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Thursday, December 26, 2019

 बोतल ब्रश 
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कैलिस्टेमोन सिट्रिनस  
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बोतल ब्रश नाम से पौधा पाया जाता



है जो सबसे पहले 1814 में वर्णित किया गया था। इसका विस्तार दूरदराज देशों तक फैला हुआ है। इसका वैज्ञानिक नाम कैलिस्टेमोन सिट्रिनस होता है। यह पौधा सबसे पहला 1814 में वनस्पति शास्त्री रॉबर्ट ब्राउन ने देखा था और वर्णन किया था।
 इस पौधे की सबसे बड़ी विशेषता है कि लाल भूरे रंग के फूल आते हैं जैसे लगते हैं जैसे बोतल की ब्रश हो इसलिए इस पौधे का नाम बोतल ब्रश रखा गया है। य पौधा झाड़ीनुमा से बड़े वृक्ष के रूप में भी मिलता है। इस पौधे गमले में भी उगाया जा सकता है किंतु यह वृक्ष भी बन जाता है। इसके बीच लंबे समय तक पेड़ से नहीं गिरते।
यह पौधा बगीचों में उगाया जाता है ताकि शोभा बढ़ाई जाए। इसलिए इसे ओरनामेंटल प्लांट नाम से जाना जाता है। कमरों के, घर के आस-पास भी इसे लगाया जाता है ताकि घर की शोभा बढ़ सके।
यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल होता है जो दवाओं के रूप में भी काम में लाया जाता है।
यह पौधा खांसी को दूर करने के लिए
कीटों को नष्ट करने के लिए दवाओं में काम आता है।
बहुत सी दवाई इनसे बनाई जाती है। कुछ प्रयोग इसके आधार पर किए जाते हैं। इसके फल कठोर काष्टकीय होते हैं जिसमें बारीक बारीक सैकड़ों बीज पाए जाते हैं जो कई वर्षों तक वृक्ष पर रह सकते हैं। कई सालों के बाद ये फल से निकल लगते हैं जबकि कुछ बोतल ब्रश स्पीशीज में प्रत्येक वर्ष बीज बिखर जाते हैं।
बॉटल ब्रश का पौधा कई शारीरिक विकारों को दूर करने लिकोरिया तथा माहवारी के समय सफाई के काम आता है। जो बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं उनके इलाज में काम आता है। डायरिया, त्वचा के रोग दूर करने में भी
इसका उपयोग किया जाता है। जबकि इसके फूल ऊर्जा प्रदान करते हैं इसलिए होने पेय पदार्थ बनाने के काम में लाया जाता है। इस का तेल भी घरों में काम में लाया जाता है। खेत की मेंढ़, चारदीवारी के साथ साथ लगाया जाता है। इसकी लकड़ी जलाने के काम में भी लाई जाती है।
कुछ बोतल ब्रश के पत्ते एवं बीज जहरीले होते हैं।
बोतल ब्रश की 8 प्रजातियां पूरी दुनिया में पाई जाती है। यह मेडागास्कर का राष्ट्रीय वृक्ष है। ऑस्ट्रेलिया जैसे
देशों के किसान पेड़ का तना काटकर उसमें जल सुरक्षित रखते। यहां तक कि पशुओं को पानी पिलाने के काम में लेते हैं।पेड़ का तना बर्तन का काम करता है। इसके फल  पौष्टिक माने जाते हैं जिसमें विटामिन-सी की मात्रा अधिक पाई जाती है, वही कैल्शियम भी पाया जाता है। कुछ देशों के लोग तो इसके फल का रस बड़े चाव से पीते हैं जबकि कुछ जगह इसके पत्तों की सब्जी भी बनाकर खाते हैं जिसे कुके का सूप कहते हैं। इसकी कुछ प्रजातियां हानिकारक होती है। यह पौधा सड़क के किनारे भी देखने को मिल सकता है, इसे सजावटी पौधा नाम से जाना जाता है। इस पौधे पर भारी मात्रा में फूल लगते हैं। सभी फूल बोतल की सफाई करने की ब्रश जैसे होते हैं। यह पौधा लंबे समय तक जीवित रह सकता है।
**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**

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