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Wednesday, April 1, 2020




अनार

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पुनिका ग्रेनटम
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पोमग्रेनेड
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एक अनार सौ बीमार कहावत का अर्थ ही इस ओर इंगित करता है कि अनार को चाहने वाले अनेकों हैं। इसके गुणों के चलते इसकी मांग अधिक है।

अनार फल देने वाली एक झाड़ी है जिसकी 10 मीटर तक ऊंचाई हो सकती है। अनार की उत्पत्ति ईरान से उत्तरी भारत तक फैले क्षेत्र में हुई। इसकी खेती पुराने समय से की जा रही है।
अनार अक्सर सितंबर से फरवरी तक होता है। अनार का उपयोग बेकिंग, खाना पकाने, रस मिश्रणों, मादक पेय जैसे वाइन बनाने में किया जाता है।
अनार की व्यापक रूप से खेती की जाती है ताकि फल के रूप में काम आ सके। अनार की बेहद मांग होती है। अनार की कई चमकदार शाखाएं होती हैं और यह बहुत लंबे समय तक जीवित रहता है। फूल चमकीले लाल होते हैं जिनमें तीन से सात पंखुडिय़ां होती हैं। अनार की कुछ किस्में फल रहित जो फूलों के लिए उगाई जाती हैं।

अनार का रंग लाल-बैंगनी हो सकता है जिसके दो भाग होते हैं जिनमें एक बाहरी, कठोर जिसे पेरीकार्प नाम से जाना जाता है और दूसरा अंदर का भाग जिसे मेसोकार्प नाम से जाना जाता है जहां बीज पाए जाते हैं। एक अनार के बीज की संख्या एक हजार तक भी हो सकती है।

