कोहिंद्रा
(डिजेरिया मुरिकाटा )
पूरे विश्व में पाया जाए
नकली अमरंथस कहाए
बड़े काम की यह शाक
भोजन के रूप में खाए,
गहरे रंग के पत्ते मिलते
कई रंग के फूल खिलते
बड़े काम होता है पौधा
जंगल में ये खड़े मिलते,
जंगली जंतु इसको खाए
भेड़ बकरी को ये लुभाए
कई दवाएं इससे बनती हैं
अकाल का भोजन कहाए,
पौधा सब्जी रूप कहलाए
उबाल इससे रोग भगाए
करी रूप में इसको खाते
खून कमी को दूर भगाए,
पेट रोगों में होता रामबाण
बीज भी इसके काम आते
रोगों को यह दूर भगाता है
एंटीआक्सीडेंट भी कहाते,
पशु चारे के रूप में प्रसिद्ध
किसानों के खेतों का वीड
हरा चारा बेहतर कहलाता
हरे चारे की कहलाता रीढ़,
नहीं कोई देसी सब्जी ऐसी
रायता, भाजी बनाई जाती
खेतों का खरपतवार होता
बाजार में यह बेची जाती,
गर्मियों में पौधा उगता है
फिर आते इस पर फूल
बीज अनेकों इसमें लगे
फांकता पौधा गर्मी, धूल।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
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