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Wednesday, November 27, 2019

 मिर्च 

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कैप्सिकम एनम 

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लाल मिर्च, हरी मिर्च, मोरची, लंका, लाल मारचा, मीरापकाया

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मिर्च को कैप्सिकम एनम नाम से जाना जाता है। एनम का अर्थ होता है वार्षिक अर्थात मिर्च का पौधा प्राय एक साल तक जीवित रहता है किंतु सर्दी से बच जाए तो यह कई वर्षों तक जीवित रह सकती है। मिर्च हरी,काली,लाल, पीली कई रंगों के कारण होता  है। वास्तव में कैरोटीन पदार्थ के रंग बदल लेने से मिर्च का रंग लाल,पीला,हरा आदि मिलता है। मिर्च प्राय शिमला, लंबी मिर्च, ठिगनी, मोटी मिर्च आदि कई प्रकार की होती हैं। शिमला मिर्च खाने से वजन घटता है वही गठिया, कैंसर रोग समाप्त हो जाता है। यह आयरन की कमी को दूर करने, डायबिटीज कंट्रोल करने के काम आती है।
मिर्च का जन्म स्थान दक्षिणी अमेरिका है जहां से यह सभी सभी जगह फैली। मिर्च में विटामिन बी, बी-6, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि मिलते हैं। इसमें स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ भी पाए जाते



हैं। शिमला मिर्च खाने से जार रक्तचाप नियंत्रित रहता है वहीं एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाया जाता है। मिर्च कैंसर से लडऩे की क्षमता रखती है वहीं रोगों से बचाती है। मिर्च खाने से फेफड़े का कैंसर खतरा घट जाता है, हमारे मूड को सुधार देती है हरी मिर्च बीमारियों से लडऩे की क्षमता रखती है वहीं पाचन तंत्र को मजबूत कर और आंखों की रोशनी अच्छी बनाती है, अर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी लाभप्रद है। ऐसे में हरी मिर्च जरूर खानी चाहिए।

     मिर्च बिना जीवन अधूरा सा लगता है। एक जमाना था जब मिर्च कम प्रयोग करते थे फिर मिर्च की मात्रा खाने में बढ़ती ही चली गई। अब तो मिर्च को सीधे ही खाने की लालसा बढ़ती ही जा रही है। मिर्च का मूल स्थान मैक्सिको है। माना जाता है कि नाविक कोलंबस यूरोपीय धरती पर कदम रखा तो मिर्च यूरोप चली गई।
यूं तो मिर्च चूहों का जहर बनाने, चोर डकैत आंखों में मिर्च डालने में तथा कई अन्य रूपें में करते हैं वहीं मिर्च से कितने ही खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं। भूत झोलकिया मिर्च को पूरी दुनिया में सबसे तीखी और तेज मिर्च के रूप में वर्ष 2007 में गिनीज बुक ऑफ रिकाडर्स में भी दर्ज किया गया है। यह मिर्च अन्य मिर्च के मुकाबले 400 गुना ज्यादा तीखी होता है जो असम, नागालैंड और मणिपुर में पैदा की जाती है। 

  यह मिर्च देश के सुरक्षा बल उपद्रवियों के खिलाफ भी इस्तेमाल करते हैं। इस मिर्च के इस्तेमाल से आंसू गैस के गोले बनाए जाते हैं। इससे आंखों में तेज जलन होती है और दम घुटने लगता है किंतु शारीरिक नुकसान नहीं होता है।
   मिर्च में विटामिन-ए, बी-6, सी, लोहा, तांबा, पोटैशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि प्रचुर मात्रा में मिलते है। इसमें स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ भी पाए जाते हैं। रक्तचाप को नियंत्रित करने,मधुमेह होने की स्थिति में रक्तचाप का स्तर नियंत्रित रखने के काम आती है। एंटी बैक्टीरियल गुण पाया जाता है वहीं यह त्वचा के लिए जलनविरोधी गुण पाया जाता है। विटामिन-सी के कारण रोगों के लडऩे की क्षमता,  बंद नाक का खुल जाती हैवहींकैंसर से लडऩे और शरीर को सुरक्षित रखने, एंटी ऑक्सीडेंटस के कारण फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी कम होता है

 धूम्रपान का सेवन करने वालों को हरी मिर्च को अपने भोजन में ज्यादा खानी चाहिए।हरी मिर्च में कैलोरी बिल्कुल भी नहीं होती। विटामिन-ई के कारण त्वचा के लिए, हरी मिर्च खाने से





प्रोस्टेट की समस्या का अंत होता है,दिल के लिए लाभकारी होती है। मिर्च भोजन का पाचन जल्दी करती है। चोट, घाव में दांतों और आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। शरीर के अंगों में होने वाले दर्द को भी कम करती है। मिर्च में अमीनो एसिड, एस्कार्बिक एसिड, फोलिक एसिड, सिट्रिक एसिड, मैलिक एसिड, मैलोनिक एसिड भी पाए जाते हैं।  

**होशियार सिंह, लेखक,कनीना,महेंद्रगढ़, हरियाणा**

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