परवल
(ट्राइचोसेंथिज डायोका)
मीठी, कड़वी दो रूपों में
मिलती परवल की सब्जी
कच्ची की सलाद बनाओ
मिले पेट में जिन्हें कब्जी,
हरा आलू भी कहाए यह
नुकीला गार्ड यह कहाए
धारी कभी फल पर पाए
पटोल भी यह कहलाए,
उत्तर प्रदेश में होती खेती
दिल जैसे पत्तों वाली बेल
नर-मादा अलग-अलग हैं
फलों का बेल का है खेल,
विटामिन ए व सी मिलती
कचरी से यह मिलता फल
कई रोगों को मिटा देता यह
सलाद व सब्जी का ये हल,
कई खनिज लवण प्राप्त हो
मैग्रेशियम,तांबा और गंधक
क्लोरिन, पोटाशियम लवण
खाकर जिया करे धक-धक,
कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत
खून के विकार करता यह दूर
शुगर का रोग जब लग जाता
खाओगे इसे कर देगा यह चूर,
सूप बनता, करी बनाकर खाते
मिठाई में डालते,मछली पकाते
सलाद व सब्जी बनाकर खाते
मांस एवं मिक्स सब्जी में खाते,
पक जाए बन जाती यह लाल
उस वक्त खे तो कर दे कमाल
वसा की मात्रा इसमें मिलती है
खाते जो जन वो ठोकते हैं ताल।
***होशियार सिंह, लेखक, कनीना***
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