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Tuesday, March 22, 2022


घर में घुसकर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने के मामले में दो के खिलाफ मामला दर्ज
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कनीना। पुलिस ने गांव मालड़ा में घर में घुसकर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने के मामले में दो लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पीडि़ता लक्ष्मी देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह गांव मालड़ा सराय की रहने वाली है। 14 मार्च को उसका पति जमीन के केस के मामले में महेंद्रगढ़ कोर्ट में गया था। उसने घर आकर बताया कि खुशीराम ने कोर्ट में उसपर केश वापस लेने के लिए दबाव बनाया व अपशब्द भी कहे। लक्ष्मी ने बताया कि शाम करीब 8:30 बजे उसका पति व लड़का तेजपाल खाना खा रहे थे। उसकी समय घर के पास एक बाइक की आवाज आई। जिसे सुनकर उसका लड़का बाहर देखने के लिए गया व उसने अन्दर आकर बताया कि हनुमान व उसका छोटा भाई आया है। जब उसका पति उनके पास गया तो उन्होंने उस पर लोहे की रोड से हमला कर दिया व उसे मारते हुए घर के अन्दर घूस गए। इस दौरान जब वह अपने पति को बचाने के लिए गई तो उन्होंने उस पर भी हमला कर दिया। पुलिस ने लक्ष्मी की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस की वेबसाइट नहीं कर रही है काम -शिकायतकर्ता परेशान
संवाद सहयोगी, कनीना। हरियाणा पुलिस की वेबसाइट काम न करने से शिकायतकर्ता बेहद परेशान है। करीब 1 सप्ताह से काम नहीं कर रही जिसके चलते हैं ऑनलाइन एफआईआर डाउनलोड नहीं की जा सकती और ना ही एफआईआर दर्ज की जानकारी मिल रही है। ऐसे में एफआईआर दर्ज करवाने वाले बेहद परेशान हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस साइट को ठीक किया जाए।





