अपामार्ग(गोगा)
अचिरांथिस अस्पेरा
बरसात का मौसम जब आए
चिरचिटा, लटजीरा उग जाए
गणेश पूजा में यह काम आए
भारत में ये खरपतवार कहाए,
ग्रामीण क्षेत्र में गोगा कहलाता
विभिन्न रोगों में काम ये आता
स्त्रि रोगों में रामबाण कहलाता
ओला कांटा इस पर ही आता,
कपड़ों के कांटा जब चिपटता
दूर दराज तक यह पहुंच जाता
जड़ व पत्ता बहुत काम आता
जीव जंतुओं को बहुत लुभाता,
महिला के गर्भपात में बढ़ाता
जब महिला बच्चा जन जाती
कितनी ही बीमारी लग जाती
ब्लीडिंग को शाक रोक पाती,
बहु मासिक धर्म , ल्युकोरिया
कितने ही रोगों को दूर भगाता
त्वचा रोग हो या कुत्ता काटता
झटपट औषध आराम दिलाता,
सर्दी, खांसी या हो फिर ड्रोप्सी
अंग जले या त्वचा के हो रोग
गर्भ पूर्व समय या गर्भ के बाद
रोग लगे तो करे इसका उपभोग,
किसान इसे उखाड़कर फेंकता
आम आदमी है अनभिज्ञ इससे
कोई हो बीमारी तो लाओ घर
दवाएं बनती जड़, पत्ता इसके,
बहु उपयोगी शाक ये कहलाए
रोते हुए मरीज को यह हंसाए
रोगों को दूर करता लाए बहार
पेट रोगों को जल्द दूर भगाए।।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
भूमि आंवला
(फाइलंथस निरुरी)
रबी फसल के साथ उगता
हरा भरा एक शाक बेदाम
भूई आंवला, स्टोन ब्रेकर
कितने ही हो इसके नाम,
फल पत्ते के नीचे लगते
सीड अंडर स्टोन कहाए
पत्ता,फल,फूल,बीज बने
कितने रोगों को दूर भगाए,
पत्तों में मिलता पोटाशियम
कीट जहर को कम कर दे
दस्त लगे तो जड़ भूनकर दे
पत्ते बुखार रोग को हर ले,
यकृत खराब होने से बचाए
खून कमी को कर देता दूर
फफूंद, जीवाणु मार डालता
शुगर, बीपी करें चकनाचूर,
लिवर, वृक्क, तिल्ली में पथरी
पत्ते का जूस कर देता है दूर
मूत्र से कैल्शियम को घटाए
पेट की बीमारी को करे फुर्र,
भूख बढ़ाता खून को बढ़ाता
यकृतशोथ रोग को ये भगाए
पत्थरी शरीर में पनपने न दे
इसके पत्तों से ही पेय बनाए,
कम होता जा रहा यह शाक
वक्त रहते हुए इसे बचा लो
किसानों ने नष्ट कर दिया इसे
हो सके इसके बाग लगा लो।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
जंगली गन्ना(कांस)
(सक्रम स्पोंटेनियम)
दक्षिण एशिया का पौधा
फैल चुका पूरे संसार में
कांस घास नाम से जानते
काम आए पशु आहार में,
बहु वर्षीय कांस कहलाए
जहां मिले कालोनी बनाए
बाढ़, मिट्टी कटाव रोकता
गैंडा घास में खुशी मनाए,
खेत,नाले,नदी किनारे पर
खरपतवार रूप में मिलता
भीषण गर्मी जब आती है
इस पौधे पर फूल खिलता,
जंगली गन्ना कहलाता यह
कागज इससे बनाया जाए
शारीरिक कमजोरी दूर करे
बवासीर रोग को दूर भगाए,
मूत्र विकार में यह उपयोगी
शरीर की जलन को मिटाए
ब्रेस्ट दूध बढ़ाने के लिए ही
कांस घास को सदा अपनाए,
कैंसर में जड़ काम आती है
खेत में बाड़ का काम करती
सांस रोगों में अति उपयोगी
गन्ने का क्रासिंग काम करती,
धार्मिक पौधा माना जाता है
कांस के फूल जीवों लुभाए
