गायों की नस्लें सुधारना है मुख्य उद्देश्य-भगत सिंह प्रधान
--प्रतिदिन दो लाख रुपये खर्च आ रहे हैं गौशाला पर
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कनीना की आवाज। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में जब से भगत सिंह प्रधान ने कार्यभार संभाला है तब से जहां गायों को गोद लेने का सिलसिला बढ़ा है। वही गायों के लिए दान पुण्य भी बढ़ता ही जा रहा है।
भगत सिंह प्रधान ने बताया कि उनका उद्देश्य श्री कृष्ण गौशाला में गायों की नस्लें सुधारना है। इसके लिए व्यापक प्रबंध कर रहे हैं ताकि अच्छी नस्ल के सांडों से संकरण करवा कर उन्नत नस्ल की गाये तैयार हो सके। जिससे कोई भी व्यक्ति इन गायों को अपना सके और घरों में पाल सके। उन्होंने बताया कि समय 1400 गाये हैं जिन पर 40 कर्मचारी उनकी सेवा में लगे हुए हैं जो डॉक्टर भी उनकी सेवा कर रहे हैं। वह गायों के लिए अलग-अलग बाड़े बनवा रहे हैं ताकि गाये अच्छी प्रकार पल सके। उनके बाहर घूमने का भी प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने बताया प्रतिदिन दो लाख रुपये गौशाला पर आ रहा है।
उन्होंने बताया इस समय गौशाला में गिर एवं हरियाणवीं नस्ल की गायें हैं। 10000 मण कड़बी इकट्ठी की जा चुकी है। 13 ट्रैक्टर बाहर से लगाए गये। प्रत्येक ट्रैक्टर का किराया 900 रुपये प्रति ट्रैक्टर हिसाब से दिया गया जबकि तीन ट्रैक्टर गौशाला के रहे। इस प्रकार 7 लाख रुपये खर्च करके कड़बी का व्यापक प्रबंध किया है। अब उनकी गौशाला अच्छे ढंग से चल पाएगी। उन्होंने लोगों का आह्वान किया की गौशाला में आए और गायों की सेवा धर्म भी निभाये।
तीन गोग्रास गाडिय़ां लगाई है-
भगत सिंह प्रधान ने बताया कि तीन गोग्रास गाडिय़ां लगी हुई है जो कनीना के अतिरिक्त गाहड़ा, कोटिया भडफ़ व करीरा आदि गांव से गोग्रास लाती है। भगत सिंह ने बताया कि लोग गाड़ी में गली सड़ी सब्जी एवं पालीथिन डाल देते हैं जिससे गाये बीमार हो रही और मरने का खतरा बन जाता है। ऐसे में उन्होंने लोगों से अपील की की गो ग्रास गाडिय़ों में किसी प्रकार की गली सड़ी सब्जी न डाले तथा पालीथिन डालने से बचे।
7 गाये ली गोद,दिया दान -
कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में सात गाये अलग अलग लोगों ने गोद ली तथा दन दिया। इनमें जीविका गर्ग नानौल ने एक, हरिकिशन बंसल ने तीन, निशा शर्मा फरीदाबाद ने एक, कीर्ति मुदगिल ने एक, राज श्री शर्मा ने एक गाय गोद ली। उन्होंने गौशाला कुल 36 हजार रुपये दान दिया। इस मौके पर अमित गर्ग, सतीश चंद्र शर्मा सहित भगत सिंह श्रीकृष्ण गौशाला प्रधान ने उनका अभिनंदन किया तथा इस कार्य की सराहना की।
इस मौके पर रामपाल यादव, दिलावर सिंह यादव, बलवान सिंह आर्य, कृष्ण प्रकाश गुरुजी, मास्टर रामप्रताप, प्रवीन कुमार मुनीम आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 09: भगत सिंह प्रधान एवं गौसेवक गायों की सेवा करते हुए
हैफेड के एमडी मुकुल कुमार ने कनीना मंडी का दौरा कर खरीद कार्यों का लिया जायजा
--किसानों की सुनी समस्याएं
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कनीना की आवाज। हरियाणा स्टेट को-ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (हैफेड) के प्रबंध निदेशक (एमडी) मुकुल कुमार ने आज कनीना मंडी का औचक दौरा कर खरीफ फसल के चल रहे खरीद कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और सरकारी दिशानिर्देशों का पूर्णत: पालन हो।
इस अवसर पर हैफेड के जिला प्रबंधक (डीएम), प्रवीण भारद्वाज सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
