गुलदावदी
(क्रायसेंथेमम इंडिकम)
एशिया की उत्पत्ति जिसकी
गोल्ड फ्लोवर कहलाता है
बहुवर्षीय शाक होती है वह
सर्दियों में जहां फूल आता है,
कई रंगों के फूल खिलते हैं
फूलों का गुच्छा आता सुंदर
हवा के प्रदूषण को रोकता है
सुंदरता इतनी गहरा हो समुद्र,
स्वीट ड्रिंक बनाए जाते जिससे
पत्ते रसोईघर में भी काम आते
कीट एवं जीवों के लिए घातक
चीन देश में अनेक दवा बनाते,
सिरदर्द, दिल के रोग, रक्तचाप
आंखों के रोग दूर किए जाते हैं
विटामिन ए, बी, सी, के मिले
कई खनिज लवण पाए जाते हैं,
सूप बनाकर परोसते हैं मम का
शरीर का ताप कम कर देती यह
एंटीआक्सीडेंट, सिर भारीपन हो
एंटीसेप्टिक, दर्द कम कर देती है,
पत्तों से इसके बनती है चाय एक
उच्च रक्तचाप में उसे पीया जाता
सर्प भोजन बनाने में यह काम की
खनिजों की कमी हो तो दिया जाता,
शूगर मरीज को नहीं लेना चाहिए
गर्भकाल समय में नहीं है हितकारी
एड्स रोगी को बताया है अनुचित
बाकी रोगों में लगे गुलदावदी प्यारी,
सफेद फूल लगते चांदी जैसे सुंदर
पीले फूल लगते ज्यों हो सोना पीला
महक इसकी भर देती है सुगंध से
कभी-कभी फूल लगता बहुत नीला,
घर, बगिया को महकाती गुलदावदी
मन को अति लुभाती यह गुलदावरी
गमले में भी उगाई जाती यह गोल्ड
शुद्ध हवा को बरसाती है गुलदावदी।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
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