बरगद, बड़, बनयान ट्री
(फिकस बंगालेंसिस )
बहुवर्षीय बहुत बड़ा पौधा
250 वर्षों तक का इतिहास
भारत का राष्ट्रीय पौधा यह
अंजीर का कराए आभास,
पत्ते इसके चौड़े चमकीले
अपार जीव जंतुओं का घर
व्यापार की बातें की जाती
नहीं होता है किसी का डर,
गीता में भी इसका वर्णन है
वेदों में भी आता यह महान
भारतीय मूल का यह पौधा
पार्कों की बढ़ा देता है शान,
कलकत्ता में 250 वर्ष पुराना
हवा में लटकी मिलती जड़
कई एकड़ में फैल सकता है
धरा को हवाई जड़ ले जकड़,
ग्रामीण क्षेत्रों का छाया स्रोत
बीज शूगर का रोग करे दूर
जड़ की ब्रश मसूड़ा रखे ठीक
रस कर देता जलन को दूर,
त्वचा के रोगों में काम आता
छाल रस्सी,पेपर के काम आए
बालों को बरगद स्वस्थ बनाए
ल्युकोरिया रोग को दूर भगाए,
हृदय रोगों में यह है उपयोगी
ताकत देता नपुंसकता दूर करे
खूनी बवासीर को ठीक करता
छाजन रोग हो तो उसको हरे,
बदबू सांस की यही रोक देता
फटी ऐडिय़ों पर यह रस लगाए
जोहड़ तालाब पर यह मिलता
कितने जीवों को आश्रय दिलाए,
लाल रंग के जब फल लगते हैं
बड़बंटा ग्रामीण उनको कहते हैं
खाकर ही कितने जीव फलों को
बरगद की छांव में सुख से रहते हैं।
** होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
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