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Tuesday, November 26, 2019

गोखरू 

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गोक्षुर

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गोखरू 

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गोक्षुर

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 पेडालियम मुरेक्स 

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गोखरू एक शाक के रूप में असिंचित भूमि पर पर्याप्त मात्रा में मिलता है। यह दो रूपों में पाया जाता है बड़ा गोखरू तथा छोटा गोखरू। छोटा गोखरू गांवो में भाखरी, भाखड़ी नामों से जाना जाता है। यह पशुओं विशेषक ऊंट को खिलाने के काम आता है किंतु जब पक जाता है तो फल पर कांटे आ जाते है।
 वहीं बड़ा गोखरू अति उपयोगी माना जाता है किंतु छोटा गोखरू भी किसी प्रकार से बड़े गोखरू से कम नहीं है। गोखरू का वैज्ञानिक रूट्रायबलर ट्रिब्यूलस टेरेस्ट्रिस नाम से जाना जाता है। गोक्षुर नाम से भी जाना जाता है। यह धरा पर फैलता है तथा पीले रंग के फूल आते हैं।  इसके फल कांटे युक्त होते हैं। यदि इसके फलों को देखा जाए तो चने से कुछ बड़े होते हैं। गोखरू का स्वभाव शीतल, मधुर, वात नाशक माना जाता है। कहीं-कहीं तो इसको गरीब लोग भी पीसकर आटे के रूप में खाते हैं।
 यह बहुत उपयोगी पदार्थ है। यह वीर्य वर्धक तथा विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभकारी है। नपुंसकता को दूर करता है। प्रमेह विकार, गुर्दे के विकार, असमारी, सुजाक, मूत्र विकार संबंधी बीमारियों में भी काम आता है। आयुर्वेद में दशमूल नामक औषधियों में यह भी एक प्रमुख रूप से डाला जाता है। गोखरू अर्थात गुडख़ुल जंगलों में पाई जाने वाली वनस्पति है। यह शारीरिक कमजोरी, इनफर्टिलिटी, एग्जिमा, यौन समस्याएं ठीक करने, सीने में दर्द कम करने आदि के अतिरिक्त कई शारीरिक बीमारियों में काम आता है। प्राय यह जीवाणु रोधी, एंटीऑक्सीडेंट एंटी इन्फ्लेमेटरी पदार्थ होता है।
  यह कब्ज, उच्च रक्तचाप, उच्च कॉल स्ट्रोल बांझपन, पाचन मुद्दे, एनीमिया, कैंसर, खांसी आदि में भी इसका उपयोग होता है जिसके प्राय ग्रामीण क्षेत्रों में लड्डू बनाए जाते दिन गोखरू के लड्डू कहते हैं। जो अति पौष्टिक माने जाते हैं। जिन युवा वर्ग में शारीरिक कमजोरी होती है उन्हें भी ये प्राय खिलाए जाते हैं।




               गोखरू
           (पेडालियम मुरेक्स)
कई देशों में पाया जाए
                        गहरे रंग का एक शाक
दवाओं में बहु उपयोगी
                       आयुर्वेद में जमाता धाक,
पत्ते पकाकर सब्जी बने
                      अच्छी सब्जी का है स्रोत
गुर्दे की पत्थरी दूर करता
                       कमजोरी में जलाता जोत,
वियाग्रा का काम करता है
                      पेट की अल्सर करता दूर
भूख को बढ़ाता है झटपट
                       खांसी को कर देता है चूर,
मूत्र के रोगों को हटा देता
                      त्वचा के विकार करता दूर
दमा, डायरिया, ल्युकोरिया
                      हृदय रोग कर दे चकनाचूर,
शरीर दर्द में होता उपयोगी
                      खून को करता है यह साफ
माहवारी को बढ़ाता है यह
                     कोढ़ शरीर का कर दे साफ,
शरीर दर्द में बड़ा उपयोगी
                      पत्ते भी बहु उपयोगी होते
शरीर की गर्मी को दूर करे
                    गर्मी से जब जन खूब रोते,
बवासीर को दूर भगाता है
                  पत्तों में है पोटाशियम,जस्त
फल में बेरियम पाया जाता
                 खाए जन तो हो जाए मस्त,
जंगलों में खड़ा मिलता यह
                भाखड़ी से गुण मिलते खूब
पत्ते पानी में लार छोड़ते हैं
                बनाकर पी लो इसका सूप।
         


**होशियार सिंह, लेखक, कनीना, हरियाणा, भारत**

 
** होशियार सिंह लेखक, कनीना, महेंद्रगढ़ हरियाणा***

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