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Wednesday, March 16, 2022

  गर्मियों में सेहत के लिए अच्छा है कांजी बड़ा
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कांजी बड़ा नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। हर प्रदेश और देश की अलग-अलग डिश होती है किंतु राजस्थान की डिश बहुत प्रसिद्ध होती है, जिनमें मारवाड़ी डिश के रूप में कांजी बड़ा जमकर खाया जाता है। कांजी का अर्थ है विभिन्न पदार्थ मिलाकर बनाया गया पानी जबकि बड़े का अर्थ है दही बड़े जैसा एक गोल भाग।
 आज की भागदौड़ के युग में जहां खाना खाने से लोग परहेज करते किंतु कांजी बड़ा उनके लिए बेहतर चीज है। फास्ट फूड खाने वालों के लिए भी कांजी बड़ा लाभप्रद साबित हो सकता है। अगर कांजी बड़े पर नजर डालें तो इसका बड़ा यह बड़ी अहमियत रखता है। मूंग और उड़द की दाल से बड़ा बनाया जाता है दालों को पानी में भिगो दिया जाता है तत्पश्चात उनको मिक्सी आदि से पीसकर तेल में हल्का भूना जाता है जिसे बड़ा कहते हैं। तत्पश्चात इस बड़े को पानी में डाल दिया जाता है और कुछ समय पश्चात इनको निचोड़ कर इनका पानी बाहर कर दिया जाता है। तत्पश्चात इसे साफ पानी में डाला जाता है। ऐसा दो से तीन बार किया जाता है ताकि इनके अंदर सभी प्रकार का तैलिये पदार्थ दूर हो जाए।
तत्पश्चात इनको कांजी में डाल दिया जाता है ताकि कांजी के पानी को यह चूस सके। ऐसे में यदि नजर डालें तो मूंग और उड़द जैसी दालें प्रोटीन प्रदान करने का बेहतर स्रोत है। दूध और अंडे मांस आदि में प्रोटीन होती है और हमारे शरीर का अधिकांश भाग प्रोटीन से बना होता है। यहां तक कि नाखून और बाल भी प्रोटीन के बने होते हैं। इसी में प्रोटीन शरीर का दो तिहाई भाग बनाता है और मूंग, उड़द आदि शाकाहार भोजन में शामिल हैं। जो शाकाहारी होते हैं और प्रोटीन पाना चाहे तो मूंग और उड़द की दाल से कांजी बड़ा बनाया जाता है, जो प्रोटीन का स्रोत है। वैसे भी गर्मियों के दिनों में उपलब्ध होता है जिसमें कांजी भी काम में लाई जाती है।
    कांजी वह पानी होता है जो राई से बनाया जाता है। राई को पीसकर पानी में घोला जाता है तथा काला और अनेक प्रकार के नमक जिनमें सेंधा, काला एवं सफेद नमक मिलाए जाते हैं, इसी में हींग भी डाला जाता है ताकि पेट की बीमारियों को दूर कर सकें। साथ में जीरा भूनकर डाला जाता है। वैसे तो राई का पानी प्राचीन समय से लोग पेट की बीमारियों जून आदि को बाहर निकालने के पेट से बाहर निकालने के लिए उपयोग करते आए हैं। ऐसे में कांजी स्वास्थ्य के लिए अनुकूल बन जाती और पेट की बीमारियों को दूर करती है कांजी और बड़े दोनों को मिट्टी के बर्तन में प्राकृतिक ठंडक पैदा करने के लिए रखा जाता है।  ताकि कांजी और बड़े ठंडे मिले। तत्पश्चात इनको सर्व किया जाता है। बड़े को खाकर कांजी का पानी पिया जाता है। यह न  केवल भूख को मिटाता है अपितु शरीर में प्रोटीन एवं विभिन्न पदार्थों की पूर्ति करता है। यही कारण है कि राजस्थान जैसे क्षेत्रों में कांजी बड़ा बहुत लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है। धीरे-धीरे इसकी मांग पूरे ही देश में बढ़ती जा रही है ।यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कांजी बड़े की रेहडिय़ां लगाई जाती है जहां पर अपनी रोटी रोजी कमाने वाले दिन भर खड़े रहकर कांजीबड़ा बेचते हैं।
 कांजी बड़ा बेचने वाले विभिन्न लोगों से चर्चा की जाए तो उनका कहना है कि सेहत हित में कांजीबड़ा बेचते हैं। फास्ट फूड खाने से सेहत बिगड़ सकती है लेकिन कांजी बड़ा खाने से पेट की बीमारी नहीं होंगी। अपितु सेहत में सुधार होगा। ऐसे में उन्होंने उनका कहना है कि कांजी बड़ा गर्मियों का बेहतर तोहफा है। यह जरूर खा कर देखना चाहिए।
कांजीबड़ा बेचता शिक्षक--
कोरोना की मार ने जहां विगत वर्ष कितने ही लोगों को रुलाया वहीं नौकरी से हटाया हुआ शिक्षक अब कांजीबड़ा बेचकर गुजारा कर रहा है। रोटी रोजी के लिए दर-दर की ठोकरें  खाने वाला सूरत सिंह कनीना निवासी है जो 1995 के स्नातकोत्तर है और वर्तमान में कनीना बस स्टैंड पर कांजीबड़ा बेच रहा है। उन्होंने क्षेत्र के हजारों विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में पढ़ाया है। स्कूलों में शिक्षण के बाद आखिरकार कोरोना ने उनकी नौकरी छीन ली जिसके चलते वह बेचारा अपने 4 सदस्यों वाले परिवार का लालन पालन केवल कांजीबड़ा बेचकर रहा है। प्रतिदिन ढाई सौ से 300 रुपये कमाते हैं जिनमें उनके पत्नी सहित चार सदस्य है। उन्होंने बताया कि कोरोना ने उनकी नौकरी छीन ली है। यही कारण है कि एक शिक्षक
पढ़ा-लिखा होते हुए भी कांजीबड़ा बेचने को मजबूर हो गया है। उन्होंने दुख भरी दास्तान बताते हुए कहा कि जब से कोरोना फैला तब से उनकी नौकरी छीन गई। अनेकों स्थानों पर नौकरी पाने का प्रयास किया किंतु कोरोना के चलते उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिली। आखिरकार उसके परिवार के सदस्यों का लालन-पालन करने के लिए उन्होंने घर पर कांजीबड़ा बनाना शुरू किया। हरियाणा के कनीना बस स्टैंड पर बेचना शुरू किया और थोड़ा बहुत काम चला है।  उन्होंने बताया कि पूरा परिवार उनकी सहा










यता करता है जिसके चलते प्रतिदिन अपनी रोटी रोजी कमाने में सफल हो रहा है। ऐेसे लोगों की हिम्मत की दाद दी जाए जो कभी हिम्मत नहीं हारते हैं। 

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