विश्व जल दिवस पर...
 वॉटर वॉटर एवरीव्हेयर बट नॉट ए ड्रॉप टू ड्रिंक
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 कनीना। प्रख्यात अंग्रेजी कवि विलियम वर्ड्सवर्थ ने लिखा है कि वाटर-वाटर एवरीव्हेयर बट नॉट ए ड्रॉप टो ड्रिंक अर्थात जल ही जल हर जगह किंतु पीने योग्य एक बूंद भी नहीं, ये पंक्तियां समुद्र के जल को देख लिखी हैं जो  यथार्थ हैं। कहने को तो पृथ्वी का तीन चौथाई भाग अर्थात 71 फीसदी भाग पर जल भरा हुआ है किंतु पीने योग्य जल 1 प्रतिशत से भी बहुत कम है और इस जल का दोहन लंबे समय से जारी है।
यदि जल की बचत नहींकी गई तो आने वाले समय में जल पेट्रोल पंप की भांति मिलने की संभावना बढ़ गई है। वर्तमान में भी जहां जल की बोतल 20 रुपये से कम नहीं मिलती। कहने को तो इस देश में विभिन्न नदियां बहती हैं किंतु लोगों को पीने के लिए 1 लीटर जल के भी 20 रुपये देने पड़ रहे हैं। जल दिनोंदिन या तो दूषित किया जा रहा है या अत्यधिक मात्रा में भूमि से दोहन किया जा रहा है जिसके चलते आने वाले समय में पानी की समस्या बन जाएगी।
 कनीना के डा होशियार सिंह यादव बताते हैं कि यदि घरों में देखा जाए तो प्रत्येक व्यक्ति 50 लीटर से अधिक पानी प्रतिदिन खर्च कर रहा है और गंदा पानी नालियों से बेहद मात्रा में बहता रहता है जिससे सिद्ध होता है पानी कैो व्यर्थ बहाया जा रहा है।
उन्होंने बताया  कि जल का दोहन इसी रफ्तार से जारी रहा ,जल को इसी रफ्तार से खर्च करते रहे और जल को इसी गति से दूषित करते रहे तो आने वाले समय में गंभीर परिणाम निकलेंगे। जल का कोई अन्य विकल्प पर भी नहीं है। हर सजीव को जल जरूरी है। भोजन के बगैर कुछ दिन और इंसान जीवित रह सकते हैं लेकिन जल के बगैर ज्यादा दिन जीवित नहीं रह सकता। ऐसे में जल को बचाना हम सभी का कर्तव्य बनता है।
 किसान को देखा जाए तो बारिश के समय भी फव्वारे चलते रहते हैं यहां तक कि अपने खेत के पास से गुजरने वाले रास्ते में फव्वारे ज्यादा पानी बहाते हैं तथा सड़कों को फव्वारे गीला करते रहते हैं। यही नहीं घरों में पानी पीते समय जहां गिलास को बार-बार धोया जाता है, पानी कम पिया जाता हैं और उसको एक गिलास पानी पीने के लिए कम से कम तीन गिलास पानी खराब कर दिया जाता है। गिलास पानी से भरा हुआ पूर्ण रूप से नहीं पिया जाता झूठा छोड़ दिया जाता जिसे फेंक दिया जाता हे। महेंद्रगढ़ जिले पर चर्चा की जाए तो क्षेत्र डार्क जोन घोषित हो चुका है और भविष्य में और भी पानी कम होने की उम्मीद है ऐसे में जल को बचाना जरूरी है।
डा साहब बताते हैं कि जल को बचाने के लिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना होगा। जहां जल को बार बार प्रयोग किया जा सकता है। अक्सर घरों में आरओ लगाए जाने लगे हैं जो बहुत अधिक पानी को भी फेंक देते हैं। यदि आरओ से वेस्ट जल को इकट्ठा किया जाए तो फसल उगाई जा सकती है वहीं फर्श साफ कर सकते हैं। दाढ़ी बनाने वाले बहुत अधिक पानी नल से बहा देते हैं तब दाढ़ी बनाते हैं नल चलता रहता है। घर की सफाई करनी हो तो पानी खराब किया जाता है। शहर और गांवों में जहां पानी की सप्लाई सरकारी तौर पर होती है उस घर में जरूरत अनुसार पानी भरने के बाद बाकी पानी को या तो नालियों में बहाया जाता है या अपने वाहन धोए जाते हैं वाहन धोने के बाद फिर पशुओं को नहलाया जाता है। इस प्रकार पानी को दूषित और खराब किया जा रहा है। नलों पर टोंटियां नहीं होती जिससे जल बर्बाद होता हे। अंकियां पानी से भरने के बाद मोटर समय पर बंद नहीं की जाती हैं।
जल अद्भुत द्रव के नाम से जाना जाता है जो जीवन का अमृत है किंतु इंसान ने अपने हाथ जल को जहर बनाकर रख दिया है। कुछ जगह का पानी खारी एवं स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है, पीने योग्य नहीं है, कपड़े धोने योग्य नहीं है, वहां दांतों में विभिन्न प्रकार के रोग , दांत पीले पडऩे एवं फ्लोराइड अधिक होने के कारण दांत खराब होते जा रहे हैं। यदि फ्लोराइड अधिक होता है तो दांतों में पीलापन और क्रैकिंग की समस्या बन जाती है। जल को बचाने का फर्ज हम सभी का है किंतु दुर्भाग्य से जल को बचाने की बजाय उसे ज्यादा बर्बाद किया जाता है। यदि नलों में देखा जाए तो बहुत अधिक नल बगैर टोंटियों के चल रहे इनका पानी वेस्ट में बह रहा है। गर्मियों में पानी की बेहद समस्या बन जाती है क्योंकि पहले कम मात्रा में उपलब्ध हो पाता है जबकि मांग अधिक बढ़ जाती है। यह जल जीव जंतु और पेड़ पौधों को जीवन प्रदान करता है। उसको अपने हाथों से खराब करना एक आदत बन गई है। यदि गांव और शहरों में देखा जाए तो जोहड़ों का पानी भी भारी मात्रा में भरा हुआ है जो सिद्ध करता है कि लोग पानी को अनावश्यक रूप से बहाते हैं। कनीना में ही करीब एक नहीं 7 जोहड़ गंदे पानी के बारे खड़े रहते हैं, जंगलों के अलग है।  यदि जल को री साइकिल किया जाए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर प्रयोग किए जाए, तो प्लांट से निकलने वाले गंदे जल को फिर से काम में लाकर पानी की बचत संभव है।
जल को बचाने के लिए किसी इंसान की नहीं अपितु समस्त लोगों की आवश्यकता है। यदि सामूहिक रूप से प्रयास करें तो जल को बचाया जा सकता है। एक और जहां को का जल स्तर गिरता जा रहा है नदियां सूख रही है पीने के लिए पानी घट रहा है वही लोग जितना पानी मिलता है उसे बर्बाद करने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसमें कोई एक व्यक्ति ही नहीं यह सभी लोग ही बर्बादी पर तुले हुए हैं। पीने योग्य बचाना है जो पहले ही एक फीसदी से कम धरती पर उपलब्ध है और उसको भी लोग कूड़ा कचरा, मल मूत्र आदि डालकर गंदा कर रहे हैं। बड़े-बड़े शहरों में यदि नदियों को देखा जाए तो उनके किनारों पर बहुत अधिक गंदगी के ढेर लगे होते। नदी के जल को दूषित करते हैं। जल के स्रोत के आसपास जितनी गंदगी पाई जाती वह अन्यत्र कहीं देखने को मिलती। इसका स्पष्ट अर्थ है 1 फीसदी जल पीने योग्य है उसको बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। लोग बहती हुई नदियों एवं नहरों में मरे हुए जीव जंतु कूड़ा कचरा मल मूत्र सरेआम बहा देते हैं। परंतु जब तक सोच नहीं बदलेगी तब तक यह जल्द ही दूषित होता चला जाएगा और आने वाले समय में लोग जल को तरसते रह जाएंगे। जल केपेट्रोल पंप की तरह जल पंप लग जाएंगे जहां पैसे से जल मिला करेगा और भविष्य में जल और भी  कम हो जाएगा ऐसे में जागृत होने की आवश्यकता है।