बाढ़ का मुकाबला करती है
इसलिए यह बोल्ड कहलाए।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना*
इवी(लबलब)
(कैंप्सिस रेडिकंस)
घरों, जंगलों, उद्यानों में
मिले एक फूलदार पौधा
अंग्रेजी में इसे इवी कहे
यह कऊ वाइन ही होता,
ट्रपेट क्रीपर, ट्रंपट वाइन
डे्रजेर्ट लेवेंडइ इसके नाम
घर द्वार की शोभा बढ़ता
कीट लुभाना इसका काम,
कुछ लोग छुए तो रोग हो
लकड़ी व दीवार नष्ट करे
बेल वाला पौधा होता यह
कई रोग जन मानस के हरे,
पत्तों से इसके ड्रिंक बनता
सर्दी व जुकाम को ये हरता
एंटीसेप्टिक पत्ते होते इसके
बहु प्रयोग से तनाव बढ़ता,
इसके पत्तों से चाय बनती
प्रयोग करे तो भूख बढ़ती
हंमिंग बर्ड का प्यारा फूल
अधिक प्रयोग से मूत्र बढती,
पाचन शक्ति को टानिक है
रेटल सांप का जहर हरता
जड़ इसकी अति उपयोगी
घर आंगन महक से भरता,
जंगल में पेड़ों पर मिलता
नहर,सड़क किनारे मिलता
जून जुलाई में फूल खिलता
हवा में खड़ा -खड़ा हिलता,
कुछ लाभ कुछ इसकी हानि
घर में सावधानी से उगाओ
बच्चों को इससे ही बचाओ
खुद हंसों औरों को हंसाओ।।
****होशियार सिंह, लेखक, कनीना*
जामुन
(साइजिजियम कुमिनी)
कई देशों में पाया जाता
सदाबहार पेड़ कहलाए
ब्लैकबेरी, राजमन जैसे
कई नामों से जाना जाए,
अमलीय, कैसेला स्वाद
नमक संग ये खाई जाए
ग्लूकोज व फ्रक्टोज मिले
कई रोगों में ये काम आए,
कार्बाेहाइड्रेट,प्रोटीन,लोहा
कैल्शियम अधिक मिलता
अप्रैल-मई में फूल खिलता
जून व जुलाई फल लगता,
बी-कैरोटीन, फाइबर आदि
रेशों से भरा होता यह फल
वीटामिन सी का बेहतर स्रोत
मधुमेह का यह अच्छा हल,
पाचन शक्ति मजबूत करता
उम्र बढ़ाता, कैंसर से बचाता
लिवर की बीमारी में रामबाण
जोड़ दर्द व हृदय घात घटाता,
खून की सफाई करता फल
पत्ती, फल, छाल काम आता
रक्तचाप को करता है नियंत्रित
कितने ही रोगों में यह हंसाता,
राम ने वनवास में इसे ही खाया
कीमो व रेडियोथैरेपी में उपयोगी
श्रीकृष्ण ने इसका किया बखान
खाते रहोगे इसे तो रहोगे निरोगी,
हरा, पीला, गुलाबी रंग का फल
गुठली भी इसकी काम में आती
किसान के खेतों में खड़ा मिलता
इसकी छांव ही जीवों को सुहाती,
बेहतर फल, बेहतर इसकी छांव
घर में उगा जन रोगों से बचाओ
फल बारिश में टूटकर जब गिरते
खाओ इसको और खूब हंसाओ।।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
परवल
(ट्राइचोसेंथिज डायोका)
मीठी, कड़वी दो रूपों में
मिलती परवल की सब्जी
कच्ची की सलाद बनाओ
मिले पेट में जिन्हें कब्जी,
हरा आलू भी कहाए यह
नुकीला गार्ड यह कहाए
धारी कभी फल पर पाए
पटोल भी यह कहलाए,
उत्तर प्रदेश में होती खेती
दिल जैसे पत्तों वाली बेल
नर-मादा अलग-अलग हैं
फलों का बेल का है खेल,
विटामिन ए व सी मिलती
कचरी से यह मिलता फल
कई रोगों को मिटा देता यह
सलाद व सब्जी का ये हल,
कई खनिज लवण प्राप्त हो
मैग्रेशियम,तांबा और गंधक
क्लोरिन, पोटाशियम लवण