एमडी श्री कुमार ने मंडी में खरीद प्रक्रिया का विस्तृत जायजा लिया।
उन्होंने उपस्थित किसानों और आढ़तियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति बनाए रखी जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों के लिए मंडी में पीने के पानी, बैठने की व्यवस्था और शौचालय सहित सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
श्री मुकुल कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार के निर्देशानुसार खरीफ फसल की खरीद प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित तरीके से चलनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे खरीद, उठान और भुगतान के कार्यों में तेजी और सटीकता बनाए रखें, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई विलंब न हो और उनका भुगतान समय पर हो सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि फसल खरीद के दौरान गुणवत्ता मानकों से कोई समझौता न किया जाए।
फोटो कैप्शन 10: कनीना अनाज मंडी में एमडी मुकुल कुमार किसानों से मिलते हुए
7 गाये ली गोद,दिया दान
-अब तक 200 से अधिक गाये ली जा चुकी हैं गोद
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कनीना की आवाज। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में सात गाये अलग अलग लोगों ने गोद ली तथा दन दिया। इनमें जीविका गर्ग नानौल ने एक, हरिकिशन बंसल ने तीन, निशा शर्मा फरीदाबाद ने एक, कीर्ति मुदगिल ने एक, राज श्री शर्मा ने एक गाय गोद ली। उन्होंने गौशाला कुल 36 हजार रुपये दान दिया। इस मौके पर अमित गर्ग, सतीश चंद्र शर्मा सहित भगत सिंह श्रीकृष्ण गौशाला प्रधान ने उनका अभिनंदन किया तथा इस कार्य की सराहना की।
इस मौके पर रामपाल यादव, दिलावर सिंह यादव, बलवान सिंह आर्य, कृष्ण प्रकाश गुरुजी, मास्टर रामप्रताप, प्रवीन कुमार मुनीम आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन: भगत सिंह प्रधान
दीये बनाने में व्यस्त है प्रजापति समाज के लोग
-दीपावली पर बिकते विभिन्न प्रकार के मिट्टी के दीपक
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कनीना की आवाज। दीपावली पर खुशियों को व्यक्त करने के लिए परम्परागत रूप से जलाए जाने वाले दीयों को बनाने में प्रजापति जाति के लोग व्यस्त हैं। ये दीये बनाकर अपनी रोटी रोजी कमाने के लिए दीपावली पर बेचते हैं।
दीपावली के आगमन से करीब एक माह पूर्व ही प्रजापति जाति के लोग मिट्टी लाकर चाक पर दीपक बनाते हैं। तत्पश्चात उन्हें पकाकर घर-घर उपलब्ध कराते हैं। एक वक्त था जब दीपावली के शुभ दिन पर घी के दीये जलाते थे किंतु अब दीयों के प्रति रुझान भी बदल गया है। श्रीराम के 14 वर्षों का वनवास पूरा करके, रावण पर विजय पाकर जब सीता सहित राम, लक्ष्मण व हनुमान अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने खुशी के मारे घरों में घी के दीये जलाए थे और तत्पश्चात प्रति वर्ष उसी याद को दिलों में संजोकर प्रतिवर्ष घी के दीये जलाते आ रहे हैं। परंतु अब तो लोग तेल के दीये भी नहीं जलाते अपितु मोमबत्ती जलाकर ही खुशी व्यक्त करते हैं। प्रजापति जाति के लोगों ने बताया कि एक वक्त था जब दीपावली के दिन इतने दीये बिकते थे कि उनके परिवार का गुजर बसर आसानी से हो जाता था। लेकिन अब तो रोटी रोजी के भी लाले पड़ गए हैं। अब तो दीये बनाकर पकाने का काम भी धीमा पड़ गया है। अनेक प्रजापति समाज के लोगों ने तो अपना यह व्यवसाय ही बदल लिया है या फिर दीये खरीदकर लाते हैं और उन्हें घरों में बेचते हैं।