सीवर लाइन हो रही है ठप्प
-बदबू ही बदबू फैली
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना के हवेली वाला भवन समक्ष से गुजरने वाली शिविर लाइन ठप हो जाने के कारण जहां उपभोक्ता परेशान हैं। वही गंदा पानी और दिन होदियों में से निकल रहा है और दूर-दराज तक बदबू फैल रही है। इस संबंध में योगेश कुमार और कुमार कृष्ण कुमार दिनेश कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि उन्होंने कई बार मौखिक रूप से संबंध में शिकायत की है किंतु जनस्वास्थ्य विभाग कर्मचारी मशीनों से सफाई न करके बास की फट्टियों से लाइन को खोलने की कोशिश कर वापस चले जाते हैं।
 बस एक ही बात उपभोक्ताओं का कहकर जाते कि जल्द ही मशीन से लाइन को साफ किया जाएगा लेकिन लंबे समय से मशीन नहीं बुलाई जा रही है जिसके चलते उपभोक्ता बेहद परेशान हैं और सरकार से मांग की है कि इस बदबू फैलने वाली बदबू से उन्हें बचाया जाए और हवेली वाला भवन समक्ष से गुजरने वाली लाइन को दुरुस्त करवा सड़कों पर फैलने वाले गंदे पानी को बहने से रोका जाए।