खाकर जिया करे धक-धक,
कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत
खून के विकार करता यह दूर
शुगर का रोग जब लग जाता
खाओगे इसे कर देगा यह चूर,
सूप बनता, करी बनाकर खाते
मिठाई में डालते,मछली पकाते
सलाद व सब्जी बनाकर खाते
मांस एवं मिक्स सब्जी में खाते,
पक जाए बन जाती यह लाल
उस वक्त खे तो कर दे कमाल
वसा की मात्रा इसमें मिलती है
खाते जो जन वो ठोकते हैं ताल।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
बांसल/ तिलवन
(क्लियोम या गियांडरोपसिस गियांडरा)
अफ्रीका की एक शाक
फैल चुकी है पूरे जग में
सोना या अफ्रीकन गोभी
कई नाम से पुकारे जग में,
एक वर्षीय शाक होती है
ये अफ्रीकन स्पाइडर फूल
पत्ते विटामिन से भरे हुए
बांसल चाटता रहता धूल,
शानदार फूलों लगते यहां
छूने पर आती रहती बदबू
पत्ते पकाकर खाते हैं जन
इसमें नहीं मिलती खुशबू,
पत्ते, जड़, बीज हैं उपयोगी
आचार इसका बनाया जाए
मरास्मस का रोग दूर करता
आंख रोग में जन को हंसाए,
आंत का रोग, सांस का रोग
खासी, रक्त की कमी हो रोग
बहु उपयोगी खरपतवार यह
इसके पत्ते व जड़ को खाए,
जीवाणु को मार डालता है
पीड़ा का करता यह शमन
कई रोगों में यह काम आए
कफ का कर देता है दमन,
सर्दियों में यह पौधा मिलता
हरा भरा खड़ा नजर आता
किसान के लिए खरपतवार
मक्खी कीट को दूर भगाता।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
जाल
(सालवडोरा ओकलियोडस)
जंगल व वनों में मिलता
सदाबहार पीलू या जाल
कई देशों में मिलता यह
नहीं करे कोई देखभाल,
छोटे-छोटे फूल लगते हैं
पीले,सफेद, लाल फल
लकड़ी नहीं है इमारती
मिट्टी कटाव का है हल,
पशु प्रयोग करते हैं छांव
महाभारत में वर्णन मिले
दवा में काम आते फल
वसा, प्रोटीन इसमें मिले,
कैल्शियम मिले फल में
तेल गठिया में काम आए
जड़ की बनती टूथ ब्रुश
छाल से घावों को हटाए,
फल इसके मधुर होते हैं
जन-जन इनको खाते हैं
लंबी-लंबी शाखाएं मिले
छाबड़ी इनकी बनाते हैं,
ऋषि मुनि तप करते आए
जाल जीवों के काम आए
पक्षी बैठकर करे कलरव
आंधी बारिश से ये बचाए,
शाखाएं कहलाती लोदक
होली पर्व पर काम आए
जब बच्चे करे शैतानी तो
शिक्षक इससे राह दिखाए,
इसके पत्ते ईंट पकाते हैं
ईंट भट्ठों में ये काम आए
हरे पत्ते बड़े काम के होते
पशु खाकर खुश हो जाएं।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
चौलावा
(अमरंथस स्पाइनोसस)
चौलाई से मिलता जुलता
खेतों में उगता एक शाक
अमेरिका से फैल गया है
तेजी से फैल जमाता धाक,
स्पाइनी, प्रिकी व थोरनी
अमरंथस इसके ही नाम
चावल में बन खरपतवार
उनको कर देता है बेदाम,
पिग विड परिवार का है
भोजन के रूप में खाते हैं
18 प्रकार के अमल मिले
शरीर को रोग से बचाते हैं,
हरे रंग की डाई बनती है
टूटी हड्डी में काम आता
आंतरिक घाव भर देता है
हैजा रोग से इंसान बचाता,
