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Sunday, April 20, 2014

खरगोश या टमाटर

कभी-कभी प्राकृतिक वस्तुएं भी किसी जीव या जंतु से मिलती जुलती बन जाती हैं जिन्हें देखकर लगता है कि भगवान् का संसार एवं लीला निराली है। एक टमाटर एक खरगोश बन जाए तो क्या कहने? कनीना में डा नरेश वर्मा ने सब्जी खरीदी और सब्जी में निकला एक खरगोश जिसको देखकर वो अति प्रसन्न हुए। यह खरगोश कोई जीव नहीं अपितु टमाटर ही खरगोश का रूप धारण किए हुए है। भगवान् की अजीब करामात दिखाते हुए कहा कि इसके न केवल खरगोश की भांति दो बड़े कान ही पैदा हुए हैं अपितु दो आंखें एवं एक मुंह भी लगाया गया है। यह टमाटर अपने आप ही इस रूप में पैदा हुआ है। इसे देखकर लगता है कि भगवान् न जाने किस वस्तु को क्या रूप दे दे? कुछ भी कहे डाक्टर ने अपने क्लीनिक पर इस खरगोशनुमा टमाटर को दिखाने के लिए रख दिया है। लोग एवं मरीज इसे देखकर दंग रह जाते हैं।   वनस्पति शास्त्री एचएस यादव का कहना है कि कभी कभार इस प्रकार की नई आकृति फल बनते समय हो जाती है जिसके चलते दो या अधिक फल अलग होने की बजाय जुड़कर नई प्रकार की आकृति बन जाती है।

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