Bathua |
Kanina 18 Feet Bathua |
बथुआ एक शाक है जिसमें विटामिन ए की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है। बथुआ एक रबी फसल के साथ उगने वाला शाक है जिसे चिनोपोडियम एल्बम नाम से जाना जाता है। यह देखने में एक छोटा हरा पौधा दिखता है किंतु अति लाभकारी और बीमारियों को दूर करता है। इसे चील भी का कहते हैं। बथुआ साग एवं सब्जी दोनों रूपों में प्रयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों में सुगंधित तेल, पोटाश तथा उपयोगी पदार्थ पाए जाते जो वात, पित्त और कफ रोगों को शांत करते हैं। पेट के कीड़ों का नाश करता है। आंखों की रोशनी बढ़ाता है। पाचन शक्ति लाभकारी है। भोजन में रूचि बढ़ाने वाला, कब्ज मिटाने वाला यह हरे रंग का होता है किंतु लाल रंग का भी मिलता है। पेशाब की तकलीफ है अथवा कम आता है तो है यह लाभकारी है। गुर्दे संबंधित बीमारियों में लाभकारी है। पीलिया नामक रोग खत्म कर देता है। बुखार के बाद कमजोरी में इसका साग खाना लाभप्रद माना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में पर्याप्त मात्रा में इस समय उपलब्ध है। इसे अब तो सब्जी की दुकानों पर भी देखा जा सकता है।
यह एक खरपतवार है। कनीना जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा में लेखिका आशा यादव के घर में विगत चार वर्षों से हर वर्ष 18 से 20 फुट का बथुआ मिलता है जो लोगों को चकित कर देता है।
***होशियार सिंह, लेखक,कनीना,हरियाणा**
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