जड़ इसकी माहवार बढ़ाए
महिला ब्रेस्ट में दूध बढाता
गनोरिया, त्वचा के रोग हो
कई बीमारियों को घटाता,
जड़, बीज, तना और पत्ते
कितने ही रोगों में काम के
मूत्र विकार,पेट की बीमारी
इसके आगे लगते नाम के,
गर्भपात को प्रेरित करता है
बुखार, कैंसर, पेट अलसर
पेट की कई बीमारी हो जा
अमरंथस उनको लेता है हर,
कितने ही रोगों को दूर करे
अपार मात्रा में मिलता तैयार
तोड़कर ले आओ घर में तो
बढ़ जाएगा परिवार में प्यार,
पशु पक्षी इसको खा जाते
फिर भी हजारों फूल खिले
कांटेदार फल, बीज आते हैं
बंजर भूमि पर खड़ा मिले।।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना*******
अश्वगंध
(वाइथनिया सोम्निफेरा)
भारत देश का प्रमुख पौधा
मिलता जंगल व उजाड़ में
यहां वहां खड़ा मिल जाता
या फिर खड़ा मिले बाड़ में,
आयुर्वेद का यह है उपहार
जन-जन करता इससे प्यार
गर्म, मादक, गंधयुक्त होता
इससे ही दवा बनती हजार,
गहरे हरे पत्ते मिले इस पर
आते फिर लाल-लाल फल
असगंध, शुक्रला कई नाम
निरास जन का अच्छा हल,
पशुओं के लिए दवा बनाते
ग्रामीण लोग इससे वाकिफ
वात, श्वास रोग दूर करता है
पक्षी, जंतु इसके हैं आशिक,
पत्ते, फल और जड़ काम के
कई उन्नत किस्में उगाई जाए
शुगर, हिचकी, टीबी दूर करे
जोड़ दर्द व कैंसर पर लगाए,
ध्यान भंग हो नींद नहीं आए
बीपी बढ़े और खून घट जाए
अश्वगंध हाजिर काम में लाए,
जड़ प्लेग रोग दूर कर देती है
थकान मिटा ऊर्जा शरीर पाए
हृदय रोग व श्वास रोग घटाए
यकृत ,गदूद, त्वचा रोग घटाए,
घाव पर रगड़ अश्वगंध लगाए
शुक्र घट जाए और बच्चा चाहे
या फिर शरीर में स्फूर्ति बढ़ावे
तो अश्वगंध को जरूर अजमाए,
अश्वगंध के पाक आरिष्ठ आसव
तीनों ही रूपों में मिलते बाजार
जोड़ दर्द, पीठ दर्द दूर करता है
रोग दूर करे अश्वगंध कई हजार,
जड़ में घोड़े जैसी ही बदबू आए
अत: यह पौधा अश्वगंध कहलाए
लाल फल रोचक मिलते हैं इतने
फलों को पशु पक्षी चाव से खाए।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
तुलसी
(ओसिमम टेन्वाइफोलियम या सेंक्टम)
हर घर आंगन में मिलता
अति पवित्र पौधा मानते
विष्णु या श्रीकृष्ण रूप में
तुलसी को जन पहचानते,
दो रूप होते हैं तुलसी के
राम, श्याम रूप कहलाए
सुबह सवेरे से पूजा होती
बिगड़े काम सभी बनाए,
विष्णु का रूप होता यह
अत: इसे काटना है पाप
पत्ते नहीं चबाने चाहिए
वरना दांतों को लगे शाप,
कार्तिक में तुलसी विवाह
धूमधाम से मनाया जाए
आयुर्वेद का आधार होता
कई रोगों को दूर भगाए,
देव-दानवों का युद्ध हुआ
धन्वंतरि अमृत ले आया
खुशी के मारे अश्रु गिरी
तुलसी वहां उसमें पाया,
पत्तों को अन्न में मिला दे
कीट दूर ही भाग जाएंगे
पत्ते करे प्रतिदिन प्रयोग
घातक कैंसर भाग जाएंगे,
अल्प बुद्धि तेज करनी हो
तुलसी के पत्ते करे प्रयोग
बुखार, सर्दी, खासी रोग
भागते मिलेंगे यह संयोग,
गले का रोग हो जाता है
