आड़ू
(प्रुनस प्रसिका)
प्रसिका से उत्पत्ति इसकी
फैल गया दूर विदेशों में
मधुर रस से भरा हुआ है
चाव से खाते कई देशों में,
चीन देश नंबर वन पर है
सदियों से उगाता आया है
कम अमल इसमें मिलता
भारत में भी खाया जाता है,
तीन साल में फल देता यह
विटामिन सी, ई,के मिलता
बसंत ऋतु का आगमन हो
पीला, सफेद फूल खिलता,
कई खनिजों का स्रोत यह
पोटाशियम इसमें मिलता है
हरे, पीले, लाल फल लगे
टहनी के संग यह हिलता है,
बाग, बगीचों में मिल जाता
या कोई किसान इसे लगाता
मोटी गुठली वाला फल यह
खाए जो उस जन को हंसाता,
द्विलिंगी फूल खिलता रहता
कीटों को करता है आकर्षित
किसान अगर पैदा करने लगे
आड़ू करता सदा उसका हित,
अंग्रेजी में पीच नाम से जानते
टहनी पर फलों से पहचानते
देखकर नजारा इसका प्यारा
जग-जग में इसको जानते है।।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
No comments:
Post a Comment