जिला में अब कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 24752
-कोई नया केस नहीं आया
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कनीना । सिविल सर्जन डा.अशोक कुमार ने बताया कि जिला में आज कोई भी नया कोरोना वायरस संक्रमित केस नहीं आया। अब जिला में कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 24752 है। उन्होंने बताया कि अभी तक जिले में कुल 24585 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक जिला में 164 कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना के 3 केस अभी भी एक्टिव हैं। जिले में 22 मार्च तक 249743 नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 115143 मरीजों में सामान्य बीमारी पाई गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के लिए अब तक जिले से 547271 सैंपल भेजे गए हैं। इनमें से 1236 सैंपल की रिपोर्ट आनी शेष है।





चने के हरे पेड़ भी बिकने लगे
-होला,चटनी आदि बनाते हैं लोग
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 कनीना। किसान जौ एवं चने की खेती करना भूलते जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्राकृतिक ठंडक प्राप्त करते थे। अब तो चने के हरे पेड़ भी हर सब्जी की दुकान पर बिक रहे हैं।
  एक वक्त था जब कनीना क्षेत्र में हजारों एकड़  में जौ एवं चने की खेती की जाती थी। अब वो जौ कहीं दूसरे राज्यों से ही मंगवाएं जा रहे हैं। चने की पैदावार ही नहीं होने से किसानों ने इसकी खेती छोड़ दी है। अब इक्का दुक्का किसान ही अपने खेत में उगाता है।  
  किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि एक जमाना था जब हर घर में जौ एवं चने की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। अब जमाना लद गया है। जौ की खेती करना किसान भूल रहे हैं। जौ-चने की रोटी खाने के लिए या फिर धानी एवं भुगड़ा बनवाने के लिए दूसरे क्षेत्रों से जौ खरीदकर लाते हैं। कनीना क्षेत्र में करीब चार हेक्टेयर भू भाग पर जौ उगाई गई है।
हरे चने भी बिकने लगे---
 चने की खेती न होने से चने के रहे पेड़ भी बिकने लग गए हैं। चने के पेड़ों पर लगी टाट से हरे चने निकाल कर जहां हरी सब्जियां बनाते हैं वही चटनी आदि के काम में भी लेते हैं। यही कारण है कि हरे चनों की मांग बढ़ती जा रही है और कुछ व्यक्ति विशेष तो हरे चनों से अपनी रोटी रोजी कमा रहे हैं। कुछ लोग तो गाडिय़ां भर कर चने लाते हैं और उन्हें बेचते हैं। मिली जानकारी अनुसार नांगल चौधरी तथा राजस्थान क्षेत्रों से भारी मात्रा में हरे चने लाए जा रहे हैं और यह पौधे युक्त चने बाजार में बेचे जा रहे हैं। जिनकी भारी मांग है। इन चनों को खरीदने वालों की भी कोई कमी नहीं है।
 फोटो कैप्शन 3: हरे चनों जो बिकते हैं।



समाज में आ रही बुराईयों को समाप्त करने के लिये श्रीगौड़ सभा आयोजित करेगी जागरूकता कार्यक्रम
-मंगलवार को आयोजित बैठक में लिया निर्णय
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कनीना। कनीना के एक निजी अस्पताल प्रांगण में मंगलवार को श्रीगौड़ सभा कनीना की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता कंवरसैन वशिष्ठ ने की। बैठक में विभिन्न गांवों से आये समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने समाज के हितों को ऊपर उठाने, दबे कुचले को सहायता प्रदान करने, समाज में आ रही विकृतियों को दूर करने को लेकर गहनता से विचार विमर्श किया। उसके बाद सर्व सम्मति से डा रविंद्र कौशिक को प्रधान, सुनील कुमार को सचिव व सुरेश शर्मा को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। संस्था का मुख्य उद्देश्य संस्कृति व सभ्यता का प्रचार, शैक्षिक विकास, दहेज प्रथा पर अंकुश, पर्यावरण संरक्ष्ज्ञण सहित विभिन्न क्षेत्र में कार्य करना है। इंद्रलाल शर्मा पाथेड़ा, राजकुमार भारद्वाज,  राधेश्याम शर्मा, सुरेश वशिष्ठ, आनंद शर्मा, देवेंद्र शर्मा, संदीप कुमार, धर्मबीर शर्मा, अजय कुमार, आनंद ने विचार व्यक्त किये। प्रधान डॉ. रविंद्र कौशिक ने कहा कि समाज में सामाजिक बुराईयों को लेकर सदैव विकृति पनप रही हैं जिससे ब्राह्मण समाज की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। समाज उत्थान का कार्य करते हुये श्रीगौड़ सभा समाज में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करेगी।  
फोटो कैप्शन 02:कनीना- श्रीगौड़ सभा कनीना की बैठक में विचार व्यक्त करते पदाधिकारी।


