मिर्च
(केप्सिकम एनुवम)
सोलानेसी कुल का शाक
वर्षों से उगाया जा रहा है
इंसान का बेहतर स्पाइस
कच्चा व पकाकर खाता है,
हरा, पीला, लाल हैं रूप
छोटी, बड़ी, गोल हैं रूप
सब्जी व खाद्य पदार्थ बने
पैदा होती जब खिले धूप,
एकवर्षीय इसका पौधा है
चटनी, सूप, जैम बनते हैं
पनीर, मीट, चावल आदि
मिर्च से ही तो खिलते हैं,
पेट, आंत दर्द दूर करती
डायरिया में आती है काम
विटामिन सी का है स्रोत
किसान को देती यह दाम,
हृदय घात से बचाती मिर्च
कोलस्ट्राल को घटा देती है
दांत दर्द को दूर कर देती है
मलेरिया रोग को हर लेती है,
एल्कोहल के प्रभाव कम करे
बुखार में आ जाती है काम
नाड़ी का दर्द दूर कर देती है
शूगर रोग में लो इससे काम,
आंख रोग में काम आती है
पीठ दर्द, एड्स में काम आए
कितने ही उपयोग इसके हैं
शारीरिक रोगों को दूर भगाए,
कैप्साइसिन इसमें मिले पदार्थ
झाड़ीनुमा होता पौधा इसका
लंबे पत्तों वाला पौधा होता
गर्मी को घटाता फल इसका,
कुछ रोगों को बढ़ाता है मिर्च
पत्थरी में कभी नहीं खाइए
सी सी सी सी करते रहिए
जब मिर्च से स्नेह लगाइए।।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना*
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