कवक
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मशरूम
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मशरूम को कवक, कुकुरमुत्ता आदि नामों से जाना जाता है जो जहां जंगलों में भी स्वयं उगती है वहीं यह विशेष प्रकार की खेती करके उगाई जाती है। इसे खुम्ब, खुंबी, मशरूम आदि नामों से जाना जाता है। यह अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकती क्योंकि इसका रंग हरा नहीं होता। यही कारण है यह मृतोपजीवी जीव है अर्थात मरे हुए, गले सड़े पदार्थों से अपना भोजन प्राप्त करती है।
यही कारण है कि इसे गले सड़े पदार्थ पर उगाया जाता है। इसमें जड़, तना, पत्ती आदि नहीं पाए जाते। कभी बुजुर्ग मानते थे कि कुत्ते जिस जगह पेशाब करते हैं वहां भी उगती है इसलिए इसे कुकुरमुत्ता नाम से जाना जाता है। यह तथ्य बिल्कुल गलत है लेकिन मरे गले सड़े पदार्थों अपने आप उग जाती है। वैज्ञानिक भाषा में इसे अगोरिकस एस्फोरस नाम से जाना जाता है जो जंगल में खेतों में भी पाई जाती है। इसकी कई विषैली प्रकार पाई जाती है ऐसे में मशरूम को बिना किसी जानकारी के कभी भी भोजन आदि के रूप में नहीं प्रयोग करना चाहिए। इसके विष के कारण ही ग्रामीण लोग इसे सांप की छतरी नाम से जानते हैं।
यह खाने के लिए सर्दियों में खेती की जाती है और इसकी विशेष प्रकार के बेड बनाकर उगाया जाता है। बाजार में इसकी कीमत बेहतर मिलती है। यही कारण है कि खुंबी की खेती दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। जहां खुंम्ब उगाने के लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है।
खुंबी को खाद्य मशरूम नाम से भी जाना जाता है। सफेद रंग की खुंम्बी सामान्यता उगाई जाती है भोजन के रूप में प्रयोग की जाती है। खुंब बहुत पौष्टिक सब्जी होती है। इसमें प्रोटीन पर्याप्त मात्रा मिलता है यही कारण है कि प्राचीन समय से लोग खुंबी को प्रयोग करते आ रहे हैं। चीन कजैसे ई देशों में इसे उगाया जाता है। इसकी सैकड़ों प्रकार खाने के काम आती है, भोजन के रूप में खाई जाती है। इसमें विटामिन बी अधिक पाया जाता है। इसके अतिरिक्त खुंब में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन विटामिन, कैल्शियम, तांबा, लोहा, मैग्नीशियम फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक आदि तत्व पाए जाते हैं। खुंबी जंगलों में मिलती है वह जहरीली होती है जिसे कभी नहीं खाना चाहिए। जहरीली खुंब खाने से पेटदर्द,डायरिया, सिरदर्द, एलर्जी आदि अनेक रोग उत्पन्न हो सकते हैं। वही बेहतर दर्जे की ही खुंब उगाकर खानी चाहिए। अल्बानिया देश खुंम्ब उत्पादन में सबसे अग्रणी देश है लेकिन भारत का स्थान भी शीर्ष दस में हैं।
खुंबी में विटामिन डी, फाइबर आदि पाए जाते हैं जो शरीर में जीवाणु रोधी, कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली ,पार्किंसन रोग के उपचार में काम आने वाली, उच्च रक्तचाप और कैंसर में भी उपयोगी होती है। इसमें पोटेशियम अधिक मात्रा में मिलता है इसलिए यह हृदय के लिए बहुत लाभकारी होती है । यह शरीर में ऊर्जा प्रदान करती है वही एल्जाइमर रोग का विनाश भी करती है। एंटीआक्सीडेंट के रूप में काम आती है वही खुंबी को किसी विश्वसनीय स्रोत से ही लेना चाहिए वरना कीमत चलाना उल्टी आना दस्त लगना जैसी बीमारियों के अतिरिक्त जान को खतरा भी हो सकता है। खुंबी वजन घटाने में अहम भूमिका निभाती है वहीं यह सैंडविच बनाने में भी काम में आती है। मशरूम के पिज़्ज़ा भी बनाए जाते हैं वहीं यह बहुत उपयोगी सब्जी है।
मशरूम में सेलिनियम, विटामिन सी भी पाए जाते हैं यही कारण है कि कैंसर जैसे घातक रोग में भी काम आती है, शुगर की बीमारी वाले इसका प्रयोग कर सकते हैं। जिन महिलाओं में गर्भ ठहरा है उनके लिए भी बहुत बेहतर सब्जी मानी जाती है। इसमें विटामिन बी के अनेकों प्रकार पाए जाते हैं यही कारण है कि यह सब्जी का बेहतर स्रोत है।
अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में मशरूम को खाना बुरा समझते हैं क्योंकि उनको इसके लाभों के बारे में जानकारी नहीं होती। यही कारण है कि मशरूम से दूर भागते हैं। जबकि मशरूम हर प्रकार से शरीर के लिए लाभकारी सब्जी माना जाता है। अक्सर लोगों का कहना होता है कि यह गंदगी वाले पदार्थों पर उगती है इसलिए नहीं खानी चाहिए किंतु इसे जरूर खाना चाहिए। मशरूम से अनेकों प्रकार की सब्जी तैयार की जाती है जिनमें शाही मशरूम मशरूम एक है। इसे कई रूपो में खाया जा सकता है।
खुंबी हमारे प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है। उत्तक एवं कोशिकाओं की टूट-फूट को भी सुधार देती है वहीं मशरूम इंसान की बढ़ती उम्र को रोकती है। दिमाग को तरोताजा रखती है वही याददाश्त को बढ़ाती है। हड्डियों को सहारा देती है वही अधिक ऊर्जा प्रदान करती है।
मशरूम में कैंसर से लडऩे की क्षमता पाई जाती है वही विटामिन ए, बी और सी अधिक मात्रा में मिलते हैं। शरीर में जलन को दूर करती है वही बुढ़ापे को रोकने में कारगर सिद्ध होती है।
***होशियार सिंह, लेखक कनीना हरियाणा***
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