अनार का खाद्य फल एक बेरी होता है जिसमें एक फूल के अंडाशय से बीज और गूदा निकलता है। फल एक नींबू की भांति होता है जो अधिक ठंड नहीं सहन कर सकता। 
अनार बीज से आसानी से उगता है लेकिन कायिक वर्धन अर्थत टहनी को काटकर भी तैयार किया जाता है। अनार को चाकू से छीलकर बीज को छिलके अलग कर दिया जाता है। 
अनार का रस मीठा या खट्टा होता है। अनार का रस एक लोकप्रिय पेय रहा है। एक सिरप बहुत पहले गाढ़े और मीठे अनार के रस से मिलकर बनता था। अनार का रस, गुड़ आदि खाद्य पदार्थों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
अनार में विटामिन सी के लिए प्रसिद्ध है। बीज आहार फाइबर का एक समृद्ध स्रोत हैं जो पूरी तरह से खाद्य बीजों में निहित हैं।
अनार के रस में अनेकों रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं। छिलके से खाद्य संरक्षक में उपयोग के लिए अर्क निकालती है। प्राचीन मिस्र के लोग अनार को समृद्धि और महत्वाकांक्षा का प्रतीक मानते थे।
अनार कई पौष्टिक गुणों से भरपूर बेहतरीन फल है। बुढ़ापे के के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ कील-मुंहासों तक को ठीक करने की क्षमता रखता है। रस पीने से चेहरे पर निखार आता है वहीं बालों को भी लाभ देता है।
  अनार में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। यही कारण है कि इसे हृदय की सेहत के लिए अच्छा माना गया है। अनार फल सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कुछ हद तक कम कर सकता है अनार के बीज भी कम गुणकारी नहीं हैं। ये न सिर्फ रक्तचाप को सामान्य करते हैं, बल्कि ह्रदय की कोशिकाओं में आई सूजन को भी कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
  वैज्ञानिक शोधों में इस बात की पुष्टि की गई है कि अनार में पाए जाने वाले शुगर से डायबिटीज होने की आशंका कम होती है। अनार जानलेवा कैंसर की बीमारी से बचने में भी अनार काफी हद तक कारगर है। शोधानुसार एंटीकैंसर गुण होता है। क्योंकि इनमें कीमोथेरेपी जैसे गुण पाए गए हैं।
अनार के दानों को विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स का मुख्य स्रोत माना गया है। इस खूबी के कारण ही अनार आपके पाचन तंत्र के लिए बेहतरीन फल है। यह कब्ज जैसी समस्या से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, अनार में शरीर में जलन रोधी का काम करता है। अनार पाचन तंत्र के लिए किसी प्रकार फायदेमंद है। यह खून की पूर्ति करता है ऐसे में मरीजों के लिए विशेष लाभकारी होता है।
अनार के दानों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर कर सकते हैं। यह गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। अनार में फोलेट भी होता है, जो गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए जरूरी साबित हो सकती है। वास्तव में अनार हर उम्र के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
 वैज्ञानिक शोधों में माना गया है कि जो महिलाएं अनार का सेवन करती हैं, उन्हें मासिक धर्म के दौरान होने वाली विभिन्न परेशानियों से राहत मिल सकती है। अनार फाइबर का मुख्य स्रोत है।  अगर कोई हड्डियों व जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो अनार का सेवन करना लाभप्रद होता है। अनार के दानों में गठियां जैसी बीमारी में फायदेमंद साबित हो सकता है। अनार में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इस लिहाज से रक्तचाप को नियंत्रित रखने में अनार फायदेमंद साबित हो सकता है।
अनार का उपयोग वजन घटाने के लिए भी किया जा सकता है। अनार में कुछ मात्रा फाइबर की होती है, यही कारण है कि यह मोटापा घटाने में आपकी मदद कर सकता है।  किडनी में पथरी होने की शिकायत होती है। अनार में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जिस कारण यह मूत्राशय की दीवार पर बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है।
अनार के सेवन से शरीर में तनाव और सूजन में कमी आ सकती है। लिवर में जमा हुए अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद मिल सकती है।  यह कील-मुंहासों और दाग-धब्बों से निपटने में भी कारगर साबित हो सकता है।
        त्वचा रूखी हो या तैलीय, अनार हर लिहाज से फायदेमंद है। चेहरे पर सूजन जैसी कोई समस्या हैं, तो इस अवस्था में भी अनार मदद करने में सक्षम है।
  अनार का एंटीऑक्सीडेंट गुण सिर में मौजूद हेयर फॉलिकल्स को बेहतर कर सकता है और स्कैल्प में रक्त संचार को संतुलित कर सकता है। उलझे, रूखे और बेजान बालों के लिए अनार के बीज का तेल बेहतरीन प्राकृतिक उपचार है।
यहबालों को स्वस्थ बनाता है।
 अनार में पानी,प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट, रुक्षांस,चीनी,कैल्शियम लोहा, मैग्रेशियम,
फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम,जिंक,विटामिन्स पाए जाते हैं। अनार का जूस,सलाद, चटनी,केक,  आइस्क्रीम बनाते हैं वहीं शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। जिस प्रकार हर चीज के फायदे होते हैं, उसी प्रकार नुकसान भी हैं।  के अनुसार इससे होने वाली हानियों के बारे में बता रहे हैं।
    जिन्हें खांसी या इंफ्लुएंजा है, उन्हें अनार नहीं देना चाहिए। अनार, त्वचा की ऊपरी परत को सुरक्षित करने का काम करता है वही ये कोशिकाओं के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिससे चेहरे पर निखार आता
है। इसे माइश्चराइजरके काम आता है वहीं अनार के छिलके को पीसकर, उससे चेहरे पर मसाज करने से डेड स्किन साफ हो जाती है। 
 कुछ लोगों को अनार खाने से एलर्जी हो सकती है। ऐसे लोगों को अनार के सेवन से चेहरे पर सूजन, सांस लेने में कठिनाई आदि समस्या हो सकती है। कभी कभी अनार से पेट की गैस बनती है।
अनार में उच्च मात्रा में विटामिन ए, ई और सी होता है. ये विटामिन बढ़ती उम्र के लक्षणों को जल्दी आने से रोकते हैं। ये त्वचा की महीन रेखाओं और झुर्रियों को जल्दी आने से रोकता है।


















**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**

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