गृहणियों आशा, शकुंतला, नीलम ने बताया कि दीयों को देशी घी से जला पाना कठिन हो गया है क्योंकि देशी घी का भाव भी 1200 रुपये किलो तक पहुंच गया है वहीं रुई की बाती बनानी पड़ती हैं और दीपकों को पानी में भीगोकर रखना पड़ता है ताकि वे घी कम चूसे। बाद में तेल के दीये जलाने की प्रथा चली क्योंकि तेल का भाव भी 200 रुपये किलो से कम नहीं होता है। ऐसे में तेल के दीये जलाना भी आसान काम नहीं है। अब तो दीपावली के दिन मोमबत्तियां ही जलाई जा रही है।
मोमबत्तियां ने चौपट कर दिया दीये बनाने वालों का रोजगार-
दीपावली पर खुशियों को व्यक्त करने के लिए परम्परागत रूप से जलाए जाने वाले दीयों का स्थान मोमबत्तियों ने ले लिया है। प्रजापति समाज के लोगों द्वारा दीये बनाकर अपनी रोटी रोजी कमाने वालों का तो मानो धंधा ही चौपट हो गया है।
कनीना में दीये बनाने वाले आधा दर्जन लोग--
अब तो कनीना में महज आधा दर्जन लोग ही दीये बनाने का काम कर रहा है। घड़े बनाने का काम भी इतने ही लोग कर रहे हैं। अमित कुमार ,उमेश कुमार, मनोहर लाल प्रजापति ने बताया कि मिट्टी के लिए उन्हें दूसरे गांवों में जाना पड़ता है वहां से मिट्टी बहुत मंहगी मिलती है। उस पर ईंधन के रेट भी बहुत ऊंचे हो गए और बनाने के लिए खुला स्थान चाहिए और पकाने के लिए भी खुली जगह चाहिए जो कि उनके पास नहीं है। जिससे बड़ी परेशानी होती है। वे इस रोजगार को छोडऩे के लिए मजबूर हो रहे हैं परंतु क्या करें ?
उन्होंने दर्द झलकाते हुए बताया कि साथ ही जब वे भट्ठी पकाते हैं तो उससे निकलने वाले धुएं से पड़ोसी बहुत परेशान होते हैं जो की बार-बार शिकायत करते हैं। परंतु वे मजबूर हैं इसलिए सरकार से मांग है कि उन्हें बर्तन बनाने के लिए उचित जगह दी जाए और मिट्टी की व्यवस्था की जाए ताकि वे अपना जीवन गुजर बसर कर सकें।
फोटो कैप्शन 07 व 08: कनीना में मिट्टी के दीपक बनाते हुए प्रजापति समाज के लोग।
किसानों ने एमडी हैफेड के समक्ष रखी अपनी मांगे
-सरकार को प्रेषित करने का दिया आश्वासन
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में जहां बाजरे की खरीद 23 सितंबर से शुरू हो चुकी है किंतु एक दाना भी सरकारी तौर पर नहीं खरीदा गया है। अब तक करीब 20,000 क्विंटल बाजरा अनाज मंडी में आया है। जिसमें से निजी तौर पर 10000 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है तथा 10000 क्विंटल के करीब फड़ों पर पड़ा हुआ है। आज तक 769 गेट पास काटे जा चुके हैं लेकिन अभी तक सरकारीतौर पर बाजरे की खरीद नहीं हो पाई है। क्योंकि सरकारी रेट पर जो गुणवत्ता चाहिए वह बाजरे में उपलब्ध नहीं है।
इस संबंध में सचिव मार्केट कमेटी मनोज मनोज पाराशर से बात हुई उन्होंने बताया कि किसानों के गेट पास काटे जा रहे हैं। अब तक कुल 750 गेट पास काटे जा चुके हैं। सरकारी तौर पर बाजार 2775 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब खरीदने के आदेश हैं किंतु जिन मानदंडों पर बाजरा खरीदा जाना चाहिए, जो गुणवत्ता होनी चाहिए वो बाजरे में नहीं है। जिसके कारण सरकारी तौर पर बाजरा नहीं खरीदा गया है। निजी स्तर पर बाजरे की खरीद कम से कम 1950 रुपये तथा अधिकतम 2200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से की गई है। यह बाजरा करीब 10000 क्विंटल खरीदा गया है। इसमें भावांतर भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। एमडी पहुंचे कनीना कनीना अनाज मंडी--