या सांस का रोग सताता है
गुर्दे की पथरी की परेशानी
सभी में करामात दिखाता है,
तनवा को कर देता यह दूर
खून को साफ कर देता है
कीट काट जाते जब कभी
उनको भी दूर कर देता है,
आंखों के रोग जब लगते
त्वचा के रोग जब मिलते
सिरदर्द जैसे रोग सताते हैं
मुरझाए भी चेहरे खिलते।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
करौंदा
(कैरिसा करंदास)
सदाबहार एक झाड़ी
रंग बिरंगे लगते फल
कई देशों में मिलता है
रोगों का निकाले हल,
कांटों से भरा हुआ तन
देख-देख ये हर्षाता मन
सफेद फूलों से महकता
रोग निरोधी कर दे तन,
खेत, बाग और पार्कों में
खड़ा मिलता सुरक्षा को
हिमालय पर भी मिलता
जन शरीर की रक्षा को,
लोहा और विटामिन दे
प्रोटीन और रेजीन देता
जड़, तना, फल व पत्ता
तन रोगों को ये हर लेता,
जेली, जैम, सिरप,अचार
खट्टी चटनी, जूस बनाते
बुखार में पत्ते काम आते
पेट के कीड़ों को भगाते,
शुगर की बीमारी जब हो
हैजा, खांसी रोग लग जा
पेट दर्द हो या त्वचा रोग
करौंदा प्रयोग करे हट जा,
भूख बढ़ाने के काम आए
दिल की बीमारी दूर करे
खून विकारों में काम आए
करौंदा खाए कभी न डरे,
पेट की बीमारी हटा देता
खट्टा स्वाद सब्जी बनाती
खून कमी हो जब हो जा
दूर करे जन को हंसाती।।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
नकली सूरजमुखी
(हेलियोप्सिस हेलियंथोइडस)
गर्मियों में फूल खिले
लगता हो सूरजमुखी
सड़क किनारे मिलता
किसान इससे दु:खी,
सड़क किनारे खड़े हैं
वर्षों तक जीवित रहे
ओक्सआई सूरजमुखी
कुछ लोग इसको कहे,
बाग बगीचे में मिलता
बढ़ाता है उसकी शान
हरा भरा यह पौधा है
गौर कर इसे पहचान,
अमेरिका की उत्पत्ति
फैलता गया दूर दराज
विस्तार से इसे जानो
खोल सकता कई राज,
पीला फूल खिलता है
एक साथ आते हैं कई
बदबू आती इसमें तो
नकली सूरजमुखी सही,
मिट्टी कटाव को रोके
जीव नहीं इसको खाते
फूल माला बनानी हो
लोग इसे तोड़कर लाते,
नहीं है कोई उपयोगिता
जंगल की शोभा बढ़ाता
गर्मी में खिलता रहता है
देख-देखकर जन हर्षाता।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
फराश
(टमारिक्स एफिला)
मानव की भूख बढ़ी जब
कर दिया प्रकृति विनाश
दिनोंदिन कठिन हो गया
शुद्ध हवा में लेना सांस,
प्रकृति को शुुद्ध बनाता है
आग रोकता पौधा फराश
खत्म किया इसका जीवन
होने लगा जग में उपहास,
एथेनपाइन, एथेनट्री जैसे
सदाबहार ये पेड़ कहलाए
पत्ते इस पर नहीं मिलते हैं
अत: ये एफिलो कहलाए,
नम आद्र्र जगह पर मिलते
देश विदेश में नाम कमाए
फूल आते बीज भी बनते
खार से ये प्रतिरोध जताए,
अति कठिन इसको जलाना
नमक की मात्रा पाई जाए
छांव देने में अग्रणी होता है
आग रोकने को इसे लगाए,
मिट्टी कटाव को ये रोकते
चारकोल,लकड़ी, टेनीन दे
एंटी आक्सिडेंट प्रदान करे
कभी तो इसका सहारा ले,
लपसी बनाकर इसे खाते हैं
ड्रिंक बनाकर इसे पीते हैं