नगर आयुक्त ने किया कनीना का औचक निरीक्षण
-चेलावास में बन रहे फायर ब्रिगेड और अनाज मंडी का भी किया दौरा
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 कनीना। नगर आयुक्त जेके आभीर ने कनीना क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया तथा कनीना नगर पालिका कार्यालय में पहुंचे। इस मौके पर कनीना पालिका प्रधानसतीश जेलदार ने उन्हें बुक्का देकर सम्मानित किया वही इस मौके पर उन्होंने नगरपालिका कार्यालय में विभिन्न कर्मियों से विकास कार्यों पर चर्चा की तथा सफाई व्यवस्था को सराहा। इस मौके पर पार्षद कमल ने उनसे निवेदन किया कि कनीना क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए कुछ ग्रांट प्रदान की जाए ताकि विकास कार्य चल सके।  श्री आभीर ने कहा कि जल्द ही ग्रांट स्वीकृत हो जाएगी तत्पश्चात कनीना के विकास कार्य को चार चांद लगाए जा सकेंगे। नगर आयुक्त ने तत्पश्चात चेलावास में बन रहे फायर ब्रिगेड तथा अनाज मंडी का दौरा किया और प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विभिन्न अधिकारियों को निर्देश दिए और काम में तेजी लाने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार से चर्चा की। इस अवसर पर विभिन्न पदाधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: नगर आयुक्त जेके आभीर को बुक्का प्रदान करते हुए नगर पालिका प्रधान सतीश जैलदार एवं अन्य।




अहीर रेजिमेंट के लिए मांग जोर पकडऩे लगी
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कनीना। अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग दिन प्रतिदिन जोर पकड़ रही है। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी के नेता समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने अहीर रेजिमेंट की मांग के समर्थन में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है।
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में अतरलाल ने अहीर रेजिमेंट गठन करने की मांग को जायज बताते हुए सरकार से तत्काल इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह 36 बिरादरी की मांग है। केन्द्र सरकार अहीर रेजीमेंट की मांग की उपेक्षा कर युवाओं के हितों पर कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि अहीर  रेजिमेंट बनाने से सभी समाज, जाति तथा वर्गों के युवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम न्याय, समानता तथा लोकतंत्र के समर्थक हैं। इसलिए सरकार से पुरजोर मांग करते हैं कि अहीर रेजिमेंट बनाने की तत्काल घोषणा की जाए। उन्होंने कहा कि हम सब ने संकल्प ले लिया है और कमर कस ली है कि जब तक अहीर रेजिमेंट बनाने की घोषणा केन्द्र सरकार नहीं करती तब तक हमारा संघर्ष और आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने पत्र में सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सरकार ने यदि अहीर  रेजिमेंट  गठन करने में देरी की तो आंदोलन देशव्यापी फैल जाएगा और शांति बिगडऩे की जिम्मेवारी सरकार की होगी।


गलती से डाली गई धनराशि वापिस कर दिया इमानदारी का संदेश
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कनीना। बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल सामाजिक संस्था जो कि पिछले लगभग साढ़े तीन साल से विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत है जिसका संचालन युवा समाजसेवी नवीन कौशिक इसराना कर रहे हैं। बीते दो दिन पहले कनीना खंड के गांव मोहनपुर नांगल के मोनू जो कि मिर्जापुर थाने में कार्यरत है ने अपने घर शादी के लिए अपने पिता के खाते में पैसे डालने की बजाय बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल संस्था के खाते में एक लाख साठ हजार रुपए गलती से डलवा दिए। संस्था अध्यक्ष नवीन कौशिक ने जब पता लगाया तो ये पैसे मोनू पुत्र महावीर प्रसाद जो की उत्तर प्रदेश पुलिस में मिर्जापुर थाने में तैनात ,है ने गलती से संस्था के अकाउंट में डाल दिए जो संस्था अध्यक्ष ने सकुशल मोनू के परिवार को लौटा दिए हैं। नवीन कौशिक ने बताया कि ऐसे अगर किसी और भाई के साथ भी हो सकता है लेकिन हमें हमेशा ईमानदारी का ही परिचय देना चाहिए। हम संस्था के माध्यम से भी लोगों से अपील करते हैं कि हमेशा ईमानदारी और साहस का परिचय देना चाहिए इस अवसर पर पंकज, संदीप, प्रीतम, नीरज आदि युवा मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: राशि का चेक वापस लौटाते हुए नवीन कौशिक।



आयुष विभाग ने खेड़ी तलवाना में विद्यार्थियों को वितरित किए काढ़े व आयुर्वेदिक औषधियां
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कनीना। आयुष हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर खेड़ी तलवाना के तत्वावधान में मंगलवार को पोषण पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत निशुल्क आयुष कैंप आयोजित किया गया। उक्त जानकारी देते हुए केंद्र के एएमओ डा. रमेश ने बताया कि गर्मियों के मौसम में हमें खाने की विशेष सावधानियां रखनी चाहिए तथा खाने के साथ-साथ पानी भी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए। शरीर में जो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व हैं उन से परहेज करना चाहिए।
इस दौरान विद्यार्थियों व ग्रामीणों को दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली काढ़े व आयुर्वेदिक औषधियां आयुष विभाग की तरफ से निशुल्क उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश कुमार कौशिक, केंद्र के कर्मचारी कपिल तंवर, सरिता देवी आशा वर्कर, लाली, पूनम, सुमन, शशि बाला, सुनहरी देवी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02:निशुल्क काढ़े व आयुर्वेदिक औषधियां वितरीत करते हुए कर्मचारी व अन्य।


अहीर रेजिमेंट के लिए मांग जोर पकडऩे लगी
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कनीना। अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग दिन प्रतिदिन जोर पकड़ रही है। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी के नेता समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने अहीर रेजिमेंट की मांग के समर्थन में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है।
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में अतरलाल ने अहीर रेजिमेंट गठन करने की मांग को जायज बताते हुए सरकार से तत्काल इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह 36 बिरादरी की मांग है। केन्द्र सरकार अहीर रेजीमेंट की मांग की उपेक्षा कर युवाओं के हितों पर कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि अहीर  रेजिमेंट बनाने से सभी समाज, जाति तथा वर्गों के युवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम न्याय, समानता तथा लोकतंत्र के समर्थक हैं। इसलिए सरकार से पुरजोर मांग करते हैं कि अहीर रेजिमेंट बनाने की तत्काल घोषणा की जाए। उन्होंने कहा कि हम सब ने संकल्प ले लिया है और कमर कस ली है कि जब तक अहीर रेजिमेंट बनाने की घोषणा केन्द्र सरकार नहीं करती तब तक हमारा संघर्ष और आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने पत्र में सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सरकार ने यदि अहीर  रेजिमेंट  गठन करने में देरी की तो आंदोलन देशव्यापी फैल जाएगा और शांति बिगडऩे की जिम्मेवारी सरकार की होगी।

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