मोथिया घास
(साइप्रस रोटंडस)
पूरे विश्व में मिलती एक घास
मोथा, मोथिया घास कहलाती
मोटा मूला, कोका, जावा घास
कितने ही नामों से जानी जाती,
नट घास ग्रामीण इसको कहते
जड़ में इसके मिलता एक कंद
बहुवर्षीय खरपतवार होती यह
बालों की वृद्धि को कर दे मंद,
फूलों का गुच्छा मिलता सफेद
धान की पैदावार में लाए कमी
लाल, भूरे रंग का कंद मिलता
उगती वहां जहां इसे मिले नमी,
तिकोना इसका तना बन जाता
कोई शाखा इस पर नहीं आती
खेतों में जहां-तहां मिल जाती
कितने ही रोगों से मोथा बचाती,
चीन में इसको कहे ऊर्जा स्रोत
हैजा, बुखार, कोढ़ में काम आए
कंद जलाकर राख मले घाव पर
महिला रोगों में यह रंग दिखाए,
खनिज और मिलते हैं विटामिन
अफ्रीका में अकाल में काम आई
ब्रेस्ट और उसमें ब्रेस्ट दूध बढाती
कीट दूर भागते अगर मैट बनाई,
आंखों के रोग दूर कर देती कंद
मोटापा में भी मोथा काम आता
यकृत, प्लीहा के रोग करे दे दूर
पेट बीमारियों में में काम आता,
खुशबूदार बनता इससे ही तेल
कंद को खाए जब जी मचलाए
घास होकर भी कई रोग भगाए
उखाड़ खेत से मोथा को आए।।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
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