कितने जीव इस पर रहते
ये लोगों को सहारा देते हैं,
बचा लो इन पेड़ पौधों को
वरना जन तबाह हो जाएगा
सोच समझकर कदम बढ़ा
नहीं लौट कर वक्त आएगा।
***** होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
केली
(कैना इंडिका)
केला की बहन कहलाती
हर जगह खुद उग जाती
बागों की सुंदरता बढ़ाती
विश्व में कैना नाम कहाती,
सबसे अधिक स्टार्च मिले
लाल, संतरी व पीले फूल
गन्ने से मिलता जुलता खूब
बाग बगीचों में चाटती धूल,
मूलाभास इसमें एक मिलता
स्टार्च जिसमें है भरा मिलता
गर्मी में इस पर फूल खिले
पवन में तना स्वतंत्र हिलता,
तने से इसकी बनाए सब्जी
पत्तों से चारा बनाया जाता
बीज अति काले रंग के होते
आभूषण माला में गूंथा जाता,
वाद्य यंत्रों में बीज काम आए
शराब इससे ही बनाया जाए
पत्ते से इसकी बनता कागज
बीज रंग बनाने में काम आए,
पत्ते की धुआं होती कीटरोधी
कीटों को भगाने के काम आए
प्रदूषण के प्रति रोधी पौधा है
अवांछनीय पदार्थ हटाए जाए,
थाइलैंड में फादर्स डे मनता
मांग होती बड़ी इन फूलों की
आधा ही नर इसमें मिलता है
क्या अजीब शान है फूलों की,
घर गमलों में या बागों में मिले
हरा भरा होता यह एक शाक
दवाओं में काम आता है कैना
जब इसकी बन जाती है राख।
****होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
बथुआ या बाथू
(चिनोपोडियम एल्बम)
रबी फसल जब बोई जाए
बथुआ खुद उसमें उग जाए
बथुआ खरपतवार कहलाए
किसान उखाड़कर दूर गिराए,
आलगुड, गूजफूट, पिगविवड
बाथू, हरा, कई नाम कहलाए
पशुचारे में यह अति उपयोगी
जन कच्चा और पकाकर खाए,
अति उपयोगी यह एक शाक
पर गर्भवती का गर्भ गिर जाए
हर जन खाए चाव से इसे खाए
परंतु गर्भवती महिला नहीं खाए
मिलते हैं कितने ही विटामिन
कैल्शियम, फास्फोरस, पोटाश
आक्जालिक अमल का हैं स्रोत
ग्रामीण लोगों का भोजन खास,
गुर्दे की पत्थरी को कर देता दूर
सूजन अगर हो तो इसे लगाए
पीलिया रोग को झटपट भगाए
खून की कमी हो तो इसे खाए,
रक्त शुद्धता का यह एक टोनिक
नाइट्रोजन युक्त भूमि पर मिलता
पौधा दस हजार तक बीज देता
बीज भी दवाओं में काम आए,
रायता एवं साग इससे ही बनाते
अनियमित मासिक धर्म करे सही
भाजी व परांठे इससे जन बनाते
बुजुर्गों ने सभी को यह बात कही,
जंगल में उगता पर्याप्त मात्रा में
किसान ने इसका किया विनाश
हरे भरे पत्तों का कहलाता शाक
पशु और जन इसका बनता दास,
पेट की बीमारियों में काम आता
पूर ही विश्व में बथुआ पाया जाता
किसान खेत में निराई करने जाता
ला घर इसके बना सब्जी खााता,
गर्मी और सर्दी के अलग-अलग
बथुआ हर मौसम में अब मिलता
गहरे हरे रंग के पत्तों वाला शाक
चमकीले पत्तों से जग ही महकता।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
मोथिया घास
(साइप्रस रोटंडस)
पूरे विश्व में मिलती एक घास
मोथा, मोथिया घास कहलाती
मोटा मूला, कोका, जावा घास