कनीना की नई अनाज मंडी में एमडी हैफेड मुकुल कुमार पहुंचे। इस मौके पर अनेक किसान उनसे मिले और किसानों ने अपना दर्द उनके समक्ष प्रस्तुत किया। किसानों ने कहा कि उनके बाजरे की सरकारी तौर पर खरीद की जानी चाहिए। मुकुल कुमार ने बताया कि जो निर्धारित मानदंड/मानक रखे गए हैं उन पर बाजरा खरा नहीं उतर रहा है। वर्षा द्वारा खराब हो चुका है, इसलिए यह सरकारी तौर पर नहीं खरीदा जा रहा है। इस पर किसानों ने कुछ नियमों में ढील देने की मांग की, जिस पर मुकुल कुमार ने उनसे लिखित लिखित बयान मांगा। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि वे सरकार तक उनकी बात पहुंचाएंगे। किसानों ने लिखित रूप से मुकुल कुमार को अपना ज्ञापन दिया।
इस मौके पर खरीद एजेंसी हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों की समस्या है कि सरकारी तौर पर बाजरा खरीदा जाए किंतु सरकारी तौर पर जो मानक रखे हैं उन पर खरानहीं उतर पा रहा। बाजरे का रंग खराब हो गया है हुआ है। जिसके चलते सरकारी तौर पर नहीं खरीद पा रही है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन बाजरे के सैंपल रेवाड़ी भेजे जा रहे हैं किंतु एक भी अब तक पास नहीं हुआ है।
फोटो कैप्शन 6: एमडी मुकुल कुमार नई अनाज मंडी बाजरे का निरीक्षण करते हुए
साथ में मनोज पाराशर सचिव मार्केट कमेटी
सरकार के आदेश पर बाल रामलीला आयोजित
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कनीना की आवाज। शनिवार को शिक्षा विभाग हरियाणा के निर्देश अनुसार राजकीय प्राथमिक पाठशाला अगिहार में बाल रामलीला का आयोजन किया गया। विद्यालय की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा अर्चना ने बाल कलाकारों को अभिनय के लिए तैयार किया। विद्यालय के मुख्य शिक्षक रतनलाल ने बाल कलाकारों के अभिनय की तारीफ की तथा उन्हें रामायण के विभिन्न पात्रों से प्रेरणा ग्रहण करने की अपील की। बाल रामलीला में कल्पना,कंचन, पूर्व, प्रिंस, इशिका, साक्षी, देविका, प्रियांशी मुस्कान सोफिया, प्रीति तथा साहिल आदि बाल कलाकारों ने उत्कृष्ट अभिनय का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या पूनम यादव मदन मोहन कौशिक, राजेंद्र कटारिया, अजय कुमार बंसल, धर्मेंद्र डीपीई, कैलाश देवी, निशा जांगड़ा, शशि कुमारी,सुरेंद्र सिंह चंद्रशेखर, प्रमोद कुमार सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 04: बाल रामलीला में भाग लेने वाले पात्र
जागरण प्रभाव
खबर प्रमुखता से प्रकाशित करते ही
शिक्षा विभाग ने दो अस्थाई भेजे
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कनीना की आवाज। शहीद हनुमान सिंह राजकीय माध्यमिक विद्यालय कोटिया का समाचार दैनिक जागरण ने ज्यों ही प्रमुखता से प्रकाशित किया त्यों ही शिक्षा विभाग ने दो असथायी तौर पर शिक्षक भेजे हैं। इससे पढ़ाई प्रभावित नहीं हो पाएगी। भेजे गये शिक्षकों में पीटीआई तथा संस्कृत प्रमुख हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमसी सदस्य देशराज यादव ने बताया कि शिक्षक तो भेज दिए किंतु मुख्य विषय गणित एवं विज्ञान का कोई शिक्षक नहीं भेजा है। उन्होंने सरकार से मांग की है की गणित या विज्ञान विषय में से एक शिक्षक जरूर भेजें ताकि विद्यार्थी की पढ़ाई सुचारु रूप से चल सके। उन्होंने साथ में कहा कि जब तक स्थायी शिक्षक नहीं आते तब तक कोई विज्ञान या गणित का प्रतिनियुक्ति या अस्थाई तौर पर भेजा जाए।
फोटो कैप्शन 5: दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार
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