हिंगोल, हिंगोटा, हिंगूल
(बैलेनाइट इजिप्टियाका)
सेनेगल देश में प्रमुखता से
एक झाड़ी-पेड़ मिलता है
डेजर्ट डेट के नाम से जाने
सर्दियों में फूल खिलता है,
हिंगन, हिंगोल, हिग्लिग
सोपबेरी, थार्न ट्री, हिगोटा
बैलेनाइट, इंगुडी, हिंगोरा
अंगारवृक्ष नाम इसका होता,
हरे कांटों से लदा हुआ है
कठोर फल कभी लगते है
हर प्रकार की भूमि में हो
जंगल में खड़े ये सजते हैं,
भूरे रंग का छिलका होता
छोटे-छोटे पत्ते फिर लगते
रस से भरे फल लगते फिर
अखरोट जैसे पीले सजते,
पुराने समय का साबुन यह
धोते थे वस्त्र इसके फल से
कितने ही रोगों में काम का
फल झाग देता जब मलते,
पेड़ बहुत ही उपयोगी होता
त्वक रोगों में फल काम का
कुकर खांसी को दूर करता
खड़ा लगता पेड़ बे दाम का,
गर्भधारण को दूर करता है
कैंसर में बीज काम आता है
घावों को पत्तों से धोते जन
कामला में भी काम आता है,
शुगर रोगों में बहुत उपयोगी
पेट दर्द को यह दूर भगाता
बुखार व दमा को दूर करता
बदहजमी, हैजा इससे डरता,
जीवाणुओं को मार डालता
पेट के कीड़ों को दूर भगाता
जलन पेट की दूर कर देता है
कितने ही रोगों में काम आता,
मलेरिया के मच्छरों को मारता
खनिज लवणों से यह भरा है
पूरे विश्व में ही पाया जाता है
गहरे हरे रंग का हरा भरा है,
ग्रामीण जन इसे हिंगोरा कहे
कहीं-कहीं पर खड़ा मिलता
औषधीय पौधा कहलाता है
आंधी बारिश में यह हिलता।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
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