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Tuesday, April 14, 2020


 गुलमोहर
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फ्लेम ट्री/ रॉयल पोइनियाना
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पीकाक फ्लोवर
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डेलोनिक्स रेजिया
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कृष्ण चूड़
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गुलमोहर नाम लेते ही याद आता है फिल्मी गीत-गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता। वाकई गुलमोहर एक भारत का गर्मियों में बेहतरीन और भारी मात्रा में फूल देने वाला पौधा होता है। यह द्विबीजपत्री वृक्ष होता है। इस पर गर्मियों के दिनों में विभिन्न रंगों के फूल आते हैं किंतु अधिक गुलमोहर गुलाबी ,पीले, लाल, नीले रंगों के मिलते हैं।
   एक समय ऐसा आता है कि इस पेड़ पर पत्ते नहीं अपितु फूल ही फूल नजर आते हैं। दूर दराज तक नजर आता है। जिस प्रकार बोगेनविलिया पौधा दूर दराज तक दिखाई पड़ता है ठीक वैसे ही गुलमोहर दिखाई पड़ता है। इसका फूल फैली हुई चम्मच के आकार के होते है।
  गुलमोहर पर नाजुक, फर्न जैसी पत्तियां छोटे पत्तों से बनी होती हैं, जो सांझ की शुरुआत में मुड़ जाते हैं। यह अकसर 30-35 फुट ऊंचा होता है। मोटा तना जिस पर भूरे रंग की धारी मिलती हैं किंतु सबसे सुंदर भाग इसकी खूबसूरत चौड़ी छतरी जैसी दिखने ऊपरी भाग होता है।
  गुलमोहर अकसर सड़क के किनारे, जंगलों में या घरों के आस पास खड़ा दिखाई देता है। इसका मूल मेडागास्कर है। यह सेंट किटीस व नेवीस का राष्ट्रीय फूल भी है। इसको रॉयल पोइंशियाना के अतिरिक्त फ्लेम ट्री के नाम से भी जाना जाता है। इसे स्वर्ग का फूल भी कहते हैं।
    भरी गर्मियों में गुलमोहर के पेड़ पर पत्तियाँ तो नाममात्र होती हैं, परंतु फूल इतने अधिक होते हैं कि फूलों की छतरी नजर आती है। फूल मकरंद के अच्छे स्रोत हैं। शहद की मक्खियाँ फूलों पर खूब मँडराती हैं। मकरंद के साथ पराग भी इन्हें इन फूलों से प्राप्त होता है। गुलमोहर पर पहला फूल निकलने के एक सप्ताह के भीतर ही पूरा वृक्ष गाढ़े लाल रंग के अंगारों जैसे फूलों से भर जाता है। ये फूल लाल के अलावा नारंगी, पीले रंग के भी होते हैं। ऐसा दिखाई देता है जैसे आग लग गई हो। इसलिए इसे फ्लेम ट्री नाम से जाना जाता है।
फूलों के वक्त यह ऐसा लगता है जैसे राजसी आभूषणों से सजा हुआ वृक्ष हो। गुलमोहर के फूलों से श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमा के मुकुट का शृंगार करते है। यह कई देशों में पाा जाता है।
इसे संरक्षित वृक्षों की सूची में शामिल कर लिया क्योंकि यह लुप्तप्राय हो रहा है। भीषण गर्मी को सहता है और आंखों में ठंडक का अहसास देता है। यह पार्क, बगीचे और सड़क के किनारे इसे लगाया जंगलों में तथा कुछ घरों में लगाया जाता है।
   इसके तने की छाल बहुत उपयोगी है जो दस्त को रोकने में काम आती है वहीं फूल मासिक धर्म संबंधित बीमारियों में काम आते हैं। फूल गंजेपन की समस्या को हल करने में, पत्ते बवासीर के इलाज में काम आते हैं।
  यह ल्यूकोरिया,गठिया, घाव के सूजन को कम करने,बिच्छु के काटने पर लाभकारी होता  है।यह खांसी जुकाम के काम भी आता है।्र
 गुलमोहर के फूल अनियमित, थोड़ा सुगंधित होता है। फूल में पांच मोटे तौर पर चम्मच के आकार की एक फूल में दसपुकेंशर अर्थात नर भाग पाए जाते हैं। फूलों में कई रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं जिनमें फेनोलिक एसिड एवं कैरोटीनॉयड प्रमुख हाते है। पत्तियां लीफलेट के आकार की, लंबे, कंघी जैसे होती हैं। यह सबसे अधिक बीज द्वारा उगाया जा सकता है।
बीज कठोर  होना चाहिए और अंकुरित होने में लंबा समय लगता है। बीज दो तीन साल धरती में पड़ा रह सकता है।  फूलों में सैपोनिन, टैनिन, स्टेरॉयड पाया जाता है।
गुलमोहर एंटीमाइक्रोबियल,  एंटी-डायरिया,  एंटी-इंफ्लेमेटरी एवं  एंटीआक्सिडेंट, एंटीडायबिटिक,एंटीबैक्टीरियल का गुण पाया जाता है। यह मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। फली और लकड़ी का उपयोग ईंधन के लिए किया जाता है। बीज में गोंद होता है जो कपड़ा और खाद्य उद्योग में उपयोग किया जाता है। लकड़ी पानी के लिए टिकाऊ और प्रतिरोधी होता है।
 लम्बी और कठोर बीज मोतियों के रूप में उपयोग किए जाते हैं। बीज से तेल का उत्पादन करते हैं। इसका मुख्य उपयोग टैनिंग उद्योग में है। सेवा सजावटी यह व्यापक रूप से पार्क और सड़कों में सजावटी पेड़ के रूप में लगाया जाता है। यह छायादार वृक्ष के रूप में लगाया जाता है।
**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**











गुलमोहर
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                            (डेलॉनिक्स रेजिया )
जंगलों में खड़ा मिलता है
बहुवर्षीय पौधा कहलाता
                             गुल, फ्लेम आफ फोरेस्ट
                             पत्तों से भी पहचाना जाता,
फलीदार यह पौधा होता है
नाइट्रोजन अवशोषित करता
                              भीषण गर्मी में आग सा लगे
                              आग सा देखकर जन डरता,
कई प्रकार के स्टेराइडस दे
पत्ते होते हैं करीब सदाबहार
                             गर्मियों में मधुर छाया देता है
                             लकड़ी का बनता मोती हार,
प्राकृतिक रंग इसी से बनता
लकड़ी टिकाऊ जलरोधी है
                              कृत्रिम आभूषण इससे बने
                              कई दवाएं इसी से शोधी हैं,
पैरासिटामोल को बांधता है
हेमिप्लेजिया के काम आए
                               गठिया के रोग में हो प्रयोग
                               बदहजमी को भी दूर भगाए,
बुखार रोकने की हो क्षमता
अंदर के बीज भी खाए जाते
                                 जब बहुत गर्मी पड़ रही हो
                                 गुलमोहर पर लाल फूल आते,
गर्मी में होती इसकी पहचान
पत्ते कम होते और फूल हजार
                                 आकर्षण का केंद्र बन जाता है
                                  जीव जंतु भी करते इससे प्यार,
भूरे तने का यह पेड़ कहलाता
बड़ी-बड़ी फलियां लगती यहां
                                  जंगल में खड़ा मिले यहां वहां
                                  कई दवाओं में प्रयोग करे जहां।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**

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