जलन को शांत करने में प्याज का रस काम आता है। प्याज के पत्ते प्रयोग में लाए जाते हैं। प्याज अनेकों रोगों के इलाज में काम आती है। प्याज लाल, सफेद, पीली तथा कई अन्य रंगों में मिलती है।  

प्याज,खाज और ब्याज की जिसको लत पड़ गई है वह इनके बगैर नहीं रह सकता। प्याज कुछ लोग इसलिए नहीं प्रयोग करते कि यह बदबू प्रदान करती है। लेकिन सलाद का राजा भी प्याज ही है।प्याज का हर भाग काम आता है।

**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,महेंद्रगढ़, हरियाणा**

                                  प्याज
अलियम सेपा नाम जिसका
2000 वर्ष पुराना है इतिहास
ग्रामीण लोग इसे प्याज कहे


लाखों जन सलाद के हैं दास,
                        चीनी, प्रोटीन व फाइबर युक्त
                        विटामिन,फोलिक एसिड,वसा
                        कितने ही खनिज लवण मिले
                        खास स्वाद मजा दिल में बसा,

देखने में लगती प्याज छोटी सी

पर करवा सकती है जग हंसाई
एक बार खाई तो बारंबार खाई
केंद्र की 1998 में सरकार गिराई,

                       विशेष महक प्याज में पाई जाए
                       सल्फोनिक अम्ल है इसमें प्रचुर
                       अम्ल गैस बनकर आंखों में आए
                       आंखों से फिर अश्रु धार बह जाए,

एक वर्षीय और बहुवर्षीय प्याज
छुपाए हुए कितने ही अंदर राज
कोलस्ट्रोल और कैंसर रोग घटाए
हैजा, पेट रोगों में काम करे प्याज,

                       लाल, सफेद, पीली और कई रंग
                       तीखी, मीठी और कड़वा है स्वाद
                        सब्जी और सलाद का है आधार
                       खा ले प्याज वो रखे इसको याद,

कच्ची खाओ और  चटनी  बनाओ
जैसे  भी हो  बस प्याज ही  खाओ
यौन शक्ति बढ़ाए, शूगर को घटाए
पेशाब रोगों में प्याज काम में आए,

                         लत पड़ी प्याज, ब्याज व खाज की
                         वो नहीं भूले कभी तीनों का स्वाद
                        होशियार कहते मेसी रोटी व प्याज
                         बचपन में खाई थी अब आती याद।।

      **होशियार सिंह, लेखक, कनीना**

 

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