कितने ही नामों से जानी जाती,
नट घास ग्रामीण इसको कहते
जड़ में इसके मिलता एक कंद
बहुवर्षीय खरपतवार होती यह
बालों की वृद्धि को कर दे मंद,
फूलों का गुच्छा मिलता सफेद
धान की पैदावार में लाए कमी
लाल, भूरे रंग का कंद मिलता
उगती वहां जहां इसे मिले नमी,
तिकोना इसका तना बन जाता
कोई शाखा इस पर नहीं आती
खेतों में जहां-तहां मिल जाती
कितने ही रोगों से मोथा बचाती,
चीन में इसको कहे ऊर्जा स्रोत
हैजा, बुखार, कोढ़ में काम आए
कंद जलाकर राख मले घाव पर
महिला रोगों में यह रंग दिखाए,
खनिज और मिलते हैं विटामिन
अफ्रीका में अकाल में काम आई
ब्रेस्ट और उसमें ब्रेस्ट दूध बढाती
कीट दूर भागते अगर मैट बनाई,
आंखों के रोग दूर कर देती कंद
मोटापा में भी मोथा काम आता
यकृत, प्लीहा के रोग करे दे दूर
पेट बीमारियों में में काम आता,
खुशबूदार बनता इससे ही तेल
कंद को खाए जब जी मचलाए
घास होकर भी कई रोग भगाए
उखाड़ खेत से मोथा को आए।।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
भांग
(कैनाबिस इंडिका)
भांग नाम का अजीब पौधा
यहां वहां खड़ा देखा जाए
विभिन्न दवाओं का आधार
हशीश बनाने के काम आए,
लेमार्क वैज्ञानिक बताया इसे
भारत में भी यह उगाया जाए
धर्म-आस्था से जोड़ते हैं जन
कष्ट दूर करके उसको हंसाए,
वैदिक काल से ही साधु जन
रोजाना प्रयोग करते आ रहे हैं
होली के दिन भांग का नशा
टोली बनाकर जन खा रहे हैं,
पत्ते एवं फूल ही काम आते हैं
तंतु, तेल बनाने के काम आए
इसके भागों से ही दवा बनती
एड्स रोग भगाने के काम आए,
कैनाबिनोइड पदार्थ निकालाते
दीये, लेकर, पेंट बनाए जाते हैं
धूम्रपान व चाय बनाकर पीते
दवाएं और औषधियां बनाते हैं,
होली पर्व पर खाते सभी भांग
शिव भोले से जोड़ते हैं भांग
हेम्प आयल इससे ही बनता
नशेड़ी इसको लेते इसे टांग ,
कितने ही रोगों में काम आए
कितने जनों की जान बचाए
खेतों में खड़ा मिलता भयंकर
खाने पर रोए तो कभी हंसाए।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
मोगरा
(जसमिनम ओफिसिनेल)
मालती, मल्लिका, मोतिया
मोगरा जैसे सुंदर हैं नाम
पूरे जग में मिलता है जो
खुशबू देना जिनका काम,
सफेद फूल खिलते जहां
खुशबू देता रहता वर्षभर
फिलिपिंस राष्ट्र का पुष्प
उगाया जाता है घर-घर,
इंडोनेशिया में राष्ट्र पूजता
बेले आफ इंडिया कहाए
खुशबू में कहाता सिरमोर
हार पहनते, जीत हो जाए,
फल लगते इस पर काले
बीज नहीं पर बनते उनमें
रात को खिले मोगरा फूल
बंद हो जाते हैं वे दिन में,
इत्र बनाने के काम आता
बनाए जाते खुशबूदार हार
चाय बनाई जाती इसकी
चीन के लोग करते प्यार,
झाड़ीनुमा बेल होती यह
छोटे-छोटे लगते हैं फूल
दूर दराज में फैले खुशबू
महक लगती अति कूल,
मोगरा को ले आओ घर
इसका नहीं कोई भी डर
घर आंगन महक जाएगा
तबीयत को कर देती तर।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना***