घड़ा
आए दिन बढ़ रहे रोग
पीते हैं फ्रिज का पानी
मिट्टी के घड़े बेहतर हैं
इनका नहीं कोई सानी,
बाइबल में मिले वर्णन
पानी के ये अच्छे पात्र
इनसे बेहतर तांबे के हैं
तांबे के ये होते हैं दात्र,
13 डिग्री ताप बना देते
सर्दी जुकाम से रखे दूर
शरीर इनको सहन करे
फ्रिज का तोड़ देते गरुर,
सुराही, बरुआ व घड़ा
मटके के कहलाते रूप
चाय, पानी रहे अच्छा
साफ रहता इनमें सूप,
आवे में पकाए जाते हैं
तीसरे दिन ही पकते हैं
अमीर भी प्रयोग में ले
गरीबी को ढक लेते हैं,
भूल गए अब घड़ों को
इसलिए रोग बुलाते हैं
घड़े जन को हंसाते हैं
फ्रिज तो जन रुलाते हैं,
गरीब जन का खाना है
कितने बिलवाते पापड़
दिन रात मेहनत करके
बनाते इनको सुंदर घड़,
कबीर ने वर्णन किया है
शिष्य के समान बताया
कुम्हार करते कलाकारी
पानी पिला जग हंसाया।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना*****
कनेर
वन उपवन को झांको
रंग बिरंगे खिले फूल
कुछ इनमें जहरीले हैं
छूने की मत करो भूल,
निरियम नाम का पौधा
जहरीली होती आकृति
कई रंगों के फूल खिले
लंबी चौड़ी होती प्रकृति,
300 बीसी का इतिहास
रामायण में आता वर्णन
रावण ने पहनी थी माल
खो दिया था अपना मन,
ओलियंडर है स्पीशिज
जीवों को दे मौत उतार
यहां वहां खड़ा मिलेगा
मत तोड़कर देना उधार,
त्वक रोगों में काम आए
कोढ़ी लगाते इसका लेप
पत्तों में ग्लाइकोलाइड्स
तेल का इसका करे लेप,
हरिण जीव पास न आते
कीटों का कर दे विनाश
प्रत्येक भाग है जहरीला
कभी न रखना इसे पास,
सफेद, पीला व गुलाबी
कई रंगों में देता चमक
बागों में बढ़ाता है शोभा
कभी न इसे लेना चख,
कई देशों में मिलता है
ओलाइव से मिले रूप
दूर से आकर्षित करता
सहता रहता सर्दी धूप।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना*****
पत्थर चट
अफ्रीका की यह उत्पत्ति
पत्थर चट कहलाता सदा
ब्रायोफिलम जीनस इसका
गमलों में मिलता यदा कदा,
कम पानी में रह सकता यह
पत्तियों से जनन कर लेता है
पत्थर पर भी अगर उग जाए
पत्थरों पर जीवन पा लेता है,
अजीबोगरीब यह पौधा होता
कभी न हो इसका जीवन अंत
घरेलू रोगों का उपचार करता
ये अद्भुत नुसखे बतलाते संत,
घरों में खड़ा यह शोभा देता है
बीजों का कभी नहीं दे उपहार
इसके पत्तों का नित्य सेवन से
नहीं हो सके रोगों से कभी हार,
पत्थरी जब कभी गुर्दे में हो जाए
ब्रायोफिलम पत्तों का सेवन करते
खून संचरण, ब्लड शूगर रोगों में
मायरेक्ल लीफ प्लांंट याद करते,
पत्थर को जब यह चट कर जाए
शरीर की पत्थरी को नहीं छोड़ेगा
देखने में लगे यह सीधा सादा यह
प्रयोग से खून सदा नशों में दौड़ेगा,
सर्दी जुकाम लग जाए घर में जब
ब्रायोफिलम से किया जाए इलाज
कितने ही रोगों में काम आता यह
इसलिए दिलों पर सदा करता राज।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
आक
आक, मदार व आकड़ा
कैलोट्रोपिस प्रोसेरा भी
एक पौधे के नाम सभी
डैड सी एप्पल भी यही,
रेगिस्तान में मिलता यह
गर्मियों में खिलते हैं फूल
सहते हैं भीषण गर्मी को
इसके नहीं कांटे न शूल,
सफेद पाउडर से ढके हैं
इसके पत्ते औैर टहनियां
बकरी आक का दुश्मन
उसको नहीं हो हानियां,
मिलटन ने किया बखान
पैराडाइज्ड में आक का
आदम और हव्वा खाए
जहरीला फल आक का,
डैड सी एप्पल कहलाए
आक पूजा के काम आए
जादू टोने आकड़ा से होते
लोगों ने ये घरों में उगाए,
अति जहरीला पौधा होता
दूध दिल पर करता असर
कैलोट्रोपिन इसमें मिलता
खा पी ले तो मृत्यु का डर,
रोगों में काम मदार आता
डायरिया रोग दूर भगाता
कैंसर, बुखार, सांप काटे
तब ही कोई घर में लाता,
बदहजमी, पेट का फोड़ा
दांत दर्द को दूर कर देता
बदहजमी व पेट बीमारी
सब कष्टों को ये हर लेता,
बिना वैद्य की सलाह लिए
कभी न प्रयोग करना आक
बहुत काम की चीज है यह
गली, चौराहे पर रहा झांक।
*****होशियार सिंह, लेखक, कनीना*****
धतूरा
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गहरे हरे रंग का पौधा
धतूरा जग में कहलाए
दतुरा वंश इसका होता
स्ट्रामोनियम जन सुहाए,
गहरे हरे रंग का एक पौधा
धतूरा जग में वो कहलाए
दतूरा वंश इसका ही होता
स्ट्रामोनियम जन सुहाए,
अमेरिका में हुई उत्पत्ति
लिनियस ने दे दिया नाम
एल्कलोइड्स से परिपूर्ण
जहरीला करे काम तमाम,
दवा बनती धतूरे की कई
बेहोशी के भी काम आए
पीए अगर अधिक इसको
मानव दिग्भ्रमित सो जाए,
पार्किनसन रोग लगता तो
धतूरे की दवा काम आए
अस्थमा मरीज परेशान हो
धतूरा की दवा मरीज खाए,
आस्था से जुड़ा हुआ धतूरा
शिव शेखरण भी कहलाए
शिव भोले पर करते अर्पित
मन की मुरादें पूरी जन पाए,
जंगलों में खड़ा होता धतूरा
जंगली धतूरा वो कहलाता
घरों में गमले में खड़ा मिले
शुभ कर्म का फल वो पाता,
विशेष गेंद सा इसका फल
काले बीज खूब मिल जाए
नजर का चक्र जब कभी हो
कहते हैं इसी से मुक्ति पाए।
****होशियार सिंह, लेखक, कनीना****
प्याज
अलियम सेपा नाम जिसका
2000 वर्ष पुराना है इतिहास
ग्रामीण लोग इसे प्याज कहे
लाखों जन सलाद के हैं दास,
चीनी, प्रोटीन व फाइबर युक्त
विटामिन,फोलिक एसिड,वसा
कितने ही खनिज लवण मिले
खास स्वाद मजा दिल में बसा,
देखने में लगती प्याज छोटी सी
पर करवा सकती है जग हंसाई
एक बार खाई तो बारंबार खाई
केंद्र की 1998 में सरकार गिराई,
विशेष महक प्याज में पाई जाए
सल्फोनिक अम्ल है इसमें प्रचुर
अम्ल गैस बनकर आंखों में आए
आंखों से फिर अश्रु धार बह जाए,
एक वर्षीय और बहुवर्षीय प्याज
छुपाए हुए कितने ही अंदर राज
कोलस्ट्रोल और कैंसर रोग घटाए
हैजा, पेट रोगों में काम करे प्याज,
लाल, सफेद, पीली और कई रंग
तीखी, मीठी और कड़वा है स्वाद
सब्जी और सलाद का है आधार
खा ले प्याज वो रखे इसको याद,
कच्ची खाओ और चटनी बनाओ
जैसे भी हो बस प्याज ही खाओ
यौन शक्ति बढ़ाए, शूगर को घटाए
पेशाब रोगों में प्याज काम में आए,
लत पड़ी प्याज, ब्याज व खाज की
वो नहीं भूले कभी तीनों का स्वाद
होशियार कहते मेसी रोटी व प्याज
बचपन में खाई थी अब आती याद।।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
सोहंजना
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प्रकृति का अद्भुत पेड़
ड्रमस्टिक ट्री कहलाए
मोरिंगा है वंश इसका
रामबाण पेड़ जाना जाए,
मदर्स बेस्ट फ्रेंड नाम
महिला में दूध को बढ़ाए
खनिज लवणों से भरा
विटामिन स्रोत जाना जाए,
जड़, तना, पत्ती, फूल
फल काम में लाया जाए
हर रोग में बेहतर यह
फल काटकर सब्जी बनाए,
पत्तों से सलाद अचार
बीजों का तेल बहु उपयोगी
बीपी, शूगर हो कैंसर
सभी रोगों में काम में आए,
पेट रोग या जोड़ दर्द
एड्स, तनाव, बुढ़ापा आए
अद्भुत पौधा लो प्रयोग
रोग, बुढ़ापा पास नहीं आए,
पत्तों को नमक जल धो
छांव में उनको लो सुखाए
बारिक पीस कर छानो
रोटी, सब्जी मिलाकर खाए,
जड़ है होर्सरेड्डिश जैसी
अत: यह होर्सरेड्डिश कहलाए
आस पड़ोस में खड़ा है
सोहंजना घर में लाकर खाए।।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
गुलाब
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सुगंध से भरा हुआ
गुलाब का एक फूल
सौ प्रकार की प्रजाति
तने पर लगे तीखे शूल,
विटामिन सी से भरा
इत्र इससे बनाया जाए
गुलाब जल, गुलकंद
दवाओं में ये काम आए,
नूरजहां ने किया था
गुलाब इत्र का अविष्कार
गुलाब उगाने से ही
रजवाड़ों का रहा है प्यार,
दो हजार पुष्पों से ही
एक ग्राम तक निकले तेल
कम ताप पर पैदा हो
पुष्प व साहित्य का मेल,
नेहरू गुलाब के प्रतीक
रोसा वंश यह कहलाए
बहुवर्षीय पौधा होता है
जन-जन दिल बहलाए,
12 फरवरी गुलाब दिवस
कोमलता में बड़ा नाम
पूजा स्थलों पर चढ़ता है
गाजीपुर में गुलाब काम।
**होशियार सिंह, लेखक, कनीना**
कभी-कभी प्राकृतिक वस्तुएं भी किसी जीव या जंतु से मिलती जुलती बन जाती हैं जिन्हें देखकर लगता है कि भगवान् का संसार एवं लीला निराली है। एक टमाटर एक खरगोश बन जाए तो क्या कहने? कनीना में डा नरेश वर्मा ने सब्जी खरीदी और सब्जी में निकला एक खरगोश जिसको देखकर वो अति प्रसन्न हुए। यह खरगोश कोई जीव नहीं अपितु टमाटर ही खरगोश का रूप धारण किए हुए है। भगवान् की अजीब करामात दिखाते हुए कहा कि इसके न केवल खरगोश की भांति दो बड़े कान ही पैदा हुए हैं अपितु दो आंखें एवं एक मुंह भी लगाया गया है। यह टमाटर अपने आप ही इस रूप में पैदा हुआ है। इसे देखकर लगता है कि भगवान् न जाने किस वस्तु को क्या रूप दे दे? कुछ भी कहे डाक्टर ने अपने क्लीनिक पर इस खरगोशनुमा टमाटर को दिखाने के लिए रख दिया है। लोग एवं मरीज इसे देखकर दंग रह जाते हैं। वनस्पति शास्त्री एचएस यादव का कहना है कि कभी कभार इस प्रकार की नई आकृति फल बनते समय हो जाती है जिसके चलते दो या अधिक फल अलग होने की बजाय जुड़कर नई प्रकार की आकृति बन जाती है।
ककड़ी
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ककड़ी आई बाजार में
देख-देख जी ललचाए
कच्ची-कच्ची मंगवाकर
खार लगा मजे से खाए,
गर्मी का यह तोहफा है
बच्चे, बूढ़े मन को भाए
लो चलो बाजार में अब
ताजा-ताजा ककड़ी लाएं।
गर्मियों में का बेल पत्र प्रयोग पेट की सभी बीमारियों में रामबाण औषधि है। बेल पत्र के पत्ते जहां शिव भोले को अर्पित किए जाते हैं वहीं शूगर की बीमारी में इसके पत्ते प्रयोग किए जाते हैं। बदहजमी, पीलिया, आंतों की सफाई एवं कई अन्य पेट संबंधित बीमारियों में गर्मी के समय जरूर प्रयोग करना चाहिए। कनीना जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा में एक फार्म पर दो-दो किग्रा तक के बेल पत्र आकर्षण
का विषय बने हुए हैं।