अनार
(पुनिका ग्रनेटम)
एक अनार सौ बीमार
दर्शाए गुण बेहतर फल
इरान से उत्पत्ति मानी है
कई रोगों का होता हल,
पूरे विश्व में उगाया जाए
गोले बारूद से मिलता है
1400 तक बीज बनते हैं
सुंदर लाल फूल खिलता है,
खट्टा मीठा जूस मिलता
सूखे बीज भी काम आते
छिलका पेचिस में काम का
विटामिन सी व के मिलते,
जूस आंंखों में डाला जाए
छिलका खून को रोकता है
दिल की बीमारी में जूस लो
गुर्दे के रोगों को रोकता यह,
पुनिसिनिक अमल मिलता है
अत: पुनिका कहलाता यह
उच्च रक्तचाप में है उपयोगी
त्वचा कैंसर से बचाता यह,
गम खून को बहने से बचाए
रोते हुए को भी
यही हंसाए
सर्दी में अति गुणकारी होता
अल्प रक्तता को झटपट हटाए,
बाल अगर झड़ते रहते हो तो
अनार के रस को ही अपनाए
पाचकता को बढ़ा देता है यह
त्वचा के कैंसर से यही बचाए,
बुढ़ापे को आने से रोकता अनार
पुरुष तत्व को यही बढ़ाता है
बाल झडऩे से इंसान को बचाए
रक्त कमी से जन को बचाता है,
हरा भरा होता है छोटा पौधा
शूगर मरीज को यह बचाता है
दिल की बीमारियां दूर करता
प्रोस्टेट कैंसर में जन हंसाता है,
बुढ़ापा रोक देता है यह अनार
हृदय रोगों को मिटाता है यह
कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है
अनारमन को लुभाता रहता है।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
(पुनिका ग्रनेटम)
एक अनार सौ बीमार
दर्शाए गुण बेहतर फल
इरान से उत्पत्ति मानी है
कई रोगों का होता हल,
पूरे विश्व में उगाया जाए
गोले बारूद से मिलता है
1400 तक बीज बनते हैं
सुंदर लाल फूल खिलता है,
खट्टा मीठा जूस मिलता
सूखे बीज भी काम आते
छिलका पेचिस में काम का
विटामिन सी व के मिलते,
जूस आंंखों में डाला जाए
छिलका खून को रोकता है
दिल की बीमारी में जूस लो
गुर्दे के रोगों को रोकता यह,
पुनिसिनिक अमल मिलता है
अत: पुनिका कहलाता यह
उच्च रक्तचाप में है उपयोगी
त्वचा कैंसर से बचाता यह,
गम खून को बहने से बचाए
रोते हुए को भी
यही हंसाए
सर्दी में अति गुणकारी होता
अल्प रक्तता को झटपट हटाए,
बाल अगर झड़ते रहते हो तो
अनार के रस को ही अपनाए
पाचकता को बढ़ा देता है यह
त्वचा के कैंसर से यही बचाए,
बुढ़ापे को आने से रोकता अनार
पुरुष तत्व को यही बढ़ाता है
बाल झडऩे से इंसान को बचाए
रक्त कमी से जन को बचाता है,
हरा भरा होता है छोटा पौधा
शूगर मरीज को यह बचाता है
दिल की बीमारियां दूर करता
प्रोस्टेट कैंसर में जन हंसाता है,
बुढ़ापा रोक देता है यह अनार
हृदय रोगों को मिटाता है यह
कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है
अनारमन को लुभाता रहता है।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
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