गोंदिया, गुननी
(कोर्डिया घराफ)
लेहसुआ की बहन
मिलती घर द्वार पर
मधुर फल प्रदायिनी
मिले नहीं उधार पर,
हरे भरे पत्ते लगते हैं
लाल, पीले लगे फल
कोमल होता है पौधा
कई रोगों का यह हल,
लाल फलों में भरा रस
खाए जीव जंतु चाव से
मुंह आए तो पत्ते चबाए
जन तैरते इसकी नाव से,
घाव शरीर पर जब बने
पत्ते, बकल प्रयोग करो
चोट जब शरीर पर लगे
पत्ते प्रयोग करो नहीं डरो,
हेपेटाइटिस का रोग लगे
पत्ते गुननी के प्रयोग करो
पत्ते, तना, फल काम के
रोग दूर कर लो नहीं डरो,
गोंदिया, गुंदिया, गोननी
गुननी, गुंदी जैसे नाम कई
मिटा दिया इस पौधे को
जब से भूख बढ़ गई नई,
दुर्लभ हो गया अब गुननी
जहां मिलता जरूर बचाए
भावी पीढ़ी को दिखलाओ
गोननी से जीवन महकाओ,
हरे रंग की छाल को खाकर
शरीर के रोगों को भगाओ
इंसान का जीवन अनमोल
हो सके तो इसको बचाओ।